More
    HomeHome'सीमा पार गोलीबारी में मारे गए कश्मीरियों को भुलाया जा रहा', उमर...

    ‘सीमा पार गोलीबारी में मारे गए कश्मीरियों को भुलाया जा रहा’, उमर अब्दुल्ला ने जताई नाराजगी

    Published on

    spot_img


    जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हालिया आतंकी घटनाओं पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि कश्मीर के लोग बाहर आए और कहा कि हम इसका समर्थन नहीं करते, पहलगाम हमले के बाद जनता खुद बाहर आकर इसका विरोध किया. अब्दुल्ला ने सीमा पार गोलाबारी के पीड़ितों की राष्ट्रीय मीडिया में कम चर्चा पर भी सवाल उठाया और श्रीनगर-जम्मू में ड्रोन गतिविधियों को अभूतपूर्व बताया. उमर अब्दुल्ला से इंडिया टुडे टीवी के कंसल्टिंग एडिटर राजदीप सरदेसाई ने खास बातचीत की है. 

    राजदीप सरदेसाई: पहले पहलगाम हमला, फिर ऑपरेशन सिंदूर और फिर सीमा पार से गोलीबारी. आपके राज्य की जनता ने इन दो हफ्तों को कैसे झेला?

    उमर अब्दुल्ला: बीते दो सप्ताह में जो भी हुआ बहुत अप्रत्याशित था. पहलगाम की घटना अचानक हुई. पिछले चार-पांच सालों से जम्मू-कश्मीर में शांति थी. लेकिन, शांति का माहौल ऐसे टूटेगा, इसकी किसी को उम्मीद नहीं थी. भारत की ओर से की गई कार्रवाई के जवाब में पाकिस्तान ने जो गोलीबारी कि उससे वो इलाके भी चपेट में आए जो अब तक पूरी तरह से सुरक्षित थे. हमने पूंछ, उरी जैसे सीमावर्ती इलाकों में 100 से ज्यादा लोगों को खोया है. 

    इतना ही नहीं, जम्मू जैसे इलाकों में पाकिस्तानी ड्रोन देखे गए, जो अब तक अभूतपूर्व रही हैं. 1971 के युद्ध के बाद इस प्रकार की गतिविधियां जम्मू में नहीं देखी गईं थी.

    राजदीप सरदेसाई: पहलगाम में आतंकियों ने हिंदू और मुस्लिम के बीच भेदभाव करने की कोशिश की. क्या इससे कश्मीरियों के बीच आक्रोश बढ़ गया है?

    उमर अब्दुल्ला: इसमें कोई दो राय नहीं है कि लोगों के बीच हमले को लेकर आक्रोश है. लोग स्वत: बिना किसी नेतृत्व के बाहर आकर प्रदर्शन किया. यह न कोई सरकारी योजना थी, न किसी राजनीतिक दल का प्रयास. यह पूरी तरह से लोगों की प्रतिक्रिया थी. श्रीनगर, गांवों और अन्य जिलों में लोग बाहर आए खुलकर कहा कि ऐसे हिंसा का वह समर्थन नहीं करते हैं. 

    यह भी पढ़ें: उमर अब्दुल्ला ने गोलाबारी प्रभावित इलाकों का किया दौरा, घर छोड़कर गए लोगों से की वापस लौटने की अपील

    लोगों ने यह साफ कर दिया कि आतंकियों ने हमारे नाम पर हमला किया. लेकिन यह हमारी सोच नहीं है. हम ऐसा नहीं चाहते, ऐसा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

    राजदीप सरदेसाई: निर्दोष लोगों के मारे जाने के बाद क्या पाकिस्तान के प्रति लोगों में गुस्सा बढ़ा है? क्या लोग महसूस कर रहे हैं कि पाकिस्तान प्रयोजित आतंकवाद ने प्रदेश का बहुत कुछ छिना है?

