भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई को युद्धविराम हुआ था, लेकिन पिछले 24 घंटे में आए बयानों ने माहौल फिर से गरमा दिया है, पाकिस्तान की संसद में सांसदों ने भारत की तरफ से नए हमले की आशंका जताई है. वहीं बिलावल भुट्टो ने सीजफायर को लेकर बड़ा दावा किया है, उधर, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पिक्चर अभी बाकी है. ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि क्या सीजफायर फिर टूटेगा. क्या तनाव फिर से सिर उठाएगा. आखिर 18 मई को लेकर पाकिस्तान में इतनी बेचैनी क्यों है…
सीजफायर के ऐलान के 5 दिन बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का अपने बयान से पलटना, जीत का झूठा जश्न मान रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का अचानक भारत को बातचीत की पेशकश करना, पाकिस्तन की संसद में सांसदों का भारत की तरफ से नए हमले की आशंका जताना, भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का ये ऐलान करना कि पिक्चर अभी बाकी है, तेजी से बदलते घटनाक्रम ने चर्चाओं को हवा दे दी है.
क्या 18 मई को कुछ बड़ा होगा?
तो क्या 18 मई को कुछ बड़ा होने वाला है? एक तरफ पाकिस्तान में ऑपरेशन सिंदूर का खौफ अब आतंकियों के चेहरों पर भी साफ झलक रहा है, दूसरी तरफ पाकिस्तानी संसद में सांसदों को 18 मई की तारीख डरा रही है. ये डर ऑपरेशन सिंदूर पार्ट-टू का है. पाकिस्तानी सांसद सैयद शिबली फराज ने कहा कि वो आराम से नहीं बैठेगा…अब हमें बहुत एहतियात से रहना पड़ेगा.
पाकिस्तानी सांसदों को सता रहा हमले का डर
पाकिस्तान की संसद में सांसदों ने खुलेतौर पर भारत की ओर से फिर से हमला करने की आशंका जताई है. पाकिस्तानी सांसद डरे हुए हैं और ये डर सिर्फ संसदों तक सीमित नहीं है. पाकिस्तानी सेना के पहरे में भी आतंक के आकाओं को बुलेटप्रूफ ग्लास के पीछे छिपना पड़ रहा है. मतलब दुनिया को दिखाने के लिए पाकिस्तान जीत का झूठा जश्न मना रहा है, मुल्क के प्रधानमंत्री और सेना प्रमुख एक के बाद एक सैन्य अड्डों का दौरा करते हुए जीत का ऐलान कर रहे हैं, लेकिन हकीकत ये है कि 18 मई की तारीख को लेकर पाकिस्तान भयभीत है.
क्या ट्रंप का बयान बना PAK में हड़कंप की वजह?
दरअसल 18 मई को सीजफायर पर भारत और पाकिस्तान के DGMO के बीच चौथे राउंड की बातचीत होनी है, लेकिन बातचीत से ठीक पहले कुछ ऐसा हुआ जिसने भारत-पाकिस्तान को लेकर सस्पेंस बढ़ा दिया. इस सस्पेंस की वजह है अमेरिकी राष्ट्रपति का सीजफायर पर अपना स्टैंड बदलना. बिलावल भुट्टो की तरफ से सीजफायर पर सवाल उठाना. भारत से बातचीत के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का अचानक तैयार हो जाना. तो क्या ट्रंप का बयान, पाकिस्तान में हड़कंप की वजह बन गया है? दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने 10 मई को सोशल मीडिया पोस्ट में ऐलान किया था कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराने में अहम भूमिका निभाई, लेकिन 15 मई को ट्रंप ने अपने बयान से पलटते हुए कहा कि मैंने यह कभी नहीं कहा कि मैंने मध्यस्थता कराई. मैंने सिर्फ भारत और पाकिस्तान को युद्धविराम तक पहुंचाने में मदद की.
बिलावल ने दिए सीजफायर टूटने के संकेत!
बिलावल भुट्टो के बयान से तीन बातें साफ हैं. पहली- पाकिस्तान को सीजफायर टूटने का डर है. दूसरी- पाकिस्तान में ऑपरेशन सिंदूर का खौफ है. तीसरी- भारत की अगली कार्रवाई की आशंका और पाकिस्तान का परमाणु युद्ध की तरफ इशारा. बिलावल भुट्टो की तरफ से जैसे ही सीजफायर टूटने के संकेत दिए, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज ने एक बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने भारत के साथ बातचीत शुरू करने की बात की.
ऑपरेशन सिंदूर पार्ट-2 की उलटी गिनती शुरू?
भारत पहले ही साफ कर चुका है कि सीजफायर शांति की शुरुआत नहीं, सिर्फ एक विराम है. जब तक पाकिस्तान आतंकवाद पर निर्णायक कार्रवाई नहीं करता, शांति की उम्मीद सिर्फ एक भ्रम है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या आतंकियों को मुआवजा देकर फंसे पाकिस्तान में ऑपरेशन सिंदूर पार्ट-2 की उलटी गिनती शुरू हो गई है? क्या अगला टारगेट हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे चेहरे हैं? क्या टारगेट-9 ट्रेलर था और टारगेट-21 पूरी पिक्चर है.
पाकिस्तान के दिल में सीज़फायर टूटने का डर क्यों?
अब जानते हैं कि पाकिस्तान के दिल में सीज़फायर टूटने का डर क्यों बैठा हुआ है, एक बात बहुत गौर करने वाली है, वो ये कि भारत की तरफ से बार-बार कहा जा रहा है कि ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है. ये बात पीएम मोदी ने भी कही, और अब रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी कही है. और तो और राजनाथ सिंह ने तो आज यहां तक कह दिया कि ऑपरेशन सिंदूर ने जो पाकिस्तान में कहर ढाया, वो तो सिर्फ एक ट्रेलर है, पूरी पिक्चर तो अभी बाकी है और भारत पूरी पिक्चर भी दुनिया को दिखाएगा. ऐसे में पाकिस्तान के होश उड़े हुए हैं, कहीं भारत सीज़फायर को खत्म ना कर दे.