ईरान और इजरायल की जंग हर दिन भीषण होती रही है. इस जंग का 7वां दिन है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर इस जंग का अंजाम क्या हो सकता है और क्या ये जंग आगे ईरान बनाम अमेरिका हो सकती है? दरअसल, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सीधे तौर पर ईरान और उसके सुप्रीम लीडर खामेनेई को धमकी दे चुके हैं. उन्होंने साफ कहा है कि आने वाले दिनों में कुछ बड़ा होने वाला है.
ऐसे में ईरान और इजरायल की जंग से जुड़े 10 बड़े अपडेट जानना जरूरी है. पहला- ईरान ने इजरायल के दक्षिणी हिस्से में बेर्शेबा शहर के सोरोका अस्पताल पर मिसाइल हमला बोला. दूसरा- ईरान ने गुरुवार सुबह इजरायल में 4 जगहों पर मिसाइल दागीं, इसमें बेर्शेबा, तेल अवीव, रमत गान और होलोन पर मिसाइलें दागीं. तीसरा- ईरान ने कहा सोरोका अस्पताल के पास बने इजरायली सेना के खुफिया हेडक्वार्टर को निशाना बनाया. चौथा- ईरान ने सेंट्रल इजरायल में स्थित स्टॉक एक्सचेंज बिल्डिंग पर भी मिसाइल दागी.
पांचवां- इजरायल में ईरानी मिसाइल हमले में अलग-अलग जगहों पर करीब 176 लोग घायल हुए है. छठा- इजरायल ने कहा खामेनेई मॉर्डन हिटलर हैं, उनके जैसे तानाशाह को जीने का अधिकार नहीं है. उन्होंने हमेशा अपने एजेंटों के जरिए इजरायल को खत्म करना चाहा है. सातवां- हिजबुल्लाह बोला- खामेनेई को धमकी देना करोड़ों मुसलमानों का अपमान. आठवां- इजरायल ने ईरान में अराक हैवी वॉटर रिएक्टर पर हमला का दावा किया. नौवां- इजरायली हमलों में ईरान में अबतक 639 लोगों की मौत, 1,329 लोग घायल. दसवां- रूस ने कहा है कि अमेरिका ने इस जंग में दखलअंदाजी की तो हालात और खराब होंगे.
ईरान के सपोर्ट में आया ईरान
अब ये जानते हैं कि इजरायल पर ईरान के ताबड़तोड़ हमलों के बीच कैसे इजरायली के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू चाह रहे हैं कि जितनी जल्दी हो सके, अमेरिका इस जंग में कूद पड़े. ताकि इजरायल पर ईरान के हमले रुक जाएं, और जंग ईरान बनाम अमेरिका की हो जाए. हालांकि डोनाल्ड ट्रंप खामेनेई को बार-बार धमकियां दे रहे हैं और ट्रंप ने ये भी कह दिया है कि अगले हफ्ते या उससे पहले कुछ बड़ा हो सकता है. लेकिन अब ईरान के सपोर्ट में रूस खुलकर आ गया है. रूस ने सीधे कह दिया है कि अमेरिका, ईरान पर हमला ना करे. वरना दुनिया तबाही से मिलीमीटर दूर है. रूस का ये संकेत एटमी तबाही की तरफ है.
ईरान ने जब इजरायल के दक्षिणी हिस्से में स्थित बेर्शेबा शहर के सोरोका अस्पताल पर हमला किया तो नेतन्याहू ने फौरन कहा कि कि ईरान को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी. इजरायल कह रहा है कि ईरान अब अस्पतालों पर हमला करके आम नागरिकों को निशाना बना रहा है, जबकि ईरान का दावा है कि उसने अस्पताल के पास, इजरायली सेना हेडक्वार्टर समेत दो मुख्य ठिकाने को टारगेट किया है. इस हमले में, 65 लोग घायल हुए हैं. ईरान की एक रिपोर्ट के मुताबिक अस्पताल केवल धमाकों के कारण पैदा हुए कंपन से प्रभावित हुआ. उसे कोई गंभीर नुकसान नहीं पहुंचा. सैन्य ढांचा हमारा स्पष्ट और सटीक लक्ष्य था.
इजरायल ने खामेनेई को बताया मॉडर्न हिटलर
वहीं इस हमले के बाद इजरायल के रक्षा मंत्री ने कहा कि ईरान हाइपरसोनिक मिसाइलों से हमले कर रहा है. उन्होंने कहा कि खामेनेई मॉर्डन हिटलर हैं. उनका अस्तित्व खत्म होना चाहिए. खामेनेई जैसे तानाशाह, जो ईरान जैसे देश का नेतृत्व करते हैं और जिन्होंने इजरायल के विनाश को अपना लक्ष्य बना लिया है, उन्हें इजरायल को खत्म करने के भयानक लक्ष्य को जारी रखने या पूरा होने की अनुमति नहीं दी जा सकती.
कहां तो जंग को इजरायल ने ईरान के परमाणु ठिकानों को नेस्तानाबूद करने और ईरान को न्यूक्लियर पावर बनने से रोकने के लिए छेड़ी थी. और अब ये जंग इजरायल के लिए ही मुश्किलें खड़ी कर रही है, क्योंकि नेतन्याहू ने ईरान के परमाणु ठिकानों को मिटाने की कसम खाई है. ऐसे में अब इजरायल चाहता है कि ट्रंप इस जंग में आएं और अमेरिका अपने ताकतवर बम से, ईरान की न्यूक्लियर साइट्स को मिटा दे. कारण, ईरान ने जिस तरह से अपने फोर्डो न्यूक्लियर प्लांट का रक्षा कवच तैयार किया है, उसे इजरायल अभी तक भेद नहीं पाया है. लेकिन, जैसे ही ट्रंप ने खामेनेई को धमकियां देने शुरू किया. तो ईरान के सपोर्ट में रूस आकर खड़ा हो गया है. पुतिन की तरफ से मैसेज क्लीयर कर दिया गया है कि ईरान पर अमेरिका हमला ना करे, वरना, एटमी तबाही निश्चित है. रूस से उप विदेश मंत्री ने सेंट पीटर्सबर्ग की एक आर्थिक फोरम में साफ-साफ लफ्ज़ों में अमेरिका को इस जंग से दूर रहने की सलाह दी है.
रूस की चेतावनी के बाद भी जंग में कूदेगा अमेरिका?
अभी ट्रंप ने खुद कहा है कि अमेरिका ईरान पर हमला करेगा या नहीं, सिर्फ मुझे पता है. लेकिन ईरान और इजरायल की जंग में अमेरिका के कूदने से पहले ही, रूस ने चेताना शुरू कर दिया है. और बात एटमी तबाही की शुरू हो गई है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इसीलिए, खामेनेई इजरायल और अमेरिका की धमकियों से नहीं डर रहे हैं? रूस ने जनवरी में ईरान के साथ रणनीतिक साझेदारी पर हस्ताक्षर किए थे और इजरायल के साथ भी उसके संबंध हैं. ऐसे में जब पुतिन से खामेनेई की हत्या की संभावना को लेकर सवाल किया गया, तो पुतिन ने सीधे कह दिया कि वो इसपर चर्चा भी नहीं चाहते हैं. जिस तरह से ईरान जंग में इजरायल के पसीने छुड़ा रहा है, ऐसे में इज़रायल को सिर्फ और सिर्फ अमेरिका की मदद का इंतज़ार है, लेकिन क्या रूस की इस सलाह के बाद, अमेरिका जंग में कूदेगा? ये सवाल सभी के मन में है.