देशभर में कोरोना संक्रमण के केस तेजी से बढ़ रहे हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में कोविड के एक्टिव केसों की संख्या 3,395 तक पहुंच गई है, जबकि पिछले 24 घंटों में 4 लोगों की मौत हुई है. केरल में सबसे ज्यादा 1336 एक्टिव केस हैं, वहीं कर्नाटक की सरकार ने एक सर्कुलर जारी किया है. इसमें लोगों को सलाह दी गई है कि नियमित रूप से हाथ धोने की आदत डालें, खांसी/छींक आने पर शिष्टाचार का पालन करें, भीड़भाड़ से बचाव और मास्क का प्रयोग (जहां आवश्यक हो) करें.
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार दिल्ली, केरल, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है. दिल्ली में 71 वर्षीय बुजुर्ग की मौत निमोनिया, सेप्टिक शॉक और एक्यूट किडनी इंजरी के कारण हुई. कर्नाटक में 63 वर्षीय मरीज, केरल में 59 वर्षीय मरीज और उत्तर प्रदेश में 23 वर्षीय युवक की मौत हुई है.
बता दें कि बीते कुछ दिनों में ही कोरोना के एक्टिव केसों की संख्या में भारी वृद्धि देखने को मिली है. 22 मई को जहां सिर्फ 257 सक्रिय मामले थे, वहीं 26 मई को यह आंकड़ा बढ़कर 1010 और अब 3395 हो गया है. बीते 24 घंटों में 685 नए मामले दर्ज किए गए हैं.
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किस राज्य में कितने एक्टिव केस?
केरल- 1,336
महाराष्ट्र- 467
दिल्ली- 375
गुजरात-265
कर्नाटक- 234
पश्चिम बंगाल- 205
तमिलनाडु- 185
उत्तर प्रदेश- 117
राजस्थान- 60
पुडुचेरी- 41
हरियाणा- 26
मध्य प्रदेश- 16
झारखंड- 6
पंजाब- 5
24 घंटे में कहां कितने नए केस मिले?
केरल- 189
पश्चिम बंगाल- 89
कर्नाटक- 86
दिल्ली- 81
उत्तर प्रदेश- 75
महाराष्ट्र- 43
गुजरात- 42
तमिलनाडु- 37
राजस्थान- 9
पुडुचेरी- 6
मध्य प्रदेश- 6
हरियाणा- 6
झारखंड- 6
छत्तीसगढ़- 3
ओडिशा- 2
जम्मू-कश्मीर- 2
आंध्र प्रदेश- 1
पंजाब- 1
गोवा- 1
अधिकतर मरीज होम आइसोलेशन में
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक अधिकारियों का कहना है कि अधिकतर मरीज होम आइसोलेशन में हैं और संक्रमण की गंभीरता कम है, इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सतर्क रहना जरूरी है.
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ओमिक्रॉन के 4 सब-वैरिएंट्स जिम्मेदार
आईसीएमआर (ICMR) के महानिदेशक डॉ. राजीव बेहल ने बताया कि पश्चिम और दक्षिण भारत से लिए गए सैंपलों के जीनोम अनुक्रमण (Genome Sequencing) में पाया गया कि मौजूदा मामलों के पीछे ओमिक्रॉन के 4 सब-वैरिएंट्स- LF.7, XFG, JN.1 और NB.1.8.1 जिम्मेदार हैं. इनमें से पहले तीन सब वैरिएंट ज्यादा मामलों में पाए गए हैं. डॉ. बेहल ने कहा कि स्थिति पर करीबी निगरानी रखी जा रही है. इस समय घबराने की कोई जरूरत नहीं है, लेकिन सभी को सतर्क और सावधान रहना चाहिए.
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क्या बोले एक्सपर्ट?
विशेषज्ञों ने लोगों से मास्क पहनने, भीड़ से बचने और जरूरत पड़ने पर टेस्ट कराने की अपील की है. कोरोना के ये नए मामले भले गंभीर न हों, लेकिन संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए जागरूकता और सतर्कता बेहद ज़रूरी है.
कर्नाटक सरकार ने जारी किया सर्कुलर
कर्नाटक सरकार ने कोविड-19 मामलों में हो रही बढ़ोतरी और स्कूलों के दोबारा खुलने के मद्देनज़र एक अहम फैसला लिया है. राज्य के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ने परिपत्र जारी कर सभी अभिभावकों से अपील की है कि अगर बच्चों में बुखार, खांसी, सर्दी या अन्य कोविड जैसे लक्षण हों, तो उन्हें स्कूल न भेजें. यह परिपत्र मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की अध्यक्षता में 26 मई को हुई कोविड-19 समीक्षा बैठक के बाद शुक्रवार देर रात जारी किया गया. सर्कुलर में कहा गया है कि अगर बच्चों में ऐसे लक्षण पाए जाते हैं, तो उन्हें स्कूल भेजने से पहले पूरी तरह ठीक होने दें और डॉक्टर की सलाह के अनुसार इलाज करवाएं. अगर ऐसे लक्षणों वाले बच्चे स्कूल आते हैं, तो स्कूल प्रशासन उनके माता-पिता को सूचित कर उन्हें घर भेजे.