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    जिस अवैध बांग्लादेशी को भारत से पुशबैक किया गया था, ममता सरकार 4 और लोगों के साथ वापस लाई, जानिए क्या है पूरा मामला

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    पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार के हस्तक्षेप के बाद महाराष्ट्र पुलिस द्वारा अवैध बांग्लादेशी प्रवासी होने के शक में बांग्लादेश धकेले पांच भारतीय नागरिकों को वापस लाया गया है. ये सभी लोग पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं. इनमें से चार मुर्शिदाबाद और एक पुरबा बर्धमान जिले का रहने वाला है. वहीं, सीएम ममता बनर्जी ने बीजेपी पर बंगाली भाषी नागरिकों को निशाना बनाने का आरोप लगाया है.

    पश्चिम बंगाल माइग्रेट वेलफेयर बोर्ड के प्रमुख समीरुल इस्लाम ने बताया कि सीएम ममता बनर्जी के निर्देश पर सरकार और पुलिस ने केंद्र सरकार और बीएसएफ को इसा बारे में जानकारी दी. इसके बाद मेहबूब शेख और शमीम खआन को सोमवार को भारत वापस लाया गया है, जबकि अन्य व्यक्तियों को रविवार को स्वदेश लाया गया है.

    उन्होंने ये भी कहा कि हम ये जांच कर रहे हैं कि क्या पश्चिम बंगाल के ऐसे अन्य निवासी हैं जिन्हें इसी तरह बांग्लादेश में भेजा गया है. 

    BSF को सौंपे डॉक्यूमेंट्स: पुलिस

    पुलिस अधीक्षक (मुर्शिदाबाद) कुमार सनी राज ने कहा, ‘इस बारे में जानकारी मिलते ही हम लोगों ने तुरंत स्थानीय स्तर पर पूछताछ की. इस दौरान उनके भारतीय नागरिक होने की पुष्टि हुई. इसके बाद इन डॉक्यूमेंट्स को बीएसएफ को सौंपे गए. मुर्शिदाबाद पुलिस ने बीएसएफ के साथ लंबे वक्त तक समन्वय किया और बाद में बीएसएफ ने बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड के साथ तत्काल फ्लैग मीटिंग की और इन युवकों को भारत वापस लाया गया है.’

    पुलिस के अनुसार बांग्लादेश से वापस लाए गए नागरिकों की पहचान मेहबूब शेख (भगवानगोला, मुर्शिदाबाद), नजीमुद्दीन मंडल और शमीम खान (हरिहरपारा, मुर्शिदाबाद), मिनारूल शेख (बेलडांगा, मुर्शिदाबाद), और मुस्तफा कमाल शेख (पुरबा बर्धमान) के रूप में हुई है.

    CM ममता ने BJP पर साधा निशाना

    वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को बीजेपी की आलोचना की. उन्होंने बीजेपी पर बंगाली भाषी नागरिकों को निशाना बनाने का आरोप लगाया. ममता ने विपक्षी नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा, ‘आपको शर्म आनी चाहिए कि आप केवल उनकी भाषा के कारण वास्तविक भारतीय नागरिकों को बांग्लादेशी बता रहे हैं. बंगाली के साथ-साथ गुजराती, मराठी, हिंदी बोलने पर गर्व महसूस होना चाहिए. मैं इन सभी भाषाओं में बोल सकती हूं.

    क्या है मामला

    दरअसल, मुंबई के पास ठाणे इलाके में राजमिस्त्री के रूप में काम करने वाले मेहबूब  शेख को महाराष्ट्र पुलिस ने 11 जून को अवैध बांग्लादेशी प्रवासी होने के संदेह में हिरासत में लिया था और 15 जून (शुक्रवार) को उसे सिलीगुड़ी में BSF शिविर में भेज दिया गया. इसके बाद शेख बांग्लादेश भेज दिया, जबकि उसके परिवार और स्थानीय पुलिस ने उनके भारतीय नागरिक होने को साबित करने के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट्स पेश किए थे.



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