भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य टकराव के कुछ हफ्तों बाद भारत सरकार ने शनिवार को ‘ऑपरेशन शील्ड’ के तहत पाकिस्तान से सटे राज्यों में नागरिक सुरक्षा अभ्यास (Civil Defence Exercise) आयोजित की. इस मॉकड्रिल का उद्देश्य आपात स्थिति में तैयारियों की जांच करना और समन्वय को परखना था. ये मॉकड्रिल जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात जैसे सीमावर्ती राज्यों में की गई. गृह मंत्रालय (MHA) की निगरानी में आयोजित इस अभ्यास में ब्लैकआउट प्रोटोकॉल, नागरिकों की निकासी, और आपात प्रतिक्रिया तंत्र का परीक्षण किया गया. शनिवार को हुई मॉकड्रिल 7 मई को हुई पहली राष्ट्रव्यापी मॉकड्रिल की अगली कड़ी थी.
चंडीगढ़ में ब्लैकआउट और निकासी का अभ्यास
चंडीगढ़ के डिप्टी कमिश्नर निशांत यादव ने बताया कि हमने दूसरी बार नागरिक सुरक्षा ड्रिल आयोजित की. इसमें हमने एक मॉक कॉल की स्थिति बनाई, जिसमें एयरफोर्स स्टेशन से सूचित किया गया कि कुछ लोगों को शिफ्ट करना है. हमने सेक्टर 47 के कम्युनिटी सेंटर में 20 लोगों को पहुंचाया और प्रतिक्रिया समय को रिकॉर्ड किया. साथ ही होम गार्ड्स की तैनाती पर भी अभ्यास किया गया.
श्रीनगर में आगजनी और ब्लैकआउट
कश्मीर के लाल चौक में 10 मिनट का ब्लैकआउट किया गया और एक इमारत में आग लगने की स्थिति को लेकर राहत और बचाव अभ्यास किया गया.वहीं, श्रीनगर में डीसी ऑफिस के बाहर मॉकड्रिल की गई. जिला मजिस्ट्रेट डॉ. बिलाल मोही-उद-दीन भट ने कहा कि यह ड्रिल MHA की गाइडलाइन के अनुसार की गई. इसका उद्देश्य संसाधनों और जनशक्ति की तैयारियों को जांचना था. उधर, जम्मू-कश्मीर के डोडा, अखनूर और पुंछ में भी मॉकड्रिल का आयोजन किया गया. जेकेएएस अधिकारी और डोडा के अतिरिक्त उपायुक्त अनिल कुमार ठाकुर ने जानकारी देते हुए कहा कि ऑपरेशन शील्ड के तहत डोडा में यह दूसरा अभ्यास आयोजित किया गया है. इस तरह की मॉक ड्रिल हमारी तैयारी का हिस्सा हैं, ताकि हम किसी भी आपदा स्थिति से प्रभावी ढंग से निपट सकें.
अमृतसर में भी हुई मॉकड्रिल
पंजाब के अमृतसर में भी ये अभ्यास किया गया. अमृतसर के कमांडेंट जसकरन सिंह ने कहा कि मॉकड्रिल का उद्देश्य यह समीक्षा करना है कि सभी नागरिक सुरक्षा विभाग एक-दूसरे के साथ कैसे समन्वय करते हैं. उन्होंने कहा कि कई जिले अधिक जोखिम में हैं क्योंकि वे पाकिस्तान के साथ सीमा शेयर करते हैं. जैसे अमृतसर, पठानकोट, तरनतारन, गुरदासपुर, फिरोजपुर और फाजिल्का… इस तरह की मॉकड्रिल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि युद्ध जैसी स्थिति के दौरान अधिकतम प्रशासन चालू रहे. साथ ही ये भी प्रैक्टिस करना है कि हवाई हमलों और ड्रोन हमलों के दौरान घर पर कैसे सुरक्षित रहें. ब्लैकआउट के दौरान खुद को कैसे बचाएं, यह ऑपरेशन शील्ड है.
हवाई हमले और ड्रोन से हमले का अभ्यास
मॉकड्रिल के वक्त दुश्मन के विमानों, ड्रोन और मिसाइल हमलों की स्थिति को दर्शाया गया. इस दौरान एयर फोर्स और नागरिक सुरक्षा कंट्रोल रूम्स के बीच हॉटलाइन एक्टिव की गई. साथ ही हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन भी चलाए गए.
जयपुर और अहमदाबाद में भी ड्रिल
राजस्थान की राजधानी जयपुर और गुजरात के अहमदाबाद में भी मॉकड्रिल हुई. इन शहरों में भी स्थानीय नागरिकों को ब्लैकआउट और निकासी के दौरान सुरक्षा उपायों के बारे में जानकारी दी गई.