आर्मी में जाना और देश की सेवा करना हमेशा से युवाओं की पहली पसंद रही है. इसके लिए लोग हर तरह की कठिन तैयारियां करते हैं. इसमें एकेडमिक और फिजिकल दोनों तरह की तैयारी शामिल होती है. क्योंकि डिफेंस सेक्टर में जाने के लिए शरीरिक रूप से फीट रहना भी एक बड़ी अनिवार्यता होती है.
इन दिनों सोशल मीडिया पर इसी आर्मी की तैयारी को लेकर कई सारे वीडियो वायरल हो रहे हैं. इनमें आर्मी जॉइन करने का सपना देखने वाले युवाओं को बतौर ट्रेनिंग काफी मुश्किल टास्क कराए जा रहे हैं. ये वीडियो आर्मी की तैयारी कराने वाले एकेडमी के हैं, जिसको लेकर लोग कई तरह के तर्क दे रहे हैं.
लड़कियों को कीचड़ में रेंगते हुए कराया जा रहा टास्क
कुछ वीडियो ऐसे हैं, जिनमें लड़कियों से कीचड़ और रेत पर कठिन टास्क कराए जा रहे हैं. इन वीडियो को शेयर करते हुए कुछ यूजर्स का कहना है कि ये आर्मी की ट्रेनिंग के नाम पर युवाओं को टॉर्चर करने जैसा है. वहीं कुछ का तर्क है कि अलग-अलग आर्मी एकेडमी चलाने वाले लोग सिर्फ युवाओं से पैसा ऐंठने के लिए उनसे फिजिकल तैयारी के नाम पर कुछ भी करा रहे हैं.
गुड टच-बैड टच को लेकर उठे सवाल
एक पोस्ट में कानपुर के एक डिफेंस एकेडमी की वीडियो डालकर फिजिकल ट्रेनिंग के दौरान कराई जा रही एक्टिविटी को बैड टच बताया गया है और ये भी कहा गया है कि यहां सिर्फ रील्स बनाई जाती है. क्या ये सही है. वहीं ऐसा ही एक और वीडियो पोस्ट किया गया है, जिसमें लड़कियों को ट्रेनिंग के नाम पर कीचड़ में रेंगते हुए दिखा गया है. यूजर ने लिखा है – यह गुड टच है या बैड टच.
कराए जाते हैं कई कठिन टास्क
वहीं कुछ वीडियो ऐसे हैं जिसमें लड़कों को काफी मुश्किल टास्क पानी और कीचड़ में कराए जा रहे हैं. इस वीडियो को भी शेयर करते हुए लिखा गया है कि क्या ऐसे लोगों पर कार्रवाई नहीं होनी चाहिए जो ऐसी फेक ट्रेनिंग करवा रहे हैं. इसी तरह के एक वीडियो में कई लड़कियां कीचड़ में बैठी नजर आ रही है और एक इंस्ट्रक्टर उनके चेहरे पर पानी डाल रहा है. यूजर ने वीडियो पर लिखा है – ये कौन सी ट्रेनिंग दी जा रही कमांडो की या मेकअप उतारने की.
सोशल मीडिया पर वायरल हैं कई रील्स
ऐसे ही तमाम तरह के वीडियो सोशल मीडिया पर तैर रहे हैं. कुछ वीडियो रात में एकेडमी के गर्ल्स हॉस्टल में इंस्ट्रक्टर के इंस्पेक्शन का भी है. इस पर भी लोगों ने आपत्ति जताई है कि ऐसी कौन सी ट्रेनिंग होती है. ये सब दिखाने के लिए है. वहीं कई लोगों ने इसे आर्मी की ट्रेनिंग एकेडमी के नाम पर पैसे कमाने का जरिया बताया है.
लोगों का कहना है कि जब आर्मी में जाने के लिए सिर्फ रिटन टेस्ट और फिजिकल टेस्ट की जरूरत होती है. फिजिकल टेस्ट में सिर्फ दौड़, कूद, लंबाई, वजन और सामान्य जांच की जाती है. फिर इस तरह के एकेडमी वाले क्यों बच्चों से इतना मुश्किल टास्क करवाते नजर आते हैं.
लोगों का कहना है कि ये सारी एक्टिविटीज ऐसे एकेडमी चलाने वाले सिर्फ रील्स बनाने के लिए करवाते हैं, ताकि इनकी मोटी कमाई हो सके. इन्हें बच्चों के करियर से कुछ लेना देना नहीं है. वहीं कई लोग ऐसी एकेडमी के पक्ष में भी तर्क देते नजर आए. कुछ यूजर्स ने कहा कि ऐसी कठिन तैयारी और प्रशिक्षण के जरिए ही युवाओं को आर्मी मैन की तरह ट्रेंड किया जा सकता है.