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    पहले बाइडेन-ट्रंप ने जताई चिंता, अब राजनाथ सिंह ने उठाई मांग… PAK से न्यूक्लियर हथियारों का कंट्रोल छीनने का वक्त आ गया?

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    पाकिस्तान के परमाणु हथियार बहुत बड़े शक के घेरे में आ चुके हैं. और बात यहां तक पहुंच गई है कि पाकिस्तान से उसके परमाणु हथियारों का कंट्रोल छीन लेना चाहिए. यानी परमाणु हथियार भले ही पाकिस्तान में रहें, लेकिन उनको चलाने की परमीशन पाकिस्तान को किसी और से लेनी पड़े. जिस तरह से पाकिस्तान का कोई छोटा नेता भी, परमाणु हथियारों की धमकी देकर चला जाता है, इसीलिए अब पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को काबू में रखने की बात उठ खड़ी हुई है. 

    भारत-पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य संघर्ष रोकने के लिए सीजफायर का ऐलान हुआ. इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के भी ऐसे कई बयान आये, जिसमें उन्होंने दावा किया कि उन्होंने परमाणु युद्ध होने से रोक दिया. ट्रंप के इस दावे में कितनी सच्चाई है, ये तो पता नहीं लेकिन एक बात सच है कि पाकिस्तान जैसे जेहादी मुल्क के हाथों में परमाणु हथियार नहीं होने चाहिए.

    भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सवाल उठाया है कि क्या एक गैर-जिम्मेदार और असभ्य देश पाकिस्तान के हाथों में परमाणु हथियार सुरक्षित हैं? राजनाथ सिंह ने मांग की है कि पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की निगरानी अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी यानी IAEA करे. अब सवाल उठता है कि क्या पाकिस्तान अब भारत को बार-बार परमाणु धमकी देने लायक भी नहीं बचेगा?

    दरअसल, पाकिस्तान को अपने परमाणु हथियारों पर बड़ा गुरूर है, लेकिन भारत ने उसी गुरूर को चूर चूर करने का ऐलान कर दिया है. भारत ने पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की सुरक्षा पर सवाल उठाकर दुनिया को एक बार फिर सोचने पर मजबूर कर दिया है. पहली बार भारत ने पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को लेकर खतरे की घंटी को बजा दिया है. ऐसे में यह भी समझने की जरूरत है कि पाकिस्तान के एटमी हथियार पूरी दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरा क्यों है.

    आतंकियों के हाथ लग सकते हैं एटम बम?

    भले ही अंतराष्ट्रीय दवाब के बाद पाकिस्तान की सरकार अंतराष्ट्रीय आतंकवादियों पर एक्शन का दिखावा करता है, लेकिन तमाम रिपोर्ट्स और पाकिस्तान से आने वाली तस्वीरें आतंकवादियों को मिल रहे संरक्षण का जीता-जागता सबूत है. लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हिज्बुल मुजाहिदीन, लश्कर-ए-झांगवी जैसे संगठनों को UNSC ने एक प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन घोषित रखा है, लेकिन इन आतंकी संगठनों के मुखिया हाफिज सईद से लेकर मसूद अजहर तक, पाकिस्तान में खुलेआम घूमते हैं. यहां तक कि पाकिस्तान की सरकार अतंरराष्ट्रीय आतंकवादी मसूद अजहर के हेडक्वार्टर को दोबारा बनाने के लिए आर्थिक पैकेज का एलान करती है. आतंकियों को मुआवजा देने की तैयारी कर चुकी है. यानी पाकिस्तान में आतंकी और सरकार एक पेज पर नजर आते हैं. इसकी सबसे बड़ी गवाही पाकिस्तान सरकार में मंत्री राणा- तनवीर हुसैन का बयान है. 

