उत्तराखंड की बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में अब फैसले की घड़ी आ गई है. कोटद्वार की अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत 30 मई को इस सनसनीखेज मामले में अपना फैसला सुनाएगी. दो साल पुराने इस केस में उत्तराखंड ही नहीं, पूरे देश की नजरें कोर्ट के इस फैसले पर टिकी हैं.
अदालत में सुनवाई सुबह 10:30 बजे से शुरू होगी. सुरक्षा के मद्देनज़र कोर्ट परिसर के 200 मीटर के दायरे को पुलिस सील करेगी. सिर्फ वकील, केस से जुड़े पक्ष और जरूरी स्टाफ को ही भीतर जाने की अनुमति होगी. एसएसपी पौड़ी के नेतृत्व में पुलिस फोर्स की तैनाती रहेगी.
मामले की जांच और ट्रायल
इस जघन्य हत्या के तीनों आरोपी- पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं. पुलकित आर्य वंतारा रिज़ॉर्ट का मालिक था, जहां 18 सितंबर 2022 को अंकिता रहस्यमयी तरीके से लापता हुई थीं. बाद में उसका शव एक नहर से बरामद हुआ, जिससे पूरे प्रदेश में आक्रोश फैल गया.
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मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की गई थी, जिसने 500 से ज्यादा पन्नों की चार्जशीट दाखिल की. इसमें कुल 97 गवाह नामित किए गए थे, जिनमें से अभियोजन पक्ष ने 47 गवाहों को पेश किया.
पुलकित आर्य पर IPC की धारा 302 (हत्या), 201 (साक्ष्य मिटाना), 354A (छेड़छाड़) और अनैतिक देह व्यापार निवारण अधिनियम के तहत आरोप तय हुए हैं. वहीं, अन्य दोनों आरोपियों पर भी हत्या और अनैतिक कार्यों में सहयोग के आरोप लगे हैं.
पिता की भावुक अपील
अंकिता के पिता वीरेन्द्र सिंह भंडारी ने कहा, “मेरे जीते जी मेरी बेटी के हत्यारों को फांसी मिले. सरकार ने वादा किया था कि अंकिता के नाम पर श्रीकोट नर्सिंग कॉलेज का नाम रखा जाएगा, लेकिन आज तक नहीं रखा गया.” उन्होंने VIP अजय कुमार का नाम लेते हुए आरोप लगाया कि सरकार उसे राजनीतिक संरक्षण दे रही है और निष्पक्ष जांच में अड़चन डाल रही है और निष्पक्ष जांच में बाधा डाली गई है.
यह मामला न केवल उत्तराखंड की कानून व्यवस्था पर सवाल उठा चुका है, बल्कि पूरे देश में महिलाओं की सुरक्षा, सत्ता संरक्षण और न्याय प्रक्रिया की पारदर्शिता को लेकर गहरी बहस भी छेड़ चुका है. लोगों की एक ही मांग है दोषियों को मृत्युदंड मिले. अब सबकी निगाहें शुक्रवार को आने वाले अदालती फैसले पर टिकी हैं.
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2022 में हुई थी हत्या
ऋषिकेश के निकट वंतारा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के रूप में काम करने वाली 19 वर्षीया अंकिता की सितंबर, 2022 में रिजॉर्ट संचालक पुलकित आर्य ने अपने दो अन्य कर्मचारियों के साथ कथित तौर पर चीला नहर में धक्का देकर हत्या कर दी थी. प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि रिजॉर्ट में एक ‘वीआईपी’ अतिथि को ‘एक्स्ट्रा सर्विस’ देने से अंकिता ने मना कर दिया था और इसी से उपजे विवाद के चलते उसकी हत्या की गयी. भाजपा के पूर्व नेता का पुत्र आर्य और दो अन्य आरोपी-अंकित गुप्ता और सौरभ भास्कर इस समय जेल में बंद हैं.