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    आकाश आनंद पहले से ताकतवर होंगे या कमजोर? जानिए क्यों भतीजे को वापस लाना बना मायावती की मजबूरी

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    मायावती ने जिस तरीके से अपने भतीजे आकाश आनंद को तीसरी बार वापस लाकर नंबर 2 की गद्दी सौंपी है, इसने यह सिद्ध कर दिया की आकाश ही मायावती की पसंद और उनकी मजबूरी दोनों है. आकाश आनंद को दोबारा से मायावती अनकहे तौर पर अपनी विरासत सौंपने जा रही है. उन्होंने कुछ महीने पहले ऐलान किया था कि अब उनकी सियासी विरासत किसी को नहीं नहीं मिलेगी और आकाश आनंद को उन्होंने बिल्कुल उससे अलग कर दिया था. 

    अब जिस तरीके से आकाश आनंद की एंट्री हुई है, जिस तरीके से उन्हें के मुख्य नेशनल कोआर्डिनेटर बनाया गया है, इसने यह साफ हो गया कि अब आकाश आनंद नंबर 2 हो चुके हैं यानी मायावती के बाद वही पार्टी की चेन ऑफ कमांड संभालेंगे.

    तीनों नेशनल कोऑर्डिनेटर भी आकाश को करेंगे रिपोर्ट
    आकाश आनंद सीधे चीफ नेशनल कोऑर्डिनेटर बनाए जाएंगे यह अंदाजा पार्टी के भीतर किसी को नहीं था. चर्चा थी उन्हें बिहार में प्रचार की जिम्मेदारी या देश भर में घूमकर प्रचार का जिम्मा उन्हें दिया जा सकता है या संगठन के काम में लगाया जा सकता था लेकिन मायावती ने न सिर्फ उन्हें नंबर 2 बना दिया बल्कि बाकी तीनों नेशनल कोऑर्डिनेटर भी अब उन्हें रिपोर्ट भी करेंगे. रामजीलाल सुमन, राजाराम और रणधीर बेनीवाल इन सबों के ऊपर आकाश आनंद लाए गए हैं. माना जा रहा है पार्टी के भीतर एक पूरी chain of command तय कर दी गई है.

    यह भी पढ़ें: मायावती ने भतीजे आकाश आनंद को फिर दी बड़ी जिम्मेदारी, BSP का चीफ नेशनल कोऑर्डिनेटर बनाया, चुनाव कैंपेन को करेंगे लीड

    दरअसल मायावती को भी लगने लगा है कि 2027 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में वह अकेले पार्टी का बेड़ा नहीं पार लगा सकती हैं. उन्हें पार्टी में एक और ऐसे चेहरे की जरूरत है जो जिसकी प्रतिबद्धता पर कोई सवाल न हो, वो लोकप्रिय हो और जिस पर कैडर और पार्टी का भरोसा हो. यही नहीं मायावती के अनुपस्थिति में जो पार्टी को लीड भी कर सके. ऐसे में सियासी तौर पर उनके ही हाथ से गढ़े गए आकाश आनंद से बेहतर विकल्प कोई नहीं था.

    तो यह है वापसी की असली वजह
    मायावती ने जब पार्टी से उन्हें निकाला था, जब अपने सियासी विरासत से बेदखल किया था तब आकाश को बिल्कुल ज़मीन पर लाने में उन्होंने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी थी. यह बिल्कुल मायावती के स्वभाव के मुताबिक ही था, लेकिन कुछ ही महीने बाद जब तीसरी बार आकाश को लेकर आई है तो इस कॉन्फिडेंस के साथ लाई है कि अब वही आकाश अब पार्टी के खेवनहार भी होंगे और 2027 में पार्टी का मुख्य चेहरा भी.

    पिछली बार नेशनल कोऑर्डिनेटर के फीडबैक आकाश आनंद के खिलाफ थेऔर यही वजह थी कि उनके ससुर के इनफ्लुएंस जैसी बातें उनके बारे मे मायावती को बताई गईं. उसको मानते हुए मायावती ने उन्हें हटाया था लकिन अब सिर्फ पहली बार इन तीनों कोऑर्डिनेटर को एक तरीके से आकाश आनंद को रिपोर्ट करना होगा.

    दरअसल मायावती को लगने लगा है कि जिस तरीके से उनकी पार्टी अब धीरे-धीरे उत्तर प्रदेश से भी विलुप्तता की ओर अग्रसर है. कहीं ऐसा ना हो की 2027 के बाद सब कुछ खत्म ही हो जाए और फिर पार्टी को संभालने वाला भी कोई ना रहे. ऐसे में मायावती ने बेशक आकाश आनंद को झटका दिया लेकिन वापस उन पर भरोसा भी जताया है.

    यह भी पढ़ें: आकाश आनंद का कौन मजाक बना रहा है, क्‍या BSP में मायावती के भतीजे की लाइन जीरो से शुरू रही है?

    आकाश के लिए मर्यादा तय
    इस बार आकाश आनंद को लाने के पहले मायावती के परिवार के भीतर काफी गहन विचार विमर्श हुआ है. मायावती ने आकाश आनंद के लिए काम करने के तरीके और do and don’ts तय किए हैं. यानी उन्होंने वह मर्यादा तय की है जिसके भीतर आकाश आनंद को पार्टी का काम करना है. आकाश आनंद ने भी मुख्य नेशनल कोऑर्डिनेटर बनने के बाद मायावती का धन्यवाद और आभार जताया और उनके बताए हुए रास्ते और निर्देशन में काम करने की बात कही है.

     यही नहीं उन्होंने यह भी लिखा कि अब से दोबारा गलती नहीं होगी हालांकि इस पोस्चरिंग माना जा रहा है. असल वजह मायावती के लिए आकाश आनंद अब मजबूरी है क्योंकि पार्टी काडर की डिमांड, संगठन की डिमांड और समर्थकों की मांग भी आकाश आनंद ही थे और मायावती चाहती थी कि आकाश को इस बार अगर लाया जाए तो ऐसे लाया जाए जैसे वह भविष्य का चेहरा वही हो. अब यह देखना होगा की क्या इस बार आकाश आनंद को सियासी बैटिंग के लिए खुली पिच मिलती है या नहीं.
     



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