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    जब गरजीं हिंदुस्तानी तोपें, कांपने लगा दुश्मन… ग्राउंड जीरो से जानें कैसे सीजफायर की भीख मांगने को मजबूर हुआ PAK

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    आजतक की टीम पहुंची उस सरहद पर जहां कुछ दिन पहले पाकिस्तान ने मिसाइलें दागीं, बॉर्डर पर तोपें गरजीं, गोलियां चलीं और दुश्मन के ड्रोन आसमान में मंडराए. लेकिन हर बार भारत के वीर योद्धाओं ने इन इरादों को चूर-चूर कर दिया. पाकिस्तान की हर चाल नाकाम हुई, हर हमले का जवाब मिला, जमीन से, आसमान से और सीना तानकर. आखिर, एटम बम की गूंज के पीछे छिपा पाकिस्तान, सीजफायर की भीख क्यों मांगने को मजबूर हुआ, कैसे भारतीय सेना के साहस के आगे दुश्मन ने घुटने टेक दिए. अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर से की गई हमारी ग्राउंड रिपोर्ट में आज आपको बताएंगे सिर्फ खबर नहीं बल्कि भारतीय सैनिकों की उस वीरता के बारे में जिसके आगे दुश्मन ने घुटने टेक दिए.

    भारतीय सेना के साहस के आगे दुश्मन ने टेके घुटने

    जब रणभूमि की पुकार आती है, तब हथियार बोलते नहीं, गरजते हैं. जीत की नई गाथा लिखते हैं. भारत की हर मिसाइल, भारत के हर हथियार और पाकिस्तान बॉर्डर पर तैनात हर फौजी के जोश की वीरगाथा के आगे पाकिस्तान के सारे हथियार, सारे वार खाक में मिल गए. भारतीय सेना के अदम्य साहस ने दुश्मनों को घुटने टेकने को मजबूर कर दिया. भारत के पहरेदारों ने ना सिर्फ दुश्मनों के दांत खट्टे करते हुए सरहदों की रक्षा की बल्कि ये सिद्ध कर दिया कि भारत अब सिर्फ जवाब नहीं देता, बल्कि तय करता है कि युद्ध कैसे लड़ा जाएगा. ये वीरगाथा है भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर की.

    रात के अंधेरे में भी भारत के सटीक हमले

    मोर्टार पोजिशन पर तैनात भारत के इन्हीं युद्धवीरों ने पाकिस्तान की तरफ से आने वाले हमलों को मिट्टी में मिला दिया था. मोर्टार पोजिशन पर तैनात भारत के वीर, पाकिस्तान पर कहर बनकर टूटे. वो भी उस वक्त, जब पाकिस्तानी सेना मिसाइलें दाग रही थी, ड्रोन से हमले कर रही थी और तो और तोपखानों से गोले दाग रही थी. रात के अंधेरे में भी, भारत के सटीक हमलों ने पाकिस्तानी सेना को बचने का कोई मौका नहीं दिया. एक नहीं बल्कि कई पाकिस्तानी सैनिकों को अग्रिम चौकियों को छोड़कर उल्टे पांव भागना पड़ा.

    आपको 8 और 9 मई की वो तस्वीरें तो याद ही होंगी, जब पाकिस्तानी ड्रोन भारत के आसमान में मंडराते हुए दिखाई दिए थे. लेकिन भारत के अचूक हथियार पाकिस्तानी ड्रोन का काल बन गये. पाकिस्तान की तरफ से मेक इन तुर्किए ड्रोन का इस्तेमाल किया गया. ये ड्रोन बेहद खतरनाक माने जाते हैं लेकिन भारत के सुरक्षाकवच को भेदने में नाकाम रहे. 

    ढाल बनकर खड़े हो गए राजपूत और पंजाब रेजिमेंट के जवान

    ऐसे ही भारतीय सेना की राजपूत रेजिमेंट ने पाकिस्तान की चार चौकियों को तबाह कर दिया, जिससे लगातार आम नागरिकों को टारगेट बनाया जा रहा था. युद्ध के दौरान भारतीय चौकी को निशाना बनाने की कोशिश की गई लेकिन भारतीय सेना की पंजाब रेजिमेंट ने अपने शौर्य से पाकिस्तानी बंकरों को आग के शोलों में बदल दिया. साफ है, जब दुश्मन ने विश्वासघात किया, तब हमारी सेना के सिर्फ हथियार नहीं, बल्कि हमारा पराक्रम भी बोला.

    भारतीय सेना का फॉरवर्ड पोस्ट

    आज बॉर्डर शांत हैं, लेकिन तब भी हमारे वतन के रखवाले चौकसी के साथ खड़े हैं, क्योंकि युद्ध खत्म हो गया. दुश्मन की पराजय हो गई लेकिन अभी भी कदम-कदम पर खतरा है. ऑपरेशन सिंदूर की कामयाबी में, भारतीय सेना की फॉरवर्ड पोस्ट की अहम भूमिका रही. हम बात कर रहे हैं एलओसी के अखनूर सेक्टर की. पहलगाम में आतंकी हमले का बदला, भारत ने कैसे लिया, ये अब दुनिया जान चुकी है. पाकिस्तान में ऑपरेशन सिंदूर से मची तबाही की तस्वीरें भी, पूरी दुनिया ने देख ली हैं. लेकिन आज हम आपको भारतीय सेना के हर उस मोर्चे के बारे में बताएंगे, जहां से भारतीय सेना पाकिस्तान पर कहकर बनकर टूटी. फॉरवर्ड पोस्ट के अंदर इंडियन आर्मी की आर्टिलरी रखी हुई थी. जब पाकिस्तान ने भारत के अखनूर सेक्टर में रियाहशी इलाकों को निशाना बनाया. इसी पोस्ट से भारतीय सेना ने तगड़ा जवाब दिया. भारतीय सेना के जवानों ने बताया कि ये आर्टिलरी गन कैसे काम करती है.