    उमर अब्दुल्ला: अगर पहलगाम हमले के खिलाफ गुस्सा नहीं होता तो लोग बाहर नहीं आते. किसी ने उन्हें बाहर आने को मजबूर नहीं किया. लेकिन इसके साथ एक बात और है कि पहलगाम में मारे गए 26 लोगों की चर्चा खूब हुई. लेकिन सीमा पर जो गोलीबारी में निर्दोष लोगों की जान गई उसके बारे में उतनी बात नहीं हो रही है. ऐसा लगता है कि मानो उनकी मौतें कोई मायने नहीं रखती हैं. 

    सीमा पर से हुए हमले में हमने सिख, मुस्लमान, हिंदू — सभी को खोया है. हमने बीएसफ के जवान को खोया. हमारे गुरुद्वारे, मंदिर और मदरसों को निशाना बनाया गया. लेकिन, राष्ट्रीय तौर पर इसपर इतनी बातचीत नहीं हुई. 

    राजदीप सरदेसाई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ कर दिया है कि भारत अब न केवल आतंकियों को निशाना बनाएगा. बल्कि उसके मददगारों पर भी हमला करेगा. क्या आप इस नीति का समर्थन करते हैं. 

    उमर उब्दुल्ला: कौन भारतीय ऐसा नहीं चाहेगा? हर वो व्यक्ति जो शांति चाहता है वो इस नीति का समर्थन करेगा. पहले भी इसी नीति के तहत उड़ी हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक की गई थी. फिर पुलवामा और बालाकोट में जारी रहेगा. यह तीसरा चरण है. 

    राजदीप सरदेसाई: क्या इससे पाकिस्तान आधारित आतंकवाद पर असर पड़ेगा?

    उमर उब्दुल्ला: मैं पाकिस्तान की तरफ से कुछ भी नहीं बोल सकता हूं. सिर्फ आशा करता हूं कि इस नीति से उन्हें रोकने में मदद मिलेगी. 

    यह भी पढ़ें: J-K: CM उमर अब्दुल्ला ने राहत कार्यों का लिया जायजा, सीजफायर का जिक्र कर भड़के

    राजदीप सरदेसाई: चिंता की भी विषय ये भी है कि ऐसे हमलों में स्थानीय लोगों का आतंकियों का समर्थन प्राप्त होता है. पहलगाम से लेकर पुलवामा तक कई हमलों में ऐसा देखा गया. क्या आप मानते हैं कि यह स्थानीय ढांचा अब कमजोर हुआ है?

    उमर उब्दुल्ला: मैं इस मंच से किसी भी तरह का राजीनितक बहस नहीं करना चाहता हूं. हालांकि, इतना जरूर कहूंगा कि इस तरह का स्थानीय समर्थन पहले था, लेकिन वह अब काफी हद तक कम हो गया. जम्मू-कश्मीर के अधिकतर लोग इस हमला का विरोध करने सड़कों पर उतरे. जो कि पिछले 35 सालों में यह एक दुर्लभ मौका है, जिसे हमें गंवाना नहीं चाहिए.



    Source link

    Latest articles

    ‘डोनाल्ड ट्रंप का नाम एपस्टीन फाइल्स में शामिल’, एलॉन मस्क का सनसनीखेज दावा

    अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अरबपति कारोबारी एलॉन मस्क के बीच जुबानी...

    EXCLUSIVE: Chow Tai Fook to Launch High Jewelry Collection in Hangzhou

    Chow Tai Fook, the 96-year-old Hong Kong jewelry group, is breaking new ground...

    Smashbox’s Lineup of Hollywood-Loved Beauty Gets New Additions and a Limited-Time Discount

    If you purchase an independently reviewed product or service through a link on...

    More like this

    ‘डोनाल्ड ट्रंप का नाम एपस्टीन फाइल्स में शामिल’, एलॉन मस्क का सनसनीखेज दावा

    अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अरबपति कारोबारी एलॉन मस्क के बीच जुबानी...

    EXCLUSIVE: Chow Tai Fook to Launch High Jewelry Collection in Hangzhou

    Chow Tai Fook, the 96-year-old Hong Kong jewelry group, is breaking new ground...