भारत और पाकिस्तान ने तत्काल प्रभाव से संघर्ष विराम पर सहमति जताई. इस महत्वपूर्ण समझौते के पीछे अमरिकी उपराष्ट्रपत जेडी वेन्स और विदेश मंत्री मार्को रुबियो की कड़ी मध्यस्थता और संयुक्त प्रयास शामिल थे. इस बात की जानकारी यूएस स्टेट डिपार्टमेंट की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने दी और इसे “सुंदर साझेदारी” बताया. हालांकि, इस सीजफायर के कुछ घंटे बाद ही पाकिस्तान की तरफ से सीमा पार फायरिंग की गई, और ड्रोन दागे गए.
टैमी ब्रूस ने कहा कि यह समझौता अमेरिका की नई सोच और नजरिए की वजह से संभव हुआ है. उन्होंने विशेष रूप से उपराष्ट्रपति वेन्स और विदेश मंत्री रुबियो की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि यह दबाव संघर्ष विराम की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है. उन्होंने बताया कि पिछले 48 घंटों में कई स्तरीय बातचीत हुईं, जिनमें भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री तक शामिल थे.
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मामले को हल करने में मदद की!
टैमी ब्रूस ने कहा, “यह एक जटिल, पीढ़ियों पुराने मुद्दे के लिए महत्वपूर्ण कदम है. उपराष्ट्रपति वेन्स और विदेश मंत्री रुबियो ने मिलकर इस संघर्ष को शांत करने में अहम भूमिका निभाई.” उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की नई सोच और टीम की प्रतिबद्धता ने इस मामले को हल करने में मदद की है, जो विश्व को एक स्थिर और शांतिपूर्ण भविष्य की ओर ले जाएगी.
भारतीय सीमाओं के पास विस्फोटों की आवाज आई
संघर्ष विराम की घोषणा के तुरंत बाद भारतीय सीमा के पास कई जगहों पर विस्फोटों की खबरें आईं. भारत ने पाकिस्तान पर समझौते का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है. सीमाई शहरों और कस्बों में तनाव अभी तक पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है, जिससे क्षेत्र में बढ़ते खतरों का अंदेशा बना हुआ है.
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टैमी ब्रूस ने कहा, “कई फोन कॉल, जैसा कि सचिव ने अपने एक्स अकाउंट पर उल्लेख किया है, प्रत्येक सरकार के साथ कई स्तरों पर कई फोन कॉल की गई. इस अवधि में हमने निश्चित रूप से प्रधानमंत्रियों के साथ बातचीत की है, आगे-पीछे की बातचीत और दोनों, जेडी वेन्स, हमारे उपराष्ट्रपति और विदेश मंत्री, स्पष्ट रूप से पाकिस्तान और भारत के बीच पीढ़ीगत मुद्दे के लिए एक अंतर बना रहे हैं.”