More
    HomeHomeवैश्विक जगत का 'मुखिया' बनने की चाहत में चीन, खुद के विवाद...

    वैश्विक जगत का ‘मुखिया’ बनने की चाहत में चीन, खुद के विवाद सुलझ नहीं रहे और बना दिया ये संगठन

    Published on

    spot_img


    अमेरिका से बराबरी के लिए बेताब चीन के दिल में अब दुनिया के देशों के बीच चौधराहट की चाहत भी बढ़ रही है. इसी कड़ी में चीन ने एक नया संगठन बनाया है, जिसका नाम रखा गया है- अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता संगठन या इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन फॉर मीडिएशन.

    हॉन्गकॉन्ग में स्थापित इस संगठन के चार्टर पर सबसे पहले दस्तखत करने वाले मुल्कों में जाहिर तौर पर पाकिस्तान भी शामिल है. पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार महज 15 दिनों में दूसरी बार चीन में मौजूद थे.

    पाकिस्तानी मंत्री ने चीन के प्रयास को पूरा समर्थन जताने के साथ-साथ अपने भाषण में जम्मू-कश्मीर का राग अलापने का मौका नहीं गंवाया. शिमला समझौते में द्विपक्षीय स्तर पर सभी मुद्दे सुलझाने का वादा कर चुके पाकिस्तान के नेता यूं तो कश्मीर मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता का राग आलापते नहीं थकते. लेकिन हॉन्गकॉन्ग में इशाक डार ने चीन के इस संगठन के सहारे यूएन के कई लंबित मामलों और विवादों को सुलझाने की उम्मीदों का सेहरा बांध दिया.

    चीन की इस पहल पर 32 देशों ने किए दस्तखत

    चीन के इस प्रस्तावित संगठन के संस्थापक देशों की फेहरिस्त में पाकिस्तान के अलावा अल्जीरिया, बेलारूस, कंबोडिया, जिबूती, इंडोनेशिया, लाओस, सर्बिया और सूडान शामिल हैं. चीन के मुताबिक उसकी इस पहल पर जहां 32 देशों ने दस्तखत किए हैं. वहीं, कई अन्य देशों और यूएन समेत अंतरराष्ट्रीय संगठनों के समर्थन का भी उसने दावा किया है.

    अतंरराष्ट्रीय विवादों को सुलझाने की कोशिश करेगा संगठन

    संयुक्त राष्ट्र संघ सीधे तौर पर चीनी IOMED को अपने संगठन के तौर पर मान्यता तो नहीं देता, लेकिन इसकी स्थापना के मौके पर हॉन्गकॉन्ग में हुए कार्यक्रम में यूएन के प्रतिनिधि भी मौजूद थे. चीन का दावा है कि IOMED के सहारे वो अतंरराष्ट्रीय विवादों औऱ झगड़ों को मध्यस्थता से सुलझाने की कोशिश करेगा. इसके लिए 6C के सिद्धातों की बात कही जा रही है, यानी- सिद्धांत, संकल्प, सक्षमता, समग्रता, साख और समायोजन. 

    चीन के खुद के फसाद ही सबसे बड़ा रोड़ा 

    चीन के इस नए संगठन और दुनिया के झगड़ों में मध्यस्थता की उसकी चाहत में सबसे बड़ा रोड़ा उसके अपने फसाद हैं. भारत ही नहीं फिलिपींस, वियतनाम समेत कई पड़ोसियों के साथ उसके सीमा विवाद हैं. इतना ही नहीं रूस और यूक्रेन के युद्ध में चीन की मध्यस्थता के प्रस्ताव को कोई तवज्जो नहीं मिली थी. साथ ही विवादों को सुलझाने का इतिहास बताता है कि जब मामला चीन का हो तो बीजिंग में बैठी सत्ता अदालत से ही मुंह मोड़ लेती है. फिलिपींस के साथ दक्षिण चीन सागर में हदों के मुद्दे पर चीन ने अंतरराष्ट्रीय कोर्ट के फैसले को मानने से इनकार कर दिया जो फिलिपींस के हक में आया था.



    Source link

    Latest articles

    Regena Cassandrra wraps first schedule of Madhur Bhandarkar’s The Wives in Mumbai : Bollywood News – Bollywood Hungama

    Regena Cassandrra, the leading lady of Madhur Bhandarkar’s upcoming...

    Over Rs 6.43 crore raised from aspirants for 75 Naib Tehsildar vacancies

    The recruitment drive for just 75 Naib Tehsildar posts in Jammu and Kashmir...

    चेतेश्वर पुजारा ने क्रिकेट को कहा अलविदा, टेस्ट समेत सभी फॉर्मेट से लिया संन्यास

    स्टार भारतीय बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट को अलविदा कह दिया...

    More like this

    Regena Cassandrra wraps first schedule of Madhur Bhandarkar’s The Wives in Mumbai : Bollywood News – Bollywood Hungama

    Regena Cassandrra, the leading lady of Madhur Bhandarkar’s upcoming...

    Over Rs 6.43 crore raised from aspirants for 75 Naib Tehsildar vacancies

    The recruitment drive for just 75 Naib Tehsildar posts in Jammu and Kashmir...

    चेतेश्वर पुजारा ने क्रिकेट को कहा अलविदा, टेस्ट समेत सभी फॉर्मेट से लिया संन्यास

    स्टार भारतीय बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट को अलविदा कह दिया...