मिडिल ईस्ट में जिसका डर था, वही हो गया है. इजरायल और ईरान के बीच जंग तेज हो गई है. इजरायली सेना ने शुक्रवार तड़के ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ के जरिए ईरान पर कहर बरपाया. हमले में ईरान के बैलस्टिक मिसाइल प्रोग्राम चीफ आमिर अली हाजीजादेह समेत टॉप कमांडर और परमाणु वैज्ञानिक मारे गए. इस युद्ध के बीच हाजीजादेह की मौत ईरान के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.
हजीजादेह वही है, जिसने साल 2024 में ईरान की ओर से इजरायल पर किए गए अब तक के सबसे बड़े बैलिस्टिक मिसाइल हमले की रणनीति तैयार की थी. यह हमला हिज्बुल्ला नेता हसन नसरल्लाह और अन्य सहयोगी कमांडरों की हत्या के जवाब में किया गया था. इस ऑपरेशन में ईरान ने दर्जनों मिसाइलें दागीं थी, जिससे क्षेत्रीय तनाव चरम पर पहुंच गया था और बड़े युद्ध की आशंका पैदा हो गई थी. उस हमले के पीछे हाजीजादेह की की कुशल रणनीति को माना गया था, जिसने उसे तेहरान की सैन्य नीति का चेहरा बना दिया था.
अब इजरायल ने मचाई ईरान में तबाही
इजरायल ने ईरान के सैन्य ठिकानों के साथ-साथ परमाणु ठिकानों पर भी बमबारी की है. ईरान की सबसे अहम नातांज समेत तीन न्यूक्लियर साइट को तबाह कर दिया. इजरायल के 200 फाइटर जेट्स ने ईरान में घुसकर तबाही मचाई है अैर करीब 100 ठिकानों पर बमबारी की. अब ईरान ने बदले का ऐलान किया है और इजरायल पर 100 ड्रोन हमलों से पलटवार किया है और नुकसान पहुंचाया.
मारा गया हाजीजादेह
ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के एयर फोर्स प्रमुख अमीर अली हाजीजादेह की मौत ने इस टकराव को एक नए और खतरनाक मोड़ पर पहुंचा दिया है. हाजीजादेह मिसाइल कार्यक्रम को लीड कर रहा था. उसके पास ईरान के हवाई क्षेत्र की रक्षा करने और विदेशों में हमले करने से जुड़ी रणनीति पर काम करने की जिम्मेदारी थी.
इजरायली सेना ने कहा कि हाजीजादेह अन्य वरिष्ठ वायु सेना के अधिकारियों के साथ हमले में मारे गए. घटना के वक्त वो एक अंडरग्राउंड कमांड सेंटर में मौजूद था. कहा जा रहा है कि अमीर अली हाजीजादेह की हत्या के जरिए ईरान के डिफेंस स्ट्रक्चर की रीढ़ पर हमला हुआ है. दोनों देशों के बीच चल रहा पुराना संघर्ष भी सबसे खतरनाक दौर में प्रवेश कर चुका है.
मिसाइल प्रोग्राम का मास्टरमाइंड
हाजीजादेह ने वर्षों तक ईरान की वायु रक्षा और आक्रामक मिसाइल रणनीति की योजना बनाई और उसे क्रियान्वित किया. इजरायली सेना का कहना है कि हमले के समय हाजीजादेह और ईरानी वायुसेना के अन्य वरिष्ठ अधिकारी अंडरग्राउंड कमांड सेंटर में बैठकर हमले की योजना बना रहे थे. इस हमले में ईरान के कई अन्य महत्वपूर्ण सैन्य कमांडर भी मारे गए हैं. इनमें UAV (ड्रोन) फोर्स के कमांडर ताहेरपुर, एरियल कमांड के प्रमुख दावूद शेखियन समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के नाम शामिल हैं.
ईरान को गहरा झटका
हाजीजादेह की मौत तेहरान के लिए एक बहुत बड़ा रणनीतिक नुकसान माना जा रहा है. जानकारों का कहना है कि इससे ईरान की सैन्य कमान की संरचना और उसकी मिसाइल क्षमताओं पर गहरा प्रभाव पड़ेगा.
हाजीजादेह ने ही अप्रैल 2024 में इजरायल पर बैलिस्टिक मिसाइल से हमले को अंजाम दिया था. इस पूरे हमले की योजना उसी ने तैयार की थी. इतना ही नहीं, 2020 में जनरल कासिम सुलेमानी की मौत के बाद इराक में अमेरिकी बेस पर मिसाइल हमला हुआ था और इसका मास्टरमाइंड हाजीजादेह ही था.
ईरान की सरकारी मीडिया ने हाजीजादेह की मौत की पुष्टि कर दी है. यह स्पष्ट हो गया है कि ईरान को गंभीर नुकसान पहुंचा है.
इजरायली हमले से सहमा ईरान
हाल ही में हुए इजरायली हमले से ईरान दहल गया है. इसे मिडिल ईस्ट के इतिहास में भयावह माना जा रहा है. इससे पहले 1980 के दशक में ईरान-इराक युद्ध हुआ था. उसके बाद अब ईरान ने पहली बार एक ही दिन में इतना तीव्र और टारगेटेड अटैक झेला है.
इस बार की कार्रवाई ने ईरान-इजरायल दुश्मनी के पुराने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए. दशकों तक ये संघर्ष पर्दे के पीछे चलता रहा. जासूसी, साइबर हमलों और गुप्त हमलों के जरिए टारगेट किया गया, लेकिन पिछले दो वर्षों में यह टकराव खुलकर सामने आने लगा.
ईरान को लगे बड़े झटके
2024 में जब हिज्बुल्ला प्रमुख हसन नसरल्लाह और अन्य सहयोगियों की हत्या हुई तो ईरान ने इजरायल पर अपने इतिहास का सबसे बड़ा मिसाइल हमला किया. यह हमले पूर्ण युद्ध में तब्दील हो सकते थे, लेकिन दुनिया ने एक बड़े संकट को टालने में कामयाबी पाई. अब ईरान के प्रमुख परमाणु संयंत्र नतांज को टारगेट कर उड़ा दिया गया है.
इससे पहले 2020 में ईरान के परमाणु कार्यक्रम के प्रमुख इंजीनियर मोहेसन फखरीजादेह की हत्या हो गई थी. उसे तेहरान के पास निशाना बनाया गया. उसी वर्ष बगदाद में अमेरिकी ड्रोन हमले में कासिम सुलेमानी मारा गया था. ईरान लगातार इजरायल और कभी-कभी अमेरिका पर अपने परमाणु और सैन्य संपत्तियों को टारगेट बनाने का आरोप लगाता रहा है.
एक दिन में सबसे बड़ा अटैक…
इजरायली रक्षा बलों के अनुसार, हालिया हमले में 200 लड़ाकू विमानों को उतारा गया और ईरान पर 330 से ज्यादा बम गिराए गए. 100 से ज्यादा ठिकानों को निशाना बनाया गया. यह सब एक ही दिन में हुआ. यह एक ऐसा हमला रहा, जिसने दशकों पुराने युद्ध को खुले संघर्ष में बदल दिया.