दिल्ली से सटे फरीदाबाद में एक फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट का पर्दाफाश हुआ है, जो नकली दस्तावेजों के आधार पर खुद को हृदय रोग विशेषज्ञ बताकर लोगों की हार्ट सर्जरी करता था. आरोपी अब तक 50 से अधिक लोगों की सर्जरी कर चुका है, जिनमें से कई की मौत हो चुकी है. एक पीड़ित परिवार की शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपी डॉक्टर के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. इस पूरे मामले की जांच जारी है.
आरोपी की पहचान डॉ. पंकज मोहन शर्मा के रूप में हुई है, जिसके पास केवल MBBS की डिग्री है. बावजूद इसके, उसने खुद को कार्डियोलॉजिस्ट घोषित कर दिया था और बीते आठ महीनों में 50 से ज़्यादा हृदय सर्जरी की थीं. वह फरीदाबाद के बादशाह खान सिविल अस्पताल के अंतर्गत संचालित एक हार्ट सेंटर में कार्यरत था. पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपी एक असली कार्डियोलॉजिस्ट के रजिस्ट्रेशन नंबर का इस्तेमाल कर रहा था और उसके पास फर्जी मोहर भी थी, जिस पर DNB (कार्डियोलॉजी) की डिग्री छपी थी.
यह चौंकाने वाला मामला तब उजागर हुआ जब एक मरीज ने इलाज के बाद असली कार्डियोलॉजिस्ट से संपर्क किया और अपने कागजात दिखाए. डॉक्टर ने तुरंत पहचान लिया कि उसके रजिस्ट्रेशन नंबर और प्रमाणपत्र का गलत इस्तेमाल हो रहा है. यह हार्ट सेंटर मेडिटेरीना अस्पताल द्वारा सार्वजनिक-निजी भागीदारी के तहत चलाया जा रहा था. यहीं जुलाई 2024 में डॉक्टर पंकज मोहन शर्मा की नियुक्ति की गई थी.
पुलिस के अनुसार, आरोपी ने MBBS पंजीकरण संख्या 28482 के बजाय एक असली कार्डियोलॉजिस्ट की पंजीकरण संख्या 2456 का इस्तेमाल किया. उसने खुद को ‘डॉ. पंकज मोहन (DNB कार्डियोलॉजी)’ बताकर पेश किया और सभी दस्तावेज फर्जी पाए गए. पुलिस का कहना है कि उसके इलाज के बाद कई मरीजों को गंभीर जटिलताएं हुईं और कुछ की मौत भी हो गई.
11 अप्रैल को अधिवक्ता और सामाजिक कार्यकर्ता संजय गुप्ता ने आरोपी के खिलाफ औपचारिक शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने आरोप लगाया कि आरोपी ने जाली दस्तावेजों के माध्यम से न केवल नौकरी प्राप्त की, बल्कि जानलेवा सर्जरी भी की. शिकायत के बाद आरोपी ने अस्पताल आना बंद कर दिया. असली डॉक्टर पंकज मोहन ने जनवरी में उसे कानूनी नोटिस भेजा और भारतीय चिकित्सा संघ में शिकायत भी की.
पलवल निवासी राजा राम ने आरोप लगाया कि 10 जनवरी को उनके पिता का स्टेंट डॉ. शर्मा ने डाला था और अगले ही दिन उनकी मृत्यु हो गई. राजा राम की तरह कई और परिजनों ने भी सवाल उठाए हैं. हालांकि अस्पताल प्रशासन अब भी उन मरीजों की संख्या साझा करने से बच रहा है, जिनका इलाज या ऑपरेशन आरोपी ने किया था.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. जयंत आहूजा ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है. हालांकि हार्ट सेंटर के अध्यक्ष डॉ. प्रताप कुमार ने पुष्टि की है कि जब पंकज मोहन शर्मा से उसकी डिग्री के दस्तावेज मांगे गए, तो वह कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे सका. इसके बाद उसकी सेवाएं समाप्त कर दी गईं. फरीदाबाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है. विस्तृत जांच जारी है और कानून के अनुसार कार्रवाई की जा रही है.