केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की 12वीं कक्षा का परिणाम सोमवार को जारी हुआ और इस बार भी बेटियों ने एक बार फिर सफलता का परचम लहराया. राजस्थान की शेखावाटी क्षेत्र की दो प्रतिभाशाली बेटियों, देबांशी शेखावत और खुशी शेखावत ने 500 में से 499 अंक हासिल कर न सिर्फ राज्य बल्कि पूरे देश में राजस्थान का गौरव बढ़ाया है.
जयपुर की देबांशी शेखावत ने अपने पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा मुकाम हासिल किया है. उनके पिता लोकेन्द्र सिंह शेखावत ने ADJ (अतिरिक्त जिला न्यायाधीश) परीक्षा में पहला स्थान प्राप्त किया था. अब बेटी देबांशी ने CBSE की 12वीं बोर्ड परीक्षा में अव्वल आकर परिवार और राज्य दोनों का नाम रोशन किया है.
स्मार्टफोन से दूर रहकर की पढ़ाई
विद्याश्रम स्कूल, प्रतापनगर, जयपुर की छात्रा देबांशी वर्तमान में बीकानेर में रह रही थीं और रिजल्ट के समय भी वहीं थीं. देबांशी बताती हैं कि उन्होंने स्मार्टफोन को अलविदा कहकर पढ़ाई को पूरी तरह समर्पित किया था, जिससे उन्हें फोकस बनाए रखने में मदद मिली. देबांशी ने बताया कि वे बस दिन में 4 घंटे ही पढ़ाई किया करती थीं. PTI को दिए हुए इंटरव्यू में देबांशी ने कहा कि अगर आप लगातार मेहनत करते रहेंगे तो जरूर अच्छे नंबर से पास होंगे. इसके अलावा दोबांशी ने परीक्षा के समय सोशल मीडिया से दूर रहने की भी सलाह दी. साथ ही अपनी सफलता का श्रेय अपने पूरे परिवार को दिया.
सीकर की खुशी के 500 में से 499 अंक
सीकर जिले के लक्ष्मणगढ़ तहसील के ढोलास गांव की रहने वाली खुशी शेखावत ने 500 में से 499 अंक हासिल कर पूरे इलाके में ‘खुशी’ की लहर दौड़ा दी है. प्रिंस स्कूल, सीकर की छात्रा खुशी के पिता दिलीप सिंह शेखावत भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हैं और मां संजु कंवर एक गृहिणी हैं. खुशी का सपना है कि वह आगे चलकर लॉ की पढ़ाई करें और UPSC की परीक्षा पास कर एक दिन आईएएस अधिकारी बनें.
खुशी बताती हैं कि उन्होंने भी मोबाइल फोन से दूरी बनाकर केवल हफ्ते में 10-15 मिनट का ही इस्तेमाल किया. सोशल मीडिया से दूर रहकर उन्होंने अपने लक्ष्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दी और उसी का नतीजा आज उनकी सफलता के रूप में सामने है. खुशी ने इतिहास, राजनीति विज्ञान, भूगोल और पेंटिंग में पूर्ण 100 अंक प्राप्त किए, वहीं अंग्रेज़ी में 99 अंक हासिल किए। खुशी शेखावत ने नर्सरी से लेकर बारहवीं तक की पढ़ाई सीकर की प्रतिष्ठित शिक्षण संस्था प्रिंस एकेडमी में की है. उसके इस शानदार प्रदर्शन से विद्यालय में भी हर्ष का माहौल है.
शिक्षकों और माता-पिता को दिया श्रेय
दोनों छात्राओं ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, स्कूल के शिक्षकों और सतत मार्गदर्शन को दिया. उनका कहना है कि अगर सही दिशा में मेहनत की जाए और डिजिटल विकर्षणों से दूर रहकर पढ़ाई की जाए, तो कोई भी लक्ष्य कठिन नहीं.
बेटियों का जलवा बरकरार: 16वें साल भी टॉप पर बेटियां
CBSE के ताजा आंकड़े बताते हैं कि बेटियां लगातार 16वें वर्ष भी परीक्षा परिणाम में लड़कों से आगे रहीं. राजस्थान की छात्राओं का औसत परिणाम 93.30% रहा, जो कि छात्रों के 88.31% से कहीं बेहतर है. पिछले साल की तुलना में छात्राओं के परिणाम में 0.35% की बढ़ोतरी और छात्रों के परिणाम में 1.13% की गिरावट देखी गई.