बिहार के हसनपुर से विधायक और राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव द्वारा अपने 12 साल पुराने रिलेशनशिप का खुलासा करने के बाद अब उन पर RJD ने बड़ी कार्रवाई की है. पार्टी अध्यक्ष लालू यादव ने अपने बड़े बेटे तेजप्रताप को पार्टी और परिवार दोनों से बाहर कर दिया है.
हालांकि लालू यादव के इस कार्रवाई को मौजूदा सत्ताधारी पार्टी जेडीयू ने लोगों को गुमराह करने की कोशिश करार दिया है. दरअसल शनिवार को तेज प्रताप ने अपने फेसबुक अकाउंट पर अनुष्का यादव के साथ 12 साल पुराने रिलेशनशिप का खुलासा किया था जिसके बाद बिहार की सियासत में तूफान आ गया था.
तेजप्रताप यादव ने 12 साल पुराने रिलेशन का किया था खुलासा
तेजप्रताप ने पोस्ट में अनुष्का के साथ तस्वीरें साझा करते हुए लिखा था, ‘मैं तेजप्रताप यादव हूं और मेरे साथ जो तस्वीर में नजर आ रही हैं, उनका नाम अनुष्का यादव है और हम 12 साल से रिलेशनशिप में हैं. हालांकि कुछ देर बाद पोस्ट डिलीट कर दी गई, और तेज प्रताप ने दावा किया कि उनका अकाउंट हैक हुआ था, जिसमें AI-जनरेटेड तस्वीरें इस्तेमाल की गईं.
इस खुलासे के बाद सोशल मीडिया पर तेजप्रताप और अनुष्का की तस्वीरें वायरल हो गईं, जिससे उनकी पहली पत्नी ऐश्वर्या राय के साथ 2018 में हुई शादी को लेकर सवाल उठने लगे. लोग पूछने लगे कि 12 साल से अनुष्का के साथ रिलेशनशिप में थे, तो ऐश्वर्या से शादी क्यों की?
जेडीयू ने लालू के फैसले पर उठाए सवाल
इस विवाद के बाद लालू प्रसाद यादव ने कड़ा कदम उठाते हुए तेजप्रताप को RJD और परिवार से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया. लालू ने सोशल मीडिया पर घोषणा की कि तेजप्रताप का ‘गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार’ और ‘नैतिक मूल्यों की अवहेलना’ पार्टी और परिवार के मूल्यों के खिलाफ है.
इस कार्रवाई पर जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने तंज कसते हुए कहा, ‘लालू जी गुमराह कर रहे हैं. जब ऐश्वर्या के साथ महापाप हुआ, तब उनकी चेतना क्यों नहीं जागी? यह शुद्ध अनैतिकता है. चुनाव के बाद तेजप्रताप फिर वापस आ जाएंगे.’ यह घटना बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले लालू परिवार और RJD के लिए सियासी झटका माना जा रहा है.
रोहिणी ने पिता के फैसले का किया समर्थन
वहीं लालू यादव के इस फैसले पर अब तेजप्रताप यादव की बहन रोहिणी आचार्य का भी बयान सामने आया है. उन्होंने अपने पिता लालू यादव के फैसले का समर्थन करते हुए कहा, ‘जो परिवेश, परंपरा, परिवार और परवरिश की मर्यादा का ख्याल रखते हैं, उन पर कभी सवाल नहीं उठते हैं, जो अपना विवेक त्याग कर अमर्यादित आचरण, परिवार की प्रतिष्ठा की सीमा को बार-बार लांघने की गलती, धृष्टता करते हैं, वो खुद को आलोचना का पात्र खुद ही बनाते हैं.’
उन्होंने आगे कहा, ‘हमारे लिए पापा देवतुल्य हैं, परिवार हमारा मंदिर और गौरव है. पापा के अथक प्रयासों, संघर्षों से खड़ी की गयी पार्टी और सामाजिक न्याय की अवधारणा हमारी पूजा है. इन तीनों की प्रतिष्ठा पर किसी की वजह से कोई आंच आए ये हमें कदापि स्वीकार्य नहीं.’