More
    HomeHomeआंध्र प्रदेश शराब घोटाला: कैश नहीं, गोल्ड से हुआ रिश्वत का खेल......

    आंध्र प्रदेश शराब घोटाला: कैश नहीं, गोल्ड से हुआ रिश्वत का खेल… SIT जांच में खुला करोड़ों का गड़बड़झाला

    Published on

    spot_img


    आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) में पिछले दिनों टीडीपी की सत्ता में वापसी के साथ ही पिछली सरकार की शराब नीति चर्चा में आई. पिछले महीने पूर्व मुख्यमंत्री रेड्डी के आईटी सलाहकार राज कासिरेड्डी की हालिया गिरफ्तारी ने इस कथित शराब घोटाले में नए खुलासे किए थे. आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा गठित स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने दावा किया कि 2019 से 2024 के बीच 3200 करोड़ रुपये के शराब घोटाले को अंजाम दिया गया था.

    अब विशेष जांच दल (SIT) ने आंध्र प्रदेश की पिछली वाईएसआरसीपी सरकार के तहत चल रहे सोने से सने रिश्वतखोरी नेटवर्क का पर्दाफाश किया है. जांच में पता चला है कि कथित तौर पर टॉप अधिकारियों द्वारा समर्थित शराब सिंडिकेट को डिस्टिलरी और शराब आपूर्तिकर्ताओं ने कैश में नहीं, बल्कि सोने में सैकड़ों करोड़ रुपये की रिश्वत दी है. डिस्टिलरी और शराब कंपनियों ने कथित तौर पर 400 करोड़ रुपये की रिश्वत दी है.

    दिल्ली के एक्साइज पॉलिसी केस से भी बड़ा है ये घोटाला

    जांच से जुड़े एक सूत्र के मुताबिक, आंध्र प्रदेश के शराब मामले में योजना और पैमाना दिल्ली के एक्साइज पॉलिसी केस की तुलना में बहुत बड़ा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि नेशनल ब्रांड्स को दबाकर नए लोकल ब्रांड्स के वर्चस्व को बढ़ावा दिया गया. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के आईटी सलाहकार के रूप में कासिरेड्डी को इस मामले का मुख्य सूत्रधार बताया गया है.

    एसआईटी ने 21 अप्रैल को हैदराबाद के राजीव गांधी एयरपोर्ट पर उन्हें गिरफ्तार किया था. कहा जा रहा है कि कासिरेड्डी और अन्य आरोपियों ने राष्ट्रीय स्तर पर मशहूर शराब ब्रांड्स को बाजार से बाहर कर अपने ब्रांड्स को बढ़ावा देने के लिए साजिश रची, जिससे कंज्यूमर्स के पास अपने पसंद के ब्रांड चुनने का विकल्प समाप्त हो गया.

    यह भी पढ़ें: आंध्र में भी शराब घोटाला… नायडू बोले- जगन सरकार में राजस्व को हुआ 18860 करोड़ का घाटा, CID को सौंपी जांच

    मशहूर ब्रांड्स को किया गया खत्म

    जांच के मुताबिक, प्रमुख शराब ब्रांड्स का सम्मिलित हिस्सा 53% से घटकर मात्र 5.3% रह गया. उधर, स्थानीय या नए ब्रांड्स की मार्केट हिस्सेदारी बढ़ गई. सी-टेल एक यूनिफाइड ऑनलाइन सिस्टम थी जो स्टॉक प्रबंधन, खुदरा दुकानों और डिपो को जोड़ती थी. इस सिस्टम को ध्वस्त किया गया और एक मैन्युअल ओएफएस सिस्टम पेश की गई. एसआईटी के मुताबिक, इस सिस्टम को इस तरह से बदला गया कि पुराने सप्लायर्स का मार्केट कैप कम हो जाए.

    पॉलीसी में बदलावों की वजह से मशहूर ब्रांड्स को भारी नुकसान हुआ, और नए ब्रांड्स की क्वालिटी पर भी सवाल उठाए गए. एसआईटी के मुताबिक, हर महीने 50-60 करोड़ रुपये किकबैक लिया जाता था, जो कासिरेड्डी को सौंप दिया जाता था. फिर एसआईटी के दस्तावेज के मुताबिक, कासिरेड्डी उस रकम को वरिष्ठ वाईएसआरसीपी नेताओं को पहुंचाते थे.



    Source link

    Latest articles

    मध्य प्रदेश के मंत्री ने अपने ही सरकार को घेरा, बोले- आंगनवाड़ी में भर्ती के लिए घूस ली जा रही

    मध्यप्रदेश सरकार के अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री नागर सिंह चौहान ने अपनी ही...

    ‘Twisted Metal,’ ‘Gen V’ & ‘Spartacus: House of Ashur’ Stars Drop by for SDCC Portraits

    Three shows with the casts of and creative minds behind them present at...

    5 Easy Ways to Make Perfect Dosa Batter at Home — With or Without Fermentation

    Easy Ways to Make Perfect Dosa Batter at Home...

    David Dastmalchian Unveils New Horror Comic ‘The Accessories’ (Exclusive)

    David Dastmalchian is continuing his budding career as a comics author with a...

    More like this

    मध्य प्रदेश के मंत्री ने अपने ही सरकार को घेरा, बोले- आंगनवाड़ी में भर्ती के लिए घूस ली जा रही

    मध्यप्रदेश सरकार के अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री नागर सिंह चौहान ने अपनी ही...

    ‘Twisted Metal,’ ‘Gen V’ & ‘Spartacus: House of Ashur’ Stars Drop by for SDCC Portraits

    Three shows with the casts of and creative minds behind them present at...

    5 Easy Ways to Make Perfect Dosa Batter at Home — With or Without Fermentation

    Easy Ways to Make Perfect Dosa Batter at Home...