इंदौर के कारोबारी राजा रघुवंशी हत्याकांड की जांच कर रही मेघालय पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने मंगलवार को सभी आरोपियों के साथ क्राइम सीन रीक्रिएट किया है. इसके साथ ही यह पता लगाने के लिए एक टीम इंदौर गई है कि हत्या के पीछे कोई वित्तीय मकसद तो नहीं है. पुलिस ने राजा रघुवंशी की पत्नी सोनम समेत हत्या के सभी आरोपियों को शिलांग से करीब 65 किलोमीटर दूर सोहरा में लाया और कड़ी सुरक्षा के बीच क्राइम सीन को रीक्रिएट किया.
पुलिस अधीक्षक विवेक सिम ने बताया, “हमारी टीम इंदौर में है और कुछ लोगों से पूछताछ कर रही है. वे यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि राजा रघुवंशी की मौत से किसी को फायदा तो नहीं हुआ है. उस फ्लैट पर छापा मारा गया है, जिसमें मेघालय से भागने के बाद सोनम रुकी थी, लेकिन वह खाली मिला. एसआईटी की टीम पृष्ठभूमि का पता लगाएगी. ये जानने की कोशिश करेगी कि प्रेम त्रिकोण के अलावा कोई और पहलू तो नहीं है, जिसे आरोपी स्वीकार कर चुके हैं.”
इस मामले की बारीकी से निगरानी कर रहे पुलिस महानिदेशक आई नोंग्रांग ने पहले कहा था कि एसआईटी रघुवंशी की हत्या के अन्य संभावित पहलुओं पर भी विचार कर रही है. एसपी विवेक सिम के अनुसार, एसआईटी ने दिन में सोहरा में कई जगहों का दौरा किया. क्राइम सीन को रीक्रिएट किए जाने के दौरान हत्याकांड के बारे में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. इसमें एक पुलिसकर्मी ने राजा रघुवंशी की भूमिका निभाई थी. सभी आरोपी अपनी-अपनी भूमिका में थे.
एसपी ने कहा, “तीन वार किए गए. पहला वार विशाल ने पीछे से किया जबकि सोनम उसके सामने थी. यह एक बड़ा वार था जिसमें आरोपी ने दोनों हाथों का इस्तेमाल किया. फिर आनंद ने दूसरा वार किया और आखिरी वार आकाश ने किया.” हत्यारों ने एसआईटी को यह भी बताया कि उन्होंने दो छुरे इस्तेमाल किए, जिनमें से एक बरामद कर लिया गया है. पुलिस कर्मी दूसरे छुरे का पता लगाने के लिए घाटी के नीचे जंगल में मेटल डिटेक्टर से तलाशी ले रहे हैं.
पुलिस के मुताबिक, राजा कुशवाह हत्याकांड का मास्टरमाइंड है, लेकिन वो मेघालय नहीं आया था. एसपी ने कहा कि आरोपियों ने संयोग से अपराध के लिए सोहरा को चुना था. वे नोंग्रियाट में हत्या करना चाहते थे, जहां दंपति ने एक होमस्टे में चेक इन किया था, लेकिन वे ऐसा नहीं कर सके, क्योंकि वे शव को ठिकाने लगाने के लिए उपयुक्त स्थान नहीं ढूंढ पाए. क्राइम सीन पर जाने के बाद सोनम ने किसी भी अन्य अपराधी की तरह अपने किए पर खेद व्यक्त किया है.
एसआईटी और सभी आरोपियों के आने से पहले सुबह 9 बजे से पूरे अपराध स्थल की घेराबंदी कर दी गई थी. राजा और सोनम 23 मई को सोहरा की पहाड़ियों में लापता हो गए थे. 2 जून को राजा का शव बरामद किया गया था. हत्या के बाद सोनम असम, पश्चिम बंगाल, बिहार और यूपी होते हुए इंदौर पहुंची. हालांकि, उसने सोहरा के एक होमस्टे में अपने ट्रॉली बैग में अपना ‘मंगलसूत्र’ और एक अंगूठी छोड़ दी, जिससे पुलिस को उस पर संदेह हुआ. उसने गाजीपुर में सरेंडर किया था.
बताते चलें कि मेघालय पुलिस को 3 और 4 जून को ही पता चल गया कि सोनम हत्याकांड में शामिल है. पुलिस अपनी जांच के दौरान उसके प्रेमी राज कुशवाह को इंदौर से गिरफ्तार कर लिया. साजिश में शामिल विशाल उर्फ विक्की ठाकुर को इंदौर से पकड़ा गया, जबकि आकाश राजपूत की गिरफ्तारी यूपी के ललितपुर से हुई, तो आनंद की मध्य प्रदेश के बीना से धर दबोचा गया. इसके बाद ही गाजीपुर में सोनम ने सरेंडर किया था. इसके बाद उसने अपहरण की झूठी कहानी गढ़ी.
पुलिस ने उससे पूछा था, “राजा की हत्या क्यों करवाई?” सोनम पहले खामोश रही और फिर बोली, “मैंने कोई हत्या नहीं करवाई, मेरा अपहरण हुआ था.” लेकिन जब पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और सुपारी किलर के साथ उसकी मौजूदगी का सबूत दिखाया, तो सोनम टूट गई. उसने रोते हुए कबूल किया, “हां, मैं इन तीनों को जानती हूं और मैंने राजा की हत्या करवाई.” पुलिस ने सोनम और प्रेमी राज का भी आमना-सामना करवाया था. पुलिस के पास आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं.