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    100 आतंकी मारे गए, 40 PAK सैनिक ढेर… 10 पॉइंट्स में समझें ऑपरेशन सिंदूर पर सेना के बड़े खुलासे

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    भारतीय सेना ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में 7 मई को किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की जानकारी शेयर की. प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारतीय थल सेना के महानिदेशक सैन्य अभियान (DGMO) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, भारतीय वायु सेना के महानिदेशक वायु अभियान (DG Air Ops) एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती और भारतीय नौसेना के महानिदेशक नौसेना अभियान (DGNO) वाइस एडमिरल एएन प्रमोद शामिल हुए. सेना ने बताया कि इस अभियान के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में सक्रिय आतंकियों के खिलाफ सुनियोजित और सटीक कार्रवाई की गई. इस ऑपरेशन के दौरान सेना ने कुल 9 आतंकी कैंपों को ध्वस्त किया, जो आतंकवादियों के ट्रेनिंग, ठहरने और घुसपैठ की योजना बनाने के अड्डे थे. सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से जुड़ी का बड़ी जानकारी साझा की. आइए जानते हैं प्रेस कॉन्फ्रेंस की दस बड़ी बातें.

    1- ‘भारत ने 100 आतंकियों को मार गिराया’

    भारतीय थल सेना के महानिदेशक सैन्य अभियान (DGMO) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर का मकसद सिर्फ आतंकियों का खात्मा करना था. हमने 100 आतंकियों को खत्म किया. इनमें तीन बड़े नाम मुदस्सर खार, हाफिज जमील और यूसुफ अजहर को ढेर किया गया. प्रेस कॉन्फ्रेंस में आतंकी ठिकाने उड़ाने के सबूत दिखाए गए. 

    2- ‘मुरीदके और बहावलपुर जैसे आतंकी ठिकानों पर अटैक किया’

    DG Air Ops एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती ने कहा कि भारतीय वायुसेना ने मुरीदके और बहावलपुर जैसे आतंकी ठिकानों पर हमला किया. ये दोनों स्थान अंतरराष्ट्रीय सीमा से काफी अंदर थे, इसलिए इन्हें चुनना रणनीतिक रूप से अहम था. IAF ने सटीक हमलों के लिए सैटेलाइट और इंटेलिजेंस आधारित टार्गेटिंग और प्रिसिशन म्यूनिशन का इस्तेमाल किया.

    3- ‘भारतीय सेनाओं ने केवल आतंकियों को निशाना बनाया’

    वायुसेना के डायरेक्टर जनरल एयर ऑपरेशंस एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती ने कहा कि भारतीय वायुसेना ने बेहद सावधानीपूर्वक केवल आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया और कोई भी नागरिक हानि नहीं होने दी. हमने पूरी योजना इस तरह बनाई थी कि सिर्फ आतंकी कैंपों पर सटीक वार किया जाए.

    4- पाकिस्तान के मुरिदके में आतंकी ठिकाना तबाह 

    एयर मार्शल एके भारती ने कहा कि भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के मुरिदके स्थित आतंकी शिविर को सटीक मिसाइल हमले में पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया.

    5- पाकिस्तानी गोलाबारी से कोई नुकसान नहीं 

    भारतीय वायुसेना के डीजी एयर ऑपरेशन्स एयर मार्शल एके भारती ने बताया कि 7 मई को पाकिस्तान द्वारा की गई गोलाबारी में भारत में कोई क्षति नहीं हुई, क्योंकि भारतीय वायु रक्षा प्रणाली पूरी तरह सक्रिय और सतर्क थी. हमारी एयर डिफेंस तैयारियों की वजह से पाकिस्तानी हमले से कोई नुक़सान नहीं हुआ. हमने हर संभावित खतरे को समय रहते निष्क्रिय कर दिया. 

    6- पस्किस्तान ने भारत में  ड्रोन, यूएवी, यूसीएवी भेजे

    एयर मार्शल एके भारती ने बताया कि 8 और 9 मई की रात लगभग रात 10:30 बजे से पाकिस्तान की ओर से भारत के शहरों की ओर ड्रोन, यूएवी (Unmanned Aerial Vehicles) और यूसीएवी (Unmanned Combat Aerial Vehicles) छोड़े गए. 7 मई को जहां UAV भेजे गए, वहीं 8 मई को इनकी संख्या में कमी आई. लेकिन