More
    HomeHomeराहुल गांधी ने इंदिरा मॉडल और 'रेस के घोड़ों' पर लगाया दांव......

    राहुल गांधी ने इंदिरा मॉडल और ‘रेस के घोड़ों’ पर लगाया दांव… क्या कांग्रेस में फूंकेंगे नई जान?

    Published on

    spot_img


    लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने साल 2025 को कांग्रेस संगठन के पुनर्गठन के लिए समर्पित कर दिया है, वे भाजपा की मजबूत चुनावी मशीनरी का मुकाबला करने के लिए देशभर में तूफानी दौरे कर रहे हैं. राहुल गांधी न केवल केंद्र सरकार पर लगातार हमलावर हैं, बल्कि अब पार्टी के भीतर भी निष्क्रिय और समझौतावादी नेताओं की पहचान कर उन्हें हटाने में जुटे हैं.

    हाल के महीनों में राहुल गांधी की छवि अधिक आक्रामक और स्पष्ट दिखी है. उन्होंने विशेष रूप से चुनावी राज्यों जैसे बिहार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात पर ध्यान केंद्रित किया है. गुजरात दौरे के दौरान उन्होंने पहली बार खुलकर स्वीकार किया था कि कांग्रेस की राज्य इकाई ‘शादी के घोड़ों’ यानी सिर्फ दिखावे वाले अक्षम नेताओं की वजह से पिछड़ रही है. उन्होंने जोर देकर कहा कि पार्टी को अगर खोई हुई प्रतिष्ठा वापस पानी है तो ‘रेस के घोड़ों’ यानी सक्षम, मेहनती और जीत दिलाने वाले नेताओं पर दांव लगाना होगा.

    ये भी पढ़ें- गुटबाजी की बात राहुल गांधी ऐसे ही नहीं कह रहे… जान लीजिए मध्य प्रदेश में पार्टी के जमीनी हालात
     
    हर जिलाध्यक्ष की नियुक्ति पर नजर रख रहे राहुल 

    राहुल गांधी की यह सोच इंदिरा गांधी के 1970 के मॉडल से प्रेरित मानी जा रही है, दरअसल, इंदिरा गांधी ने जिला कांग्रेस समितियों (DCCs) को सशक्त बनाकर दिल्ली की सत्ता का विकेंद्रीकरण किया था. इसी मॉडल को ‘संगठन सृजन अभियान’ के नाम से गुजरात में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लागू किया गया है. सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी खुद हर जिले में जिला अध्यक्ष की नियुक्ति पर नजर रख रहे हैं. अब यही मॉडल मध्य प्रदेश, हरियाणा और ओडिशा में भी शुरू कर दिया गया है और अन्य राज्यों में जल्द लागू करने की योजना है.

    पार्टी के भीतर की जमीनी हकीकत भी देखने को मिल रही

    हालांकि इस प्रक्रिया के दौरान राहुल गांधी को पार्टी के भीतर की जमीनी हकीकत भी देखने को मिल रही है. भोपाल में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने निष्क्रिय नेताओं के लिए एक नया शब्द ‘लंगड़े घोड़े’ का इस्तेमाल किया और कहा कि उन्हें संगठन से बाहर कर दिया जाना चाहिए. इससे साफ है कि राहुल संगठन को लेकर अब कोई समझौता नहीं करना चाहते.

    अयोग्य नेताओं को पद क्यों दिए जा रहेः जिग्नेश मेवाणी  

    कांग्रेस का मानना है कि इस विकेंद्रीकरण से पार्टी की जमीनी इकाइयों को मजबूती मिलेगी, जो आने वाले 6 राज्यों के चुनावों (2025-26) में लाभदायक सिद्ध होगा, लेकिन यह रास्ता बिल्कुल भी आसान नहीं है. कुछ दिन पहले गुजरात के युवा नेता जिग्नेश मेवाणी ने X पर सवाल उठाया था कि जब संगठन निर्माण की कवायद हो चुकी है तो फिर अयोग्य नेताओं को पद क्यों दिए जा रहे हैं?



    Source link

    Latest articles

    दिल्ली-NCR के कई इलाकों में झमाझम बारिश, तेज़ हवाओं और बिजली गिरने का अलर्ट

    दिल्ली-NCR के कई इलाकों में शनिवार दोपहर को झमाझम बारिश हुई. भारत मौसम...

    Nurse Jackie Finale and Controversial Ending Explained

    Nurse Jackie ended on an ambiguous note 10 years ago (on June 28,...

    More like this

    दिल्ली-NCR के कई इलाकों में झमाझम बारिश, तेज़ हवाओं और बिजली गिरने का अलर्ट

    दिल्ली-NCR के कई इलाकों में शनिवार दोपहर को झमाझम बारिश हुई. भारत मौसम...

    Nurse Jackie Finale and Controversial Ending Explained

    Nurse Jackie ended on an ambiguous note 10 years ago (on June 28,...