दिल्ली की सड़कों पर दौड़ते ई-रिक्शा को पर्यावरण के लिए अच्छा और किफायती माना जाता है. लेकिन अब इसे लेकर नई चिंताएं सामने आई हैं. रिपोर्टों के अनुसार, कई इलाकों में ई-रिक्शा को चार्ज करने के लिए बिजली चोरी की जा रही है. गोविंदपुरी जैसे इलाकों में ई-रिक्शा चालकों को दुकानों और पार्किंग में बैटरी बदलते देखा गया.
एक ई-रिक्शा चालक ने बताया कि सामान्य बैटरी चार्ज करने में करीब तीन से साढ़े तीन घंटे का समय लगता है और 60 से 100 रुपये तक का खर्च आता है. जबकि स्मार्ट बैटरी में चार्जिंग की झंझट नहीं होती, वहां बैटरी बदलने के लिए करीब 170 रुपये देने पड़ते हैं.
ई-रिक्शा को चार्ज करने के लिए बिजली चोरी
चालकों का कहना है कि चार्जिंग के लिए लाइन में लगना पड़ता है और जगह भी नहीं मिलती. ऐसे में अगर सरकार कोई नीति बनाती है तो इससे ई-रिक्शा चालकों को राहत मिलेगी और बिजली चोरी पर भी अंकुश लगेगा.
दिल्ली में लगभग 1.6 लाख ई-रिक्शा हैं
फिलहाल, बिजली चोरी को लेकर गंभीरता से विचार किया जा रहा है और संबंधित विभाग जल्द ही इस विषय में नीति लाने की तैयारी कर रहा है. बता दें, दिल्ली की सड़कों पर ई-रिक्शा की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है. आज की तारीख में इनकी अनुमानित संख्या लगभग 1.6 लाख है, लेकिन जानकारों की माने तो इनमें से महज करीब 50,000 ही पंजीकृत हैं.