भारत-पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को कहा, ‘हम लोगों ने परमाणु संघर्ष को रोका है. भारत-पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार हैं. हमने सीजफायर में मदद की. मुझे सीजफायर के बारे में बताते हुए गर्व हो रहा है.’
‘मुझे उम्मीद है कि यह सीजफायर स्थायी होगा’
ट्रंप ने कहा कि अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान के बीच तत्काल और संभवतः स्थायी संघर्षविराम कराने में अहम भूमिका निभाई. उन्होंने कहा, ‘मेरे प्रशासन ने शनिवार को भारत और पाकिस्तान के बीच तत्काल संघर्षविराम कराने में मदद की, मुझे लगता है कि यह स्थायी होगा. यह दो परमाणु हथियारों से लैस देशों के बीच एक खतरनाक टकराव का अंत है.’
‘हमने संघर्षविराम कराया’
ट्रंप ने आगे कहा, ‘मैं आपको यह बताते हुए बहुत गर्व महसूस कर रहा हूं कि हमने संघर्षविराम कराया. हम दोनों देशों के साथ व्यापार को आगे बढ़ाएंगे और एक परमाणु संघर्ष को रोक दिया है. अपने बयान को ट्रंप ने ‘बहुत मजबूत वीकेंड’ करार दिया और इसे अपनी प्रशासनिक सफलता बताया.
1 मई को एस जयशंकर ने की थी मार्को रुबियो से बात
बता दें कि भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव को कम करने में कहा जा रहा है कि अमेरिका ने मध्यस्थता की थी, लेकिन सूत्रों का कहना है कि भारत का इस मामले में स्टैंड क्लियर है और स्पष्ट है कि अमेरिका ने इसमें अपना कोई रोल अदा नहीं किया. सूत्रों के मुताबिक, पहली बार विदेश मंत्री एस जयशंकर और अमेरिकी सीनेटर मार्को रुबियो के बीच 1 मई को बात हुई थी. उस दौरान अमेरिका को सूचित किया गया कि भारत की मंशा पाकिस्तान पर कड़ा प्रहार करने की है.
भारत ने अपने मैसेज में साफ कहा था कि भारत को किसी की मदद की जरूरत नहीं है. अमेरिका के साथ संपर्क सिर्फ उसी मकसद से बनाए रखे गए थे ताकि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत को फायदा मिले जहां अमेरिका ने पहलगाम हमले पर बयान जारी करने में समर्थन किया था.
पहले मुनीर से बात, फिर रुबियो ने जयशंकर को किया फोन
जब 10 मई को भारत ने पाकिस्तान के बड़े एयर बेस पर कार्रवाई की, तो अगले ही दिन अमेरिकी मंत्री रुबियो ने सबसे पहले पाकिस्तान सेना प्रमुख आसिम मुनीर से बात की और उसके बाद फिर से जयशंकर से संपर्क किया. विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने, जिन्होंने नाम न छापने की शर्त पर बात की, बताया कि यह कॉल किसी सुलह या ‘ऑफ-रैंप’ के संदर्भ में नहीं थी.
मार्को रुबियो ने पूछा था कि पाकिस्तान फायरिंग बंद करने को तैयार है, और क्या भारत इससे सहमत होगा. इसके जवाब में भारत ने कहा कि अगर वे हमला नहीं करेंगे तो हम भी हमला नहीं करेंगे.