यह गर्व की बात है कि हिंदुस्तान की सेना के पराक्रम के आगे दुश्मन चारों खाने चित्त हो गया. लेकिन यह अफसोस की बात है कि उसी शौर्य के नाम पर सियासत हो रही है. यह अभिमान की बात है कि भारतीय सेना की अफसर बेटियों ने दुश्मनों को सबक सिखाया है. लेकिन यह निराशाजनक है कि देश में उन्हीं वीरांगनाओं के नाम पर घटिया राजनीतिक बयानबाजी चल रही है.
पहले कर्नल सोफिया को लेकर बयानबाजी हुई. फिर विंग कमांडर व्योमिका के लिए जाति सूचक शब्द कहे गए. और अब आरोप है कि मध्य प्रदेश के डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा ने पूरी सेना से ही प्रधानमंत्री के चरणों में नमन करा दिया. हालांकि जगदीश देवड़ा अब सफाई दे रहे हैं और अपने कहे का असली निहितार्थ समझा रहे हैं. लेकिन राजनीति ने मौका तलाश लिया. भोपाल में दिन भर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया कि मंत्री विजय शाह को बर्खास्त किया जाए. हालांकि सीएम मोहन यादव ने कह दिया है कि मामला कोर्ट में है तो कोर्ट से ही फैसला होगा. यानी फिलहाल विजय शाह की कुर्सी सलामत है.
सुप्रीम कोर्ट में याचिकाओं पर सुनवाई
उधर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई तो हाईकोर्ट का आदेश जमा किया गया. विजय शाह ने दूसरे दिन सुनवाई का अनुरोध किया. इसी बीच दो और हस्तक्षेप याचिकाएं डाली गईं जिनमें एक याचिका में कहा गया है कि विजय शाह पर दर्ज मुकदमे में लगी धारा के हिसाब से मंत्री ने संप्रभुता के खिलाफ बयान देकर अपनी शपथ का भी उल्लंघन किया है. फिलहाल सुप्रीम कोर्ट सोमवार को इन सभी अर्जियों पर सुनवाई करेगा.
रामगोपाल यादव के बयान पर यूपी में घमासान
लेकिन इस बीच राजनीति उत्तर प्रदेश में भी हो रही है. विश्व हिंदू परिषद ने समाजवादी पार्टी महासचिव रामगोपाल यादव के विरुद्ध थाने में शिकायत देकर मुकदमे की मांग की है. बीजेपी से लेकर बीएसपी तक ने रामगोपाल यादव के बयान को दलित विरोधी और विंग कमांडर व्योमिका के खिलाफ अपमानजनक बयान माना है. सभी पक्ष के अपने दावे, अपने आरोप, अपनी सफाई है. वो सब आपको सुनाएंगे. लेकिन पहले यह रिपोर्ट देख लेते हैं.
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आतंकवाद पर जयघोष और देश में निम्न राजनीति
आतंकवाद के विरुद्ध युद्ध में भारतवर्ष के पराक्रम का जयघोष समस्त संसार में हो रहा है. मगर शत्रु का संहार करने वाली शूरवीर सेना और सेना की वीरांगनाओं की जाति और धर्म को लेकर देश के अंदर अत्यंत निम्न स्तर की राजनीति चल रही है.
मध्य प्रदेश में मंत्री विजय शाह के विरोध में कांग्रेस का प्रदर्शन
यह मध्य प्रदेश में कैबिनेट मंत्री विजय शाह के विरोध में कांग्रेस के प्रदर्शन की तस्वीरें हैं. विपक्ष की मांग है कि प्रकरण दर्ज होने के बाद विजय शाह को मंत्रिपद से हटाया जाए.
सरकारी कार्यक्रमों में तस्वीरें हटाईं गईं
बीजेपी विजय शाह से इस्तीफा तो नहीं ले रही लेकिन सरकारी कार्यक्रमों में उनकी तस्वीर हटाकर उसके ऊपर पीएम मोदी की तस्वीरें लगाई जा रही हैं. इंदौर में ऐसी तस्वीर दिख चुकी है जो विजय शाह के विरुद्ध बने माहौल को दर्शाती है.
