अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से आ रहे संकेतों से मिडिल ईस्ट की टेंशन बढ़ गई है. राष्ट्रपति ट्रंप कनाडा में G7 की बैठक बीच में छोड़कर वापस अमेरिका पहुंच गए हैं. वैसे तो ट्रंप ने अमेरिका फौरन लौटने की वजहों को खुलकर नहीं बताया है, लेकिन ईरान के परमाणु इरादों पर उन्होंने सीधा हमला बोला है.
इस बीच इजरायल की सेना ने भी कहा है कि उसके हमलों में कम से कम ईरान के 10 परमाणु वैज्ञानिक मारे गए हैं. हालांकि इजरायल की सेना ने कहा कि वह अपने हमलों से परमाणु आपदा नहीं पैदा करना चाहता.
किन-किन ठिकानों पर हुआ हमला?
ईरान की नतांज परमाणु साइट्स पर इजरायल का अटैक हुआ है. यह ईरान का सबसे बड़ा परमाणु संयंत्र है. वहां पर इजरायली हमले में 2 इमारतें नष्ट हुई हैं. बिजली आपूर्ति और बैकअप तबाह हुआ है. परमाणु निगरानी संस्था IAEA ने भी नतांज में असर पड़ने की बात कही है.
ईरान के इस्फहान परमाणु तकनीकी केंद्र पर हमला हुआ. वहां 4 इमारतों को नुकसान पहुंचा है. फोर्डो परमाणु साइट ईरान की दूसरी सबसे बड़ी परमाणु साइट है. वहां कोई नुकसान नहीं पहुंचा है.
ईरान के बुशहर और अराक परमाणु साइट्स भी अभी इजरायली हमले की पहुंच से दूर हैं.
G7 नेताओं का समर्थन
वैसे ईरान-इजरायल युद्ध में तबाही इजरायल में भी हुई है. लेकिन ट्रंप के संकेतों और इजरायल के पक्ष में खुलकर G7 नेताओं के बयान ने मिडिल ईस्ट में ईरान का संकट बढ़ा दिया है.
इससे कुछ सवाल खड़े हो गए हैं. जैसे- क्या मिडिल ईस्ट की जंग में कूदेगा अमेरिका? क्या G7 से सीधे ‘मिडिल ईस्ट युद्ध कक्ष’ पहुंच रहे हैं डोनाल्ड ट्रंप?
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ईरान-इजरायल युद्ध की तस्वीर
क्या ईरान-इजरायल का यह युद्ध अब और बड़ा होने जा रहा है? दोनों ओर से लगातार जारी हमलों के बीच, क्या अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की रणनीति मिडिल ईस्ट के इस युद्ध में सीधी दखल की हो सकती है?
G7 से सीधे युद्ध की तैयारी?
क्या कनाडा में G7 बैठक बीच में छोड़कर अमेरिका लौटने का डोनाल्ड ट्रंप का प्लान युद्ध से सीधा ताल्लुक रखता है?
ट्रंप का अल्टीमेटम
अमेरिका लौटते हुए कैसे ट्रंप ने अल्टीमेटम दिया, और कहा, ‘सीजफायर नहीं, ईरान के परमाणु हथियारों का अंत ही लक्ष्य है’.
ट्रुथ सोशल पर ट्रंप का खंडन
इस बयान के पहले अपने ट्रुथ सोशल अकाउंट पर ट्रंप ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रो के उस बयान का खंडन किया है, जिसमें मैक्रो ने कहा था कि सीजफायर के लिए ट्रंप अमेरिका लौटे. ट्रंप के मुताबिक उनके अमेरिका लौटने की वजह सीजफायर से बड़ी है.
ईरान को परमाणु हथियार नहीं रखने देंगे
डोनाल्ड ट्रंप बीते दिनों में कई बार कह चुके हैं कि ईरान परमाणु हथियार नहीं रख सकता. G7 देशों के नेताओं का साझा बयान भी इजरायल का समर्थन करता है और ईरान की परमाणु हथियार हासिल करने की क्षमता का सीधा विरोध करता है.
विश्व युद्ध नहीं, पर विभाजन तय?
ऐसे में क्या ईरान-इजरायल की लड़ाई में सिर्फ यही दोनों देश नहीं, बल्कि अन्य शक्तियों की भी भागीदारी हो सकती है?
ORF के उपाध्यक्ष हर्ष वी पंत ने कहा है कि जी7 ने एक बयान जारी किया है, लेकिन अपने बयान में उसने मुख्य रूप से कहा है कि इजरायल को अपनी रक्षा करने का अधिकार है. जी7 के बयान में केवल तनाव कम करने की बात कही गई है, लेकिन किसी रोडमैप के बारे में बात नहीं की गई है. हो सकता है कि हम तीसरा विश्व युद्ध न देखें, लेकिन हम निश्चित रूप से देशों को पक्ष लेते हुए देख रहे हैं और ऐसा लग रहा है कि यह युद्ध दुनिया के प्रमुख देशों को अपनी गिरफ्त में ले लेगा.
युद्ध के पांचवें दिन की तबाही
ईरान-इजरायल युद्ध का यह पांचवां दिन है. ईरान की राजधानी तेहरान में इजरायली हमलों से बड़ी तबाही मची है.
5 दिनों में इजरायल ने दूसरी बार ईरान के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ को मार गिराया. ईरान के CDS अली शादमानी इजरायली स्ट्राइक में मारे गए. युद्ध के पहले दिन भी शादमानी से पहले ईरानी सेना के सर्वोच्च कमांडर रहे गुलाम अली राशिद को इजरायल ने ढेर किया था.
दोनों तरफ भारी नुकसान
ईरान को भारी नुकसान हुआ है, लेकिन इजरायल की राजधानी तेल अवीव भी हमलों से हिल गई है.
भारतीयों का रेस्क्यू मिशन
इस बीच ईरान में फंसे भारतीयों का रेस्क्यू बड़ा चैलेंज है. 110 भारतीय ईरान की सीमा पार करके आर्मीनिया पहुंचे हैं. बड़ी संख्या में भारतीय छात्र ईरान के क़ोम शहर पहुंचे हैं.
वैश्विक संकट और ट्रंप की भूमिका
ईरान-इजरायल का यह युद्ध दुनिया को अशांति के नए दौर में धकेल सकता है. तेल कीमतों पर इसका असर पड़ना शुरू हो गया है.
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लेकिन यह युद्ध अगले कुछ दिनों में किस मोड़ पर खड़ा होगा. यह डोनाल्ड ट्रंप के अगले कदम से तय होगा. ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद यह दुनिया की सबसे बड़ी सुरक्षा चुनौती है. यह ट्रंप के नेतृत्व की अग्निपरीक्षा साबित हो सकती है.
नेतन्याहू-लैपिड की बैठक
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने विपक्ष के नेता यैर लैपिड से मुलाकात की और उन्हें सुरक्षा मसलों की जानकारी दी.
व्हाइट हाउस का बयान
ईरान की स्थिति पर व्हाइट हाउस ने कहा, ‘राष्ट्रपति ट्रंप हमेशा से स्पष्ट रहे हैं कि ईरान के पास परमाणु हथियार नहीं हो सकता’.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कभी भी अपने इस रुख पर समझौता नहीं किया कि ईरान को परमाणु हथियार रखने की अनुमति नहीं दी जा सकती — यह वचन उन्होंने अपने कार्यकाल और चुनाव प्रचार के दौरान भी बार-बार दिया है.