जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले में सोमवार रात संदिग्ध ड्रोन देखे गए, जिन्हें भारत के एयर डिफेंस ने निष्क्रिय कर दिया. सीमा रेखा पर ड्रोन गतिविधि की यह ताजा घटना ऑपरेशन सिंदूर के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के नाम पहले संबोधन और भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ की बैठक के कुछ ही घंटों बाद हुई. हालांकि सेना ने कहा कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है. समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा साझा किए गए एक वीडियो में सांबा में पाकिस्तानी ड्रोन को निशाना बनाते हुए दिखाया गया है. वीडियो क्लिप में आसमान में ड्रोन्स दिखाई दे रहे हैं और विस्फोटों की आवाज सुनाई दे रही है, जो भारत के एयर डिफेंस द्वारा संदिग्ध ड्रोन्स को निष्क्रिय करने के दौरान होने वाली फायरिंग की वजह से है.
ड्रोन देखे जाने पर सांबा, कठुआ, राजौरी और जम्मू में कई इलाकों में ब्लैकआउट देखा गया. सूत्रों ने बताया कि एहतियात के तौर पर माता वैष्णो देवी के गुफा मंदिर और मंदिर तक जाने वाले रास्ते में लगी लाइटें बंद कर दी गईं. भारतीय सेना ने कहा कि सोमवार को डीजीएमओ के बीच वार्ता हुई, जिसमें इस प्रतिबद्धता से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की गई कि दोनों पक्ष एक भी गोली नहीं चलाएंगे और एक-दूसरे के खिलाफ कोई आक्रामक या शत्रुतापूर्ण कार्रवाई नहीं करेंगे. इसमें यह भी सहमति व्यक्त की गई कि दोनों पक्ष सीमा पर तथा अग्रिम क्षेत्रों में सैनिकों की संख्या में कमी सुनिश्चित करने के लिए तत्काल उपायों पर विचार करेंगे.
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#UPDATE: After the first wave of drone activity and Air Defence fire. Now, No drone activity observed for the past 15 minutes in Samba. https://t.co/wsJnadZGvx
— ANI (@ANI) May 12, 2025
हालांकि, सोमवार रात करीब 11 बजकर 30 मिनट पर भारतीय सेना की ओर से बताया गया कि फिलहाल किसी दुश्मन के ड्रोन की सूचना नहीं है. स्थिति शांत और पूरी तरह नियंत्रण में है. समाचार एजेंसी एएनआई ने यह जानकारी एक्स पर दी है.
जम्मू-कश्मीर में स्थिति मोटे तौर पर शांतिपूर्ण रही और रविवार रात भारत-पाक सीमा पर संघर्ष विराम उल्लंघन की कोई घटना नहीं हुई. पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद 18 दिनों की शत्रुता के बाद यह पहली शांत रात थी. पहलगाम आतंकवादी हमले में 26 लोग मारे गए थे – जिनमें अधिकतर पर्यटक थे. भारत और पाकिस्तान ने शनिवार को तत्काल प्रभाव से जमीन, हवा और समुद्र पर सभी गोलीबारी और सैन्य कार्रवाइयों को रोकने के लिए सहमति व्यक्त की थी. यह निर्णय चार दिनों तक सीमा पार से ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद लिया गया है, जिससे दोनों देश पूर्ण युद्ध के कगार पर पहुंच गए थे.
सांबा सीमा के निकट उन स्थानों में से एक था, जहां भारत ने 8 मई को सभी पाकिस्तानी ड्रोन्स को निष्क्रिय कर दिया था. भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के बीच कुछ दिन पहले जम्मू, अखनूर, नगरोटा, अमृतसर और पठानकोट में भी ड्रोन देखे गए थे. भारत द्वारा ऑपरेशन सिंदूर शुरू किए जाने के एक दिन बाद पाकिस्तान ने सीमा के पास कई इलाकों में ड्रोन हमले किए. ऑपरेशन सिंदूर 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया था, जिसके तहत पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में जैश, लश्कर और हिजबुल से जुड़े 9 आतंकी ठिकानों को भारत की सेना और वायुसेना ने एक संयुक्त कार्रवाई में नेस्तनाबूद कर दिया था.
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#WATCH | Punjab | Hoshiarpur Deputy Commissioner Aashika Jain says, “We are declaring a precautionary partial blackout in the areas of Dasuya and Mukerian for some time…I appeal to the residents of Hoshiarpur to observe a voluntary blackout on their part and stay inside their… pic.twitter.com/4rUzROimX3
— ANI (@ANI) May 12, 2025
अमृतसर में भी सोमवार रात को एहतियातन ब्लैकआउट किया गया. डीसी अमृतसर ने सोशल मीडिया पर लोगों से अपील करते हुए कहा, ‘आपको सायरन सुनाई देगा. हम सतर्क हैं और ब्लैकआउट शुरू कर रहे हैं. कृपया अपनी लाइटें बंद कर दें और अपनी खिड़कियों से दूर चले जाएं. शांत रहें, जब बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए तैयार हो जाएंगे तो हम आपको सूचित करेंगे. बिल्कुल भी घबराएं नहीं. यह पूरी सावधानी के साथ किया जा रहा है.’ डीसी जालंधर ने भी शहर में ड्रोन देखे जाने की पुष्टि की, जिसे सेना ने मार गिराया. एहतियातन जालंधर में भी ब्लैकआउट कर दिया गया.
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ऑपरेशन सिंदूर में 100 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए थे. इसके बाद के कुछ दिनों में पाकिस्तान ने जम्मू, उधमपुर और पठानकोट में भारत के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर ड्रोन और मिसाइन हमले किए, जिन्हें भारत ने सफलतापूर्व नाकाम कर दिया. 10 मई को पाकिस्तान और भारत द्वारा अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा (LoC) पर गोलीबारी रोकने पर सहमति व्यक्त की गई थी, लेकिन इसके कुछ ही घंटों बाद पाकिस्तान ने संघर्ष विराम का उल्लंघन कर दिया. श्रीनगर में पाकिस्तानी ड्रोन्स को निष्क्रिय करने के दौरान कई धमाके सुने गए, रेड अलर्ट जारी किया गया और इलाके में ब्लैकआउट लागू कर दिया गया. राजस्थान के पोखरण और कश्मीर के बारामूला में भी कई पाकिस्तानी ड्रोन्स को मार गिराया गया.