कांग्रेस नेता शशि थरूर का नाम केंद्र सरकार की ओर से विदेश भेजे जाने वाले डेलिगेशन की लिस्ट में शामिल होने के बाद कांग्रेस में खींचतान शुरू हो गई है. इस पर शशि थरूर ने कहा कि जब भी देश को उनकी जरूरत होगी, वह हमेशा उपलब्ध रहेंगे. वह सरकार द्वारा गठित 7 सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडलों में से एक का नेतृत्व करेंगे, जो प्रमुख विदेशी साझेदार देशों में जाकर भारत का पक्ष रखेंगे. खासतौर पर भारत-पाकिस्तान तनाव और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर.
शशि थरूर ने कहा कि मेरी पार्टी का नेतृत्व मेरी योग्यताओं या कमियों के बारे में अपनी राय रखने का हकदार है, इस पर मुझे कोई टिप्पणी नहीं करनी है. मुझे ये जिम्मेदारी सौंपी गई है, इस बात का मैं सम्मान करता हूं, और मैं इस जिम्मेदारी को उसी तरह से पूरा करूंगा, जैसे मैंने अपने लंबे कार्यकाल में मुझे सौंपी गई हर जिम्मेदारी को पूरा किया है, चाहे वह संयुक्त राष्ट्र में हो या कांग्रेस पार्टी में. उन्होंने कहा कि विभिन्न मुद्दों पर सोमवार और मंगलवार को हमारी संसदीय स्थायी समिति की बैठक है. थरूर ने ये भी स्पष्ट किया कि उन्हें दो दिन पहले इस प्रतिनिधिमंडल के लिए पहली कॉल मिली थी, जिसकी जानकारी उन्होंने पार्टी को दी थी. उन्होंने संसदीय कार्य मंत्री से कहा था कि वे विपक्षी पार्टियों के नेतृत्व से बात करें, जिस पर मंत्री ने आश्वस्त किया कि ऐसा किया जाएगा. उन्होंने कहा कि मुझे यह पूरी तरह उपयुक्त लगा कि देश को इस अहम मुद्दे पर एकजुट होना चाहिए.
क्या है मामला?
बता दें कि संसदीय कार्य मंत्रालय ने इस डेलिगेशन को लीड करने वाले 7 सांसदों की लिस्ट जारी की. जिसमें कांग्रेस के शशि थरूर से लेकर बीजेपी के रविशंकर प्रसाद, बैजयंत पांडा, जेडीयू के संजय झा, DMK के कनिमोई, NCP (एसपी) की सुप्रिया सुले और शिवसेना (शिंदे गुट) के श्रीकांत शिंदे शामिल हैं. लेकिन कांग्रेस का कहना है कि थरूर के नाम को लेकर उससे कोई चर्चा नहीं की गई थी. पार्टी ने सरकार से 4 नामों की मांग पर अपने चार नाम भेज दिए हैं, और उसमें कोई बदलाव नहीं होगा.
भाजपा ने किया पलटवार
भाजपा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि कहीं कांग्रेस ने शशि थरूर को इसलिए तो नहीं छोड़ा क्योंकि वे पार्टी हाईकमान से ज्यादा चमक रहे हैं? किरेन रिजिजू ने एक पोस्ट में थरूर का नाम सूची में होने की पुष्टि करते हुए कहा कि जब देशहित की बात होती है, भारत एकजुट खड़ा होता है. सात डेलिगेशन प्रमुख देशों में भारत का ‘आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस’ का संदेश लेकर जाएंगे- ये राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है और राजनीति से परे है.