महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर विधानसभा चुनाव के दौरान राज्य में चुनावी धांधली के आरोप लगाने के लिए निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जनता द्वारा खारिज किये जाने के बाद अब कांग्रेस नेता बार-बार लोकतांत्रिक प्रक्रिया का अपमान कर रहे हैं. फडणवीस ने कहा, ‘राहुल गांधी लगातार लोकतांत्रिक प्रक्रिया का अपमान करते हैं. वह बार-बार जनादेश का अनादर करते हैं. लोगों ने राहुल गांधी को नकार दिया है और बदले में वह लोगों को नकार रहे हैं. इससे कांग्रेस पार्टी और भी अधिक पतन की ओर बढ़ेगी.’
राहुल गांधी का शनिवार को इंडियन एक्सप्रेस में एक लेख प्रकाशित हुआ था, जिसमें लोकसभा में विपक्ष के नेता ने दावा किया था कि 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव ‘लोकतंत्र में धांधली’ कैसी की जाती है, इसका उदाहरण है. उन्होंने चुनाव आयोग पर समझौता करने का आरापे लगाया था और कहा था कि यह ‘मैच फिक्सिंग’ अगली बार बिहार में होगी. चुनाव आयोग ने तुरंत इस आरोप को खारिज करते हुए कहा कि एक प्रतिकूल चुनावी नतीजे के बाद संवैधानिक संस्था को बदनाम करना बिल्कुल बेतुका है.
Rejected by people, now he rejects people’s mandate @IndianExpresshttps://t.co/PpsuX7lCbb
जनतेने ज्यांना नाकारले, ते जनादेशाला नाकारतात !@LoksattaLivehttps://t.co/JSDeGr3LjI
जनता त्यांना नाकारते, ते जनादेशाला नाकारतात ! @lokmat https://t.co/TEPSGxvzb8 https://t.co/mj9sXLtmo9 pic.twitter.com/Lq85A933Ak
— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) June 8, 2025
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को इंडियन एक्सप्रेस में ही एक आर्टिकल लिखकर राहुल गांधी पर निशाना साधा. उन्होंने लोकसभा में विपक्ष के नता से सवाल पूछा, ‘लोकतांत्रिक प्रक्रिया और संवैधानिक संस्थाओं पर लगातार संदेह जताकर, यह देश को किस दिशा में ले जाया जा रहा है? किस तरह का जहर फैलाया जा रहा है?’ पिछले साल हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने 288 सीटों में से 235 सीटें जीतकर शानदार जीत हासिल की. महा विकास अघाड़ी में शामिल किसी भी पार्टी- कांग्रेस को 16 सीटें, शिवसेना (यूबीटी) को 20 सीटें और एनसीपी (एसपी) को 10 सीटें- विपक्ष के नेता का पद पाने के लिए पर्याप्त सीटें नहीं मिलीं, जो छह दशकों में पहली बार हुआ.
देवेंद्र फडणवीस ने अपने आर्टिकल में कहा, ‘मैं समझता हूं कि महाराष्ट्र में हार से कितना दुख पहुंचा होगा. लेकिन अगर आप इसी तरह किसानों, महिलाओं, नागरिकों और महाराष्ट्र की जनता की इच्छा का अपमान करते रहेंगे, तो राज्य की जनता आपको कभी माफ नहीं करेगी. मुख्यमंत्री और जनता के सेवक के तौर पर मैं महाराष्ट्र की जनता के इस तरह के अपमान की हमेशा निंदा करूंगा.’ उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राहुल गांधी बिहार सहित आगामी विधानसभा चुनावों में हार के लिए अभी से बहाने तैयार कर रहे हैं.
राहुल गांधी ने महाराष्ट्र चुनाव को लेकर क्या दावे किए?
लोकसभा में विपक्ष के नेता ने महाराष्ट्र चुनाव में कथित अनियमितताओं को चरणबद्ध तरीके से रेखांकित किया. राहुल गांधी ने उनके द्वारा लिखे गए एक लेख को साझा करते हुए आरोप लगाया कि वोटर लिस्ट में फर्जी मतदाताओं को जोड़ा जाता है, मतदान प्रतिशत को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जाता है, फर्जी मतदान की सुविधा दी जाती है, और बाद में सबूत छिपाए जाते हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव कैसे चुराया जाए? 2024 में हुआ महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लोकतंत्र में धांधली का एक खाका था. राहुल गांधी ने लिखा, ‘मेरा लेख चरण दर चरण दिखाता है कि यह कैसे हुआ. चरण 1: चुनाव आयोग की नियुक्ति के लिए पैनल में हेराफेरी की गई. चरण 2: मतदाता सूची में फर्जी मतदाताओं को जोड़ा गया. चरण 3: मतदान प्रतिशत को बढ़ाया गया. चरण 4: ठीक उन्हीं बूथों पर फर्जी मतदान कराए गए जहां भाजपा को जीतना था. चरण 5: सबूतों को छिपाया गया.’
लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कहा, ‘यह समझना मुश्किल नहीं है कि महाराष्ट्र में भाजपा इतनी हताश क्यों थी. लेकिन धांधली मैच फिक्सिंग की तरह है- जो पक्ष धोखाधड़ी करता है, वह खेल जीत सकता है. लेकिन इससे संस्थाओं को नुकसान पहुंचाता है और उन पर जनता का विश्वास खत्म होता है. सभी चिंतित भारतीयों को सबूत देखना चाहिए. खुद ही फैसला करें और जवाब मांगें. क्योंकि महाराष्ट्र की मैच फिक्सिंग अब बिहार में भी होगी, और फिर जहां भी भाजपा हार रही होगी वहां होगी.’
How to steal an election?
Maharashtra assembly elections in 2024 were a blueprint for rigging democracy.
My article shows how this happened, step by step:
Step 1: Rig the panel for appointing the Election Commission
Step 2: Add fake voters to the roll
Step 3: Inflate voter… pic.twitter.com/ntCwtPVXTu— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 7, 2025
राहुल गांधी के आरोपों पर चुनाव आयोग ने दिया जवाब
राहुल गांधी के आरोपों को खारिज करते हुए ईसीआई ने अपने बयान में कहा कि कांग्रेस नेता द्वारा तथ्यों को बार-बार पूरी तरह से नजरअंदाज किया जा रहा है. चुनाव आयोग ने कहा कि इस तरह के तथ्यहीन आरोप न केवल कानून के प्रति पूर्ण अवहेलना दिखाता है, बल्कि पार्टी द्वारा नियुक्त हजारों प्रतिनिधियों की ईमानदारी पर भी सवाल खड़े करता है और लाखों चुनाव अधिकारियों का मनोबल गिराता है, जो चुनावों के दौरान अथक मेहनत और पारदर्शी तरीके से काम करते हैं. मतदाताओं का समर्थन नहीं मिलने के कारण अपनी पार्टी के खिलाफ चुनाव नतीजे आने के बाद, यह कहकर चुनाव आयोग को बदनाम करने की कोशिश करना पूरी तरह से बेतुका है कि चुनाव आयोग ने ‘समझौता’ कर लिया है.’
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ईसीआई ने राहुल के आरोपों का तथ्यों के साथ जवाब देते हुए कहा, ‘महाराष्ट्र सहित भारत में मतदाता सूचियां जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 और मतदाता पंजीकरण नियम, 1960 के अनुसार तैयार की जाती हैं. कानून के अनुसार, या तो चुनावों से ठीक पहले और/या हर साल एक बार, मतदाता सूचियों को संशोधन किया जाता है और मतदाता सूचियों की अंतिम प्रति भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) सहित सभी राष्ट्रीय/राज्य राजनीतिक दलों को सौंप दी जाती है.’ ईसीआई के बयान में आगे कहा गया है, ‘महाराष्ट्र चुनाव के दौरान इन मतदाता सूचियों को अंतिम रूप देने के बाद, 9,77,90,752 मतदाताओं के मुकाबले, प्रथम अपीलीय प्राधिकारी (DM) के समक्ष केवल 89 अपीलें दायर की गईं और द्वितीय अपीलीय प्राधिकारी (CEO) के समक्ष केवल 1 अपील दायर की गई. इसलिए, यह पूरी तरह से स्पष्ट है कि 2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव आयोजित होने से पहले कांग्रेस या किसी अन्य राजनीतिक दल की वोटर लिस्ट को लेकर कोई शिकायत नहीं थी.’
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चुनाव आयोग ने आगे कहा, ‘महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान केंद्र पर पहुंचे 6,40,87,588 मतदाताओं ने मतदान किया. औसतन प्रति घंटे करीब 58 लाख वोट डाले गए. इन औसत रुझानों के अनुसार, पिछले दो घंटों में करीब 1 करोड़ 16 लाख मतदाताओं ने मतदान किया होगा. इसलिए, दो घंटों में मतदाताओं द्वारा 65 लाख वोट डालना औसत प्रति घंटे मतदान रुझानों से काफी कम है. इसके अलावा, हर मतदान केंद्र पर उम्मीदवारों/राजनीतिक दलों द्वारा औपचारिक रूप से नियुक्त किए गए पोलिंग एजेंटों के सामने मतदान हुआ. कांग्रेस के नामित उम्मीदवारों या उनके अधिकृत एजेंटों ने अगले दिन रिटर्निंग ऑफिसर (RO) और चुनाव पर्यवेक्षकों के समक्ष जांच के समय किसी भी तरह के असामान्य मतदान के संबंध में कोई पुष्ट आरोप नहीं लगाया.’