MP Constable Exam Scam Solver Gang Exposed: मध्य प्रदेश में आयोजित कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में एक बार फिर सॉल्वर गैंग का बड़ा नेटवर्क सामने आया है. अलीराजपुर और श्योपुर जिलों में दस्तावेज जांच के दौरान फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ, जिसमें असली अभ्यर्थियों की जगह दूसरे लोगों ने परीक्षा दी थी. अब तक सात लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिनमें से दो मुख्य सॉल्वर हैं, जिन्होंने मिलकर 13 बार अलग-अलग उम्मीदवारों की जगह परीक्षा दी थी. पुलिस इस रैकेट की गहराई से जांच कर रही है.
अलीराजपुर के पुलिस अधीक्षक (SP) राजेश व्यास ने बताया कि कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में अलीराजपुर जिले को 29 कांस्टेबल मिले हैं और यह 29 कांसेटेबल जो हैं, ये डॉक्यूमेंट चेक कराने आए थे, इनका मेडिकल होना था और बाद में इनकी नियुक्ति होनी थी. डॉक्यूमेंट चेक जब किए जा रहे थे तो एक बात सामने आई कि एक जो कांस्टेबल राम रूप था उसने लिखित परीक्षा दी तो उसने पहले और बाद में बायोमेट्रिक आधार अपडेट किया था. इस पर से शक हुआ कि बायोमेट्रिक पहले और बाद में अपडेट हुआ है.
एसपी ने आगे कहा कि इसी शक के आधार पर पुलिस ने जांच की और जो कर्मचारी चयन मंडल से जानकारी इकठ्ठा की. जब आवेदक के थंब इंप्रेशन को हमने मैच करवाया तो मालूम हुआ कि परीक्षा किसी अन्य व्यक्ति ने दी थी और ज्वाइन करने आया व्यक्ति कोई और था. इस पर कोतवाली थाने में अपराध कायम किया गया.
इसके बाद विवेचना के दौरान जब आरोपी से पूछताछ की गई तो पता चला कि उसके नाम पर बिहार के रहने वाले एक अन्य व्यक्ति जिसका नाम अमरेंद्र सिंह है उसने परीक्षा दी थी. पुलिस ने एक टीम बिहार भेजी और उसे बिहार से पकड़ा गया. जब बिहार से पकड़े आदमी से हमने पूछताछ की तो उसने बताया कि सागर में जाकर उसने राम रूप की जगह जाकर परीक्षा दी थी और उसे इसके लिए 1 लाख रुपये मिले थे.
मध्य प्रदेश के श्योपुर में तैनात एसडीओपी (SDOP) राजीव कुमार गुप्ता ने बताया कि आरक्षक भर्ती परीक्षा में श्योपुर के लिए आवंटित उम्मीदवारों के दस्तावेजों का सत्यापन करने के बाद तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. गड़बड़ी पाए जाने पर सोनू रावत और सत्येंद्र रावत के विरुद्ध एक अपराध और अमन सिकरवार के खिलाफ दूसरा अपराध पंजीकृत किया गया है.
दरअसल, इन तीनों के स्थान पर परीक्षा में बैठने वाले दो सॉल्वर और बायोमेट्रिक अपडेशन करने वाले वालों के विरुद्ध केस दर्ज हो जाने के बाद इस मामले में कुल सात आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं. हालांकि अभी इस प्रकरण की विवेचना जारी है. श्योपुर जिले से दो सॉल्वर जो गिरफ्तार हुए हैं, उनके बारे में भी जान लेते हैं.
सत्येंद्र रावत (सोनू रावत का सॉल्वर)
मुरैना के कैमारा गांव के रहने वाले सतेन्द्र ने सोनू से 3 लाख रुपये लिए थे. रावत दो बार मप्र आरक्षक भर्ती परीक्षा में दूसरों की जगह सॉल्वर बनकर बैठा. पहली बार 18 अगस्त 2023 को उसने दीपक रावत बनकर परीक्षा दी. इसके बदले दीपक से 4 लाख रुपये लिए, जो परीक्षा पास होने के बाद उसे मिले थे. दूसरी बार उसने 24 अगस्त को सोनू रावत के नाम से परीक्षा दी थी.
गणेश मीणा (अमन का सॉल्वर)
इस काम के लिए गणेश ने भी अमन से करीब 3 लाख रुपये लिए थे. सॉल्वर सत्येंद्र रावत और गणेश मीणा दोनों आपस में रिश्तेदार हैं. सत्येंद्र और गणेश दोनों ग्वालियर में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे. सत्येंद्र रावत के मामा का लड़का श्याम सिंह रेलवे में कर्मचारी है. श्याम सिंह ने सत्येंद्र को लालच देकर इस काम को करने के लिए तैयार किया था. सत्येंद्र 8 अभ्यर्थियों का सॉल्वर बना था. वहीं गणेश 5 अभ्यर्थियों का. लेकिन अब दोनों पकड़े गए हैं.