भारत और पाकिस्तान के DGMO (डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस) स्तर की बातचीत सोमवार 12 मई को शाम 5:00 बजे पूरी हो गई. वार्ता में इस प्रतिबद्धता को जारी रखने से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की गई कि दोनों पक्षों को एक भी गोली नहीं चलानी चाहिए या एक-दूसरे के खिलाफ कोई आक्रामक और शत्रुतापूर्ण कार्रवाई शुरू नहीं करनी चाहिए. इस बात पर भी सहमति हुई कि दोनों पक्ष सीमाओं और अग्रिम क्षेत्रों से सैनिकों की संख्या में कमी सुनिश्चित करने के लिए तत्काल उपायों पर विचार करें. पहले दोपहर 12 बजे होने वाली यह वार्ता शाम 5 बजे समाप्त हुई.
नौ आतंकी ठिकाने तबाह
भारत ने 7 मई की सुबह ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया, जिसमें पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया. शनिवार को दोनों देशों ने तत्काल प्रभाव से जमीन, हवा और समुद्र में सभी सैन्य कार्रवाइयों को रोकने के लिए अचानक सहमति की घोषणा की.
35-40 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए
सोमवार को आयोजित एक रक्षा प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि लड़ाई में 35-40 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए हैं और हमने अपना टारगेट हासिल कर लिया है. अधिकारियों ने यह भी कहा कि भारत के सभी सैन्य अड्डे और सिस्टम पूरी तरह से चालू हैं और जरूरत पड़ने पर किसी भी मिशन को अंजाम देने के लिए तैयार हैं.
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने यह भी कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों ने रविवार को पाकिस्तानी पक्ष को एक ‘हॉटलाइन मैसेज’ भेजा, जिसमें एक दिन पहले बनी सैन्य सहमति का उल्लंघन किया गया है. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ऐसा दोबारा हुआ तो भारत की कड़ी कार्रवाई करेगा.
उन्होंने जोर देकर कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों ने अब तक ‘बहुत संयम’ बरता है और ‘हमारी कार्रवाई केंद्रित, मापी हुई और गैर-उग्र रही है.’
घई ने कहा, ‘हालांकि, हमारे नागरिकों की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और सुरक्षा के लिए किसी भी खतरे का पूरी ताकत से सामना किया जाएगा.’