टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर वसीम जाफर के भतीजे अरमान जाफर को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया है. अरमान ने आगामी घरेलू सत्र से पहले मुंबई की टीम छोड़ दी है. अरमान को ज्यादा मौके नहीं मिल रहे थे, इसलिए उन्होंने ये निर्णय लिया है. अरमान ने अर्जुन तेंदुलकर और सिद्धेश लाड जैसे खिलाड़ियों के नक्शेकदम पर चलने का फैसला किया है, जिन्होंने मुंबई छोड़कर घरेलू क्रिकेटर में दूसरी टीम का रुख किया.
अब इस टीम से खेलेंगे अरमान जाफर
26 साल के अरमान जाफर ने मुंबई के लिए 15 फर्स्ट क्लास मैच खेले. अरमान अब आगामी सीजन में पुडुचेरी की ओर से खेलेंगे. TOI की रिपोर्ट के मुताबिक अरमान को मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (MCA) ने अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) दे दिया है. इससे पहले टीम इंडिया के स्टार बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने भी मुंबई की बजाय गोवा के लिए खेलने का मन बनाया था, लेकिन बाद में उन्होंने यू-टर्न ले लिया.
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MCA के सचिव अभय हडप ने TOI से कहा, ‘हां, अरमान जाफर ने मुंबई छोड़कर पुडुचेरी जाने का फैसला किया है. हमने उन्हें एनओसी दे दिया है. उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं हैं.’ अरमान ने प्रथम श्रेणी मैचों में 29.57 की औसत से 769 रन बनाए, जिसमें तीन शतक और एक अर्धशतक शामिल रहे. अरमान ने आखिरी बार साल 2023 में महाराष्ट्र के खिलाफ फर्स्ट क्लास मैच खेला था.
अरमान जाफर के पिता कलीम ने कहा, ‘हमने इस बारे में काफी समय तक सोचा और फिर फैसला लिया. हमें लगा कि उसे अभी खेलने के मौके मिलने चाहिए क्योंकि उसकी उम्र बढ़ती जा रही है. हम एमसीए, चयनकर्ताओं और कोचों के आभारी हैं कि उन्होंने उसे मुंबई के लिए खेलने का मौका दिया.’
अरमान का छलका दर्द, बोले- ‘मुंबई छोड़ने…’
अरमान जाफर ने मिड-डे को दिए एक इंटरव्यू में कहा, ‘मुंबई छोड़ने का फैसला आसान नहीं था, लेकिन मुझे ज्यादा मौके नहीं मिल रहे थे. मैं रेड बॉल और वाइट बॉल दोनों में बेहतर मौके की तलाश रहा था. मेरा सपना भारत के लिए खेलना है और उसके लिए मुझे एक सीजन में ज्यादा से ज्यादा मैच खेलने होंगे. उम्मीद है कि पुडुचेरी में मुझे वो मौके मिलेंगे और मैं खुद को साबित कर सकूंगा.’
अरमान जाफर भारतीय टीम के बल्लेबाज करुण नायर को अपनी प्रेरणा मानते हैं. करुण नायर ने घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन करके फिर से सीनियर टीम में जगह बनाई है. उन्होंने कहा, ‘मुंबई के लिए मैंने जो 15 फर्स्ट क्लास मैच खेले, उसमें मुझे कम से कम छह-सात शतक लगाने चाहिए थे. लेकिन मैं अब भी भारत के लिए खेलना चाहता हूं और इसलिए मैंने यह निर्णय लिया.’
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अरमान जाफर आगे कहते हैं, ‘अगले दो साल मेरे करियर के लिए बेहद अहम होंगे. आजकल, लोगों को लगता है कि केवल आईपीएल ही आपको पहचान दिलाता है. लेकिन करुण नायर को देखिए, उन्होंने प्रथम श्रेणी मैचों में लगातार अच्छा प्रदर्शन किया और उनकी टेस्ट टीम में वापसी हुई है. वह मेरी प्रेरणा हैं.’
अरमान जाफर साल 2010 में सुर्खियों में आए थे, जब उन्होंने भारतीय स्कूली क्रिकेट में एक नया रिकॉर्ड बनाया था. तब अरमान ने अंडर-14 जाइल्स शील्ड टूर्नामेंट में रिजवी स्प्रिंगफील्ड स्कूल की ओर से आईईएस राजा शिवाजी स्कूल के खिलाफ 498 रनों पारी खेली थी. उन्होंने सरफराज खान के बनाए गए 439 रनों के रिकॉर्ड को तोड़ा था. हालांकि बाद में अरमान जाफर का रिकॉर्ड पृथ्वी शॉ (546 रन) ने तोड़ दिया.