Sambhal Violence Police Chargesheet: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में 24 नवंबर 2024 को शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा के मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) ने चंदौसी की एमपी/एमएलए कोर्ट में करीब 1200 पेज की चार्जशीट दाखिल की है. इस चार्जशीट में समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद जियाउर्रहमान बर्क, जामा मस्जिद के सदर जफर अली और 21 अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया है. इस हिंसा में चार लोगों की मौत हुई थी और 29 पुलिसकर्मी घायल हुए थे.
इससे पहले एसआईटी ने करीब 3000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी. उसमें पुलिस ने कहा था कि इस हिंसा में दुबई में बैठे एक गैंगस्टर शारिक साठा का हाथ है. उसको संभल के सांसद जियाउर्रहमान बर्क का संरक्षण प्राप्त था. पुलिस के मुताबिक, साठा ने लोगों को भड़काया था. उसने लोगों से जामा मस्जिद के सर्वे को रोकने के लिए कहा था. उसके इशारे पर हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन की हत्या की साजिश रची गई थी. इस मामले में 79 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी.
इन सभी आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत केस किया गया था. एसपी केके बिश्नोई ने खुलासा किया था कि शारिक साठा गैंग से जुड़े मो. गुलाम ने साल 2014 में सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर गोली चलाई थी. गुलाम को वकील विष्णु शंकर जैन की हत्या की सुपारी दी गई थी. पुलिस ने उसको गिरफ्तार कर लिया था. उसके पास से एक 9 एमएम पिस्टल, 32 बोर की 2 पिस्तौल, 3 विदेशी पिस्तौल, 3 विदेशी कारतूस बरामद किए गए थे.
साठा गैंग का कनेक्शन अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की डी कंपनी से था. पुलिस का दावा था कि शारिक साठा दो दशक से सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क के संरक्षण में काम कर रहा था. पूछताछ के दौरान गुलाम ने बताया कि 23 नवंबर को उसने साठा से फोन पर बातचीत की थी. उसको जामा मस्जिद में सर्वे के बारे में बताया था. जांच में यह भी सामने आया था कि हिंसा के पीछे सुनियोजित साजिश रची गई थी. जियाउर्रहमान बर्क पर भड़काऊ भाषण देने और उकसाने का आरोप लगाया गया था.