लखनऊ में अदालत ने आदमी को मारकर खोपड़ी का सूप पीने वाले नरभक्षी राम निरंजन कोल उर्फ राजा कोलंदर को उम्रकैद की सजा का ऐलान किया है. नरपिशाच राजा कुलंदर पर 14 लोगों की हत्या का आरोप है. लखनऊ की सीजेएम कोर्ट ने शुक्रवार को राजा कुलंदर और उसके साले वक्षराज को उम्रकैद की सजा सुनाई है. कोर्ट ने दोनों पर ढाई-ढाई लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
यह सजा साल 1999 में मनोज सिंह और ड्राइवर रवि श्रीवास्तव की हत्या के मामले में सुनाई गई है. दोनों को लखनऊ से टैक्सी में बैठाकर रायबरेली ले जाया गया और जंगल में हत्या कर दी गई. उनकी नग्न लाशें कुछ दिन बाद बरगढ़ जंगल में मिली थीं.
राजा कोलंदर और उसके साले वक्षराज को उम्रकैद की सजा
राजा कुलंदर प्रयागराज के नैनी इलाके का रहने वाला है. साल 2000 में पत्रकार धीरेन्द्र सिंह की हत्या के बाद जब पुलिस ने उसकी जांच की, तो उसके घर से कई नरकंकाल और इंसानी खोपड़ियां बरामद हुई थीं. जांच में पता चला कि वह खोपड़ी उबालकर उसका सूप पीता था ताकि उसकी मानसिक शक्ति बढ़े.
कोर्ट ने दोनों पर ढाई-ढाई लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया
वह अपनी पत्नी फूलन देवी के जिला पंचायत चुनाव प्रचार में हत्या के बाद लूटी गई टाटा सूमो का इस्तेमाल भी करता रहा. राजा के दो बेटे हैं जिनके नाम अदालत और जमानत हैं. परिवार उसे निर्दोष मानता है लेकिन उसके इलाक़े के लोग आज भी उसका नाम सुनते ही कांप जाते हैं. पत्रकार धीरेन्द्र सिंह के परिजन कोर्ट के फैसले से संतुष्ट हैं लेकिन उनका कहना है कि अभी पूरा न्याय नहीं मिला है.