बयानबाजी का सिलसिला
हर गुजरते दिन के साथ विवादित बयान देने वाले नेताओं की श्रृंखला लंबी होती जा रही है. आरंभ मध्य प्रदेश से हुआ है और विस्तार उत्तर प्रदेश तक. मध्य प्रदेश के मंत्री ने कर्नल सोफिया के लिए अपमानजनक भाषण दिए तो अब डिप्टी सीएम ने पूरी सेना को नतमस्तक कराने का प्रयास कर दिया है. उधर रामगोपाल यादव ने तो विंग कमांडर की जाति की घोषणा भरे मंच से कर दी है.
सेना के अपमान पर सियासी घमासान
सेना की अफसर कर्नल सोफिया पर बयान के सिलसिले में मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह पर दर्ज प्रकरण की जांच अभी आरंभ भी नहीं हुई है कि प्रदेश के उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा के बयान पर कांग्रेस आगबबूला है.
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डिप्टी सीएम का बयान
मध्य प्रदेश के डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हम धन्यवाद देना चाहेंगे. और पूरा देश, देश की वह सेना, वह सैनिक, उनके चरणों में नतमस्तक है. उनके चरणों में पूरा देश नतमस्तक है. उन्होंने जो जवाब दिया है, उसकी जितनी सराहना की जाए, जितना कहा जाए…एक बार उनके लिए जोरदार तालियां बजा दीजिए’.
कांग्रेस का आरोप और बीजेपी की प्रतिक्रिया
कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि अगर नरेंद्र मोदी के मन में इस देश के लिए, हमारी निर्भीक सेना के लिए लेशमात्र भी इज्जत है तो तत्काल जगदीश देवड़ा और विजय शाह को बर्खास्त करके नजीर बनाएं वरना इसको आपकी मौन स्वीकृति और संरक्षण माना जाएगा.
रामगोपाल यादव के जातिसूचक बयान पर बवाल
उत्तर प्रदेश में अलग घमासान मचा हुआ है क्योंकि बीजेपी पर हमला बोलते बोलते रामगोपाल यादव ने विंग कमांडर व्योमिका सिंह के लिए जातिसूचक शब्द कह डाले. उनका बयान कुछ ऐसा था, ‘व्योमिका सिंह हरियाणा की जाटव हैं… और एयर मार्शल भारती पूर्णिया के यादव हैं. तो तीनों तो पीडीए के थे. एक को मुसलमान समझकर गाली दी, एक को राजपूत समझकर कुछ नहीं किया और भारती के बारे में जानकारी नहीं और जब पेपर में आ गया तो यह सोचने को विवश हैं कि अब क्या करें’.
विरोध और समर्थन में प्रतिक्रियाएं
रामगोपाल यादव के बयान को सीएम योगी आदित्यानथ ने विकृत जातिवादी सोच बताते हुए लिखा कि सेना की वर्दी को जातिवादी चश्मे से नहीं देखा जाता. मायावती ने लिखा कि सेना को जाति में बांटना घोर अनुचित और निंदनीय है. रामगोपाल यादव ने सफाई दी कि उनके बयान को गलत संदर्भ में देखा जा रहा है. लेकिन विश्व हिंदू परिषद ने सिविल लाइंस थाने में शिकायत देकर रामगोपाल यादव पर केस चलाने की मांग की.
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राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं
मामला सेना की वीरांगना का था, दलित बेटी के अपमान का था. इसलिए रामगोपाल यादव के समर्थन और विरोध में बयान की झड़ियां लग गईं.
समाजवादी पार्टी की सफाई
समाजवादी पार्टी सफाई दे रही है कि रामगोपाल यादव ने विंग कमांडर व्योमिका सिंह के लिए जातिसूचक शब्द का उल्लेख जानबूझकर अपमानित करने के लिए नहीं बल्कि इस संदर्भ में किया था कि बीजेपी के लोगों को व्योमिका सिंह की जाति का पता होता तो उनके विरुद्ध भी बयान दिए जाते.
विंग कमांडर की जाति के उल्लेख पर सवाल
हालांकि अकारण ही विंग कमांडर व्योमिका सिंह की जाति का उल्लेख करके रामगोपाल यादव देश की सेना, देश की बेटी और दलित अपमान के आरोपों में घिरे हुए हैं.