    हाफिज और मसूद अजहर जैसे आतंकियों से घिरा पाकिस्तान. और उनके पीछे परमाणु बम की ताकत. लेकिन अब सवाल है क्या ये एटम बम आतंकियों के हाथ लग सकते हैं? आतंकवादियों से पाकिस्तान की यही हमदर्दी, दुनिया के लिए बड़ा खतरा बन सकती है. इस खतरे की ओर इशारा करती है हावर्ड यूनिवर्सिटी की रिसर्चर Sitara Noor की एक रिपोर्ट. साल 2023 में Assessing Nuclear Security Risks in Pakistan नाम से प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया कि पाकिस्तान में सक्रिय आतंकी संगठन एटमी हथियारों पर कब्जा कर सकते हैं. इसके अलावा ये भी कहा गया है कि दो आतंकवादी संगठन परमाणु हथियार या उससे जुड़ी सामग्री को चुरा सकते हैं. तीन पाकिस्तान की सरकार एटमी हथियारों से अपना कंट्रोल खो सकती हैं. 

    जो बाइडेन भी जता चुके हैं चिंता

    जिस खतरे की ओर ये रिपोर्ट इशारा कर रही है, उसी खतरे का जिक्र अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति जो बाइडेन अक्टूबर 2022 में कर चुके हैं. परमाणु हथियारों से लैस मुल्कों में बाइडेन ने पाकिस्तान को दुनिया का सबसे खतरनाक मुल्क करार दिया था.  बाइडेन ने पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताते हुए कहा था, “मुझे लगता है कि पाकिस्तान दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में से एक है जिसके पास बिना किसी सामंजस्य के परमाणु हथियार हैं.” 

    बेल्फर सेंटर फॉर साइंस एंड इंटरनेशनल अफेयर्स की रिपोर्ट भी बताती है कि पाकिस्तान की परमाणु नीति और परमाणु हथियारों की सुरक्षा दुनिया के लिए एक बड़ा खतरा है. दुनिया के नक्शे पर पाकिस्तान एकलौता परमाणु शक्ति वाला मुल्क है, जो परमाणु युद्ध की धमकी बार- बार देता आया हैं, यहां तक कि अतंराष्ट्रीय आतंकवादी हाफिज सईद भी पाकिस्तान के एटमी हथियारों से दुनिया को डराने वाला पैगाम दे चुका है.

    पाकिस्तान के पास करीब 170 परमाणु हथियार

    बुलेटिन ऑफ द एटॉमिक साइंटिस्ट्स की एक रिपोर्ट में पाकिस्तान के एटमी हथियारों का जिक्र है. 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट बताती है कि पाकिस्तान के पास करीब 170 परमाणु हथियार हैं. पाकिस्तान ने अपने परमाणु हथियारों को अलग-अलग जगह अंडरग्राउंड बंकर में रखा है. लेकिन सार्वजनिक प्लेटफॉर्म पर पाकिस्तान के एटमी हथियारों को लेकर जानकारी सीमित है. रिपोर्ट में कुछ परमाणु ठिकानों की डिटेल मौजूद है. पाकिस्तान के परमाणु ठिकाने किराना हिल्स साइट, जहां परमाणु हथियारों को स्टोरेज है, आक्रो मिलिट्री बेस जो भारतीय सीमा से 145 किलोमीटर दूर स्थित है. गुजरांवाला मिलिट्री बेस, जो इंडियन बॉर्डर से 60 किलोमीटर है. खुजदार, जहां परमाणु हथियारों का अंडरग्राउंड गोदाम है. पानो अकिल, जो भारतीय सीमा से 60 किलोमीटर दूर है. 

    पाकिस्तान के एटमी हथियार पर निगरानी जरूरी है, क्योंकि इन पाकिस्तान परमाणु अप्रसार संधि यानी NPT का मेंबर नहीं है. पाकिस्तान ने Comprehensive Test Ban Treaty यानी CTBT पर भी हस्ताक्षर नहीं किए हैं. इससे पाकिस्तान की परमाणु नीति और एटमी एक्टिविटी दुनिया की नजरों से छिपी हुई है. दुनिया के तमाम एक्सपर्ट मानते हैं कि पाकिस्तान के एटमी हथियारों पर यूएन और IAEA जैसी संस्थाओं का नियंत्रण जरूरी है. भारत ने साफ कर दिया है कि पाकिस्तान की न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग नहीं चलेगी, लेकिन पाकिस्तान की न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग पर क्या दुनिया अब भी इंतजार करेगी या एक निर्णायक कदम उठाएगी?



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