भारत के साथ सैन्य टकराव के दौरान तुर्की और चीन ने खुलकर पाकिस्तान का साथ दिया. अब इन तीनों देशों में एक के बाद एक भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. इसे लेकर इंटरनेट पर मीम फेस्ट शुरू हो गया है. भारत में सोशल मीडिया यूजर्स भूकंप के इन झटकों को चीन, तुर्की और पाकिस्तान के लिए प्रकृति की चेतावनी बता रहे हैं. 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का बदला लेने के लिए भारत द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर के बीच, पाकिस्तान से कम तीव्रता का भूकंप आया था. फिर भारत के साथ 10 मई को युद्ध विराम की घोषणा के बाद पाकिस्तान में लगातार दो दिन भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूकंपीय गतिविधि मुख्य रूप से देश के उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्रों में केंद्रित थी और यह ऐसे समय में हुआ जब भारत और पाकिस्तान लगभग युद्ध के कगार पर थे.
पाकिस्तान में 12 मई को 4.6 तीव्रता का भूकंप आया, जबकि 10 मई की सुबह लगातार दो भूकंप आए, जिनकी तीव्रता क्रमश: 4.7 और 4.0 थी. भूवैज्ञानिकों और मौसम विज्ञान विशेषज्ञों के अनुसार, यह भूकंपीय रूप से सक्रिय हिमालय क्षेत्र में टेक्टोनिक प्लेटों में हलचल के कारण हुआ, जो इस क्षेत्र में एक सामान्य घटना है. इसके बाद तुर्की में 15 मई की शाम को शक्तिशाली भूकंप आया, जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 5.2 मापी गई. ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी मेहर के अनुसार, भूकंप का प्रभाव तुर्की की राजधानी अंकारा में भी महसूस किया गया. इस घटना में जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ. यह घटना ग्रीस के फ्राई के निकट बुधवार सुबह आए 6.1 तीव्रता के भूकंप के बाद हुई.
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यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे के अनुसार, भूकंप स्थानीय समयानुसार सुबह 1:51 बजे 78 किलोमीटर की गहराई पर आया था. भूकंप के झटके मिस्र के काहिरा से लेकर इजरायल, लेबनान और जॉर्डन तक महसूस किए गए. बताया जा रहा है कि भूकंप तुर्की के सेंट्रल एनाटोलिया क्षेत्र के कोन्या प्रांत में आया. हालांकि, इसमें जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ. इससे पहले अप्रैल में भी इस्तांबुल समेत तुर्की के अन्य हिस्सों में 5.2 तीव्रता का भूकंप आया था, जिससे 16 मिलियन की आबादी वाले शहर में व्यापक दहशत फैल गई थी और बुनियादी ढांचों को सीमित नुकसान भी हुआ था, जिसमें कई लोग घायल हुए थे. भूकंप के आकार को देखते हुए, जिसका केंद्र ग्रीस के दक्षिण-पूर्व में समुद्र में था, स्थानीय अधिकारियों ने एहतियात के तौर पर सुनामी की चेतावनी जारी की.
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तुर्की भी कई सक्रिय भूकंपीय फॉल्ट लाइनों पर स्थित है, जो इसे भूकंप के लिए अतिसंवेदनशील बनाता है. यह क्षेत्र अधिक तीव्रता के भूकंप के लिए जाना जाता है. तुर्की के आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, देश में हर साल कम से कम एक 5.0 तीव्रता का भूकंप आता है. इस साल की शुरुआत में, सेंटोरिनी द्वीप पर कई भूकंप आए, जिनमें से कई की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 5 से भी ज्यादा थी, लेकिन उस दौरान भी कोई बड़ी क्षति नहीं हुई. फरवरी 2023 में, तुर्की और सीरिया में शक्तिशाली भूकंप आए थे. पहला भूकंप 7.8 तीव्रता का था, उसके बाद दूसरा भूकंप 7.5 तीव्रता का था. इसके साथ ही कई शक्तिशाली झटके महसूस किए गए थे, जिससे इमारतें ढह गई थीं. विनाशकारी प्रभाव के कारण तुर्की में 59,000 और सीरिया में 8,000 लोगों की मौत हुई थी.
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चीन में 16 मई की सुबह 4.5 तीव्रता का भूकंप आया. भूकंप सुबह करीब 6:29 बजे आया, जिसका केंद्र 25.05 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 99.72 डिग्री पूर्वी देशांतर पर 10 किलोमीटर की गहराई में था. इस घटना में किसी के हताहत होने या नुकसान की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है. कुछ दिन पहले ही 12 मई को प्रातः 02:41 बजे तिब्बत और चीन के कुछ हिस्सों में 9 किलोमीटर की गहराई पर 5.6 तीव्रता का भूकंप आया था. विशेषज्ञों की मानें तो कम गइराई पर आए भूकंप अधिक खतरनाक होते हैं, क्योंकि भूकंपीय तरंगों को पृथ्वी की सतह तक पहुंचने में कम दूरी तय करना पड़ता है, जिससे अधिक नुकसान होता है. चीन यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेट पर स्थित है और यह दुनिया के सबसे अधिक भूकंप-संभावित देशों में से एक है.