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद, भारतीय सेना के हर जवान का जोश हाई है. जब भारत ने 6 और 7 मई की रात, पाकिस्तान में आतंक के अड्डों को उड़ाया तो आतंक पर एयरस्ट्राइक से बौखलाए पाकिस्तान ने एलओसी पर अखनूर सेक्टर में रिहायशी इलाकों को निशाना बनाने की कोशिश की. ड्रोन्स भेजे लेकिन भारतीय सेना की मुस्तैदी ने, पाकिस्तान के ड्रोन्स को कचरा बना दिया.

    भारत के एयर डिफेंस सिस्टम के आगे धूल फांकते दिखे पाक ड्रोन्स

    भारतीय सेना का हथियार, L-70 एयर डिफेंस गन, पाकिस्तान के ड्रोन्स पर कहर बनकर टूटी. वहीं एयर डिफेंस सिस्टम आकाशतीर जो पूरी तरह से स्वदेशी है, यह ना सिर्फ दुश्मन के खतरे को भांपता है, बल्कि 99.9% की सटीकता के साथ खतरों को बेअसर करने में सक्षम है. भारत के एयर डिफेंस सिस्टम के सामने, पाकिस्तान के सारे हथियार धूल फांकते हुए नजर आए. आज भारतीय सेना को गर्व है, ऑपरेशन सिंदूर की कामयाबी पर. आज भारतीय सेना को गर्व है, भारत के एयर डिफेंस सिस्टम पर, जिसने पाकिस्तान के हमलों को हवा में ही ध्वस्त कर दिया और हर देशवासी को गर्व है भारतीय सेना पर.

    पाकिस्तान के निशाने पर था अमृतसर का स्वर्ण मंदिर

    ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और पाकिस्तान की हार के चर्चे देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर में हो रहे हैं. ये भी सच है कि पाकिस्तान पर जिस तरह से भारतीय सेना ने कहर ढाया, वो घुटनों पर आ गया और सीजफायर के लिए गिड़गिड़ाने लगा. भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर तो हो गया लेकिन अब भारतीय सेना ने एक बहुत बड़ा खुलासा किया है. खुलासा, अमृतसर में गोल्डन टेंपल पर हमले के नापाक प्लान का. बौखलाहट में पाकिस्तान ने सीधे अमृतसर में गोल्डन टेंपल यानी स्वर्ण मंदिर को टारगेट कर, ड्रोन्स और मिसाइल दागे. लेकिन भारतीय सेना पहले से तैयार थी पाकिस्तान के हर पलटवार को नाकाम करने के लिए. भारतीय सेना को पता था कि पाकिस्तान अपनी फितरत से बाज नहीं आएगा इसलिए अमृतसर में पाकिस्तान के हर हमले का नाकाम करने के लिए एयर डिफेंस सिस्टम को खड़ा कर दिया गया. 

    पूरे देश ने 7 मई को अमृतसर के आसमान में पाकिस्तान की मिसाइल और ड्रोन्स को ध्वस्त होते देखा. लेकिन अमृतसर में पाकिस्तान की इन मिसाइलों और ड्रोन्स का टारगेट क्या था, इसका खुलासा भारतीय सेना ने अब कर दिया है. अमृतसर में पाकिस्तान की तरफ से दागी गईं चीनी मिसाइलों और तुर्किये के ड्रोन्स का काल बना, भारत का एयर डिफेंस सिस्टम. आकाश मिसाइल प्रणाली और L-70 एयर डिफेंस गन ने पाकिस्तान के हर हमले का पूरी तरह से नाकाम कर दिया. पहले पाकिस्तान ने भारतीय सेना के ठिकानों और एयरबेस को निशाना बनाने की कोशिश की लेकिन जब, वो इसमें कामयाब नहीं हो पाया तो उसने अमृतसर में स्वर्ण मंदिर को निशाना बनाने के लिए मिसाइल और ड्रोन भेजे, लेकिन भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने, सबको मिट्टी में मिला दिया.

    3300 किमी लंबे बॉर्डर पर विफल रहा PAK का दुस्साहस

    आज सरहदें शांत हैं लेकिन पहरेदार पूरी तरह मुस्तैद है क्योंकि उनके लिए ये सिर्फ जंग नहीं, भारत माता की सेवा का संकल्प है, वतनपरस्ती की सौगंध है. आज पाकिस्तान भी समझ चुका है कि ऑपरेशन सिंदूर एक जवाब नहीं है बल्कि देश के दश्मनों को मिट्टी में मिलाने की सौगंध है. सटीक रणनीति और अचूक प्रहार से सीमा सुरक्षा बल ने पंजाब से सटे अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दिया.

    9-10 मई की रात, पाकिस्तानी सेना की तरफ से अंधेरे का फायदा उठाकर भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश की गई. ये घुसपैठ एक सुनियोजित साजिश थी. लेकिन मुस्तैद जवानों ने पाकिस्तानी साजिश को सरदर पर ही गाड़ दिया. करीब 3300 किलोमीटर लंबे बॉर्डर पर जहां-जहां पाकिस्तान ने दुस्साहस किया, वहां-वहां उसे मुंह की खानी पड़ी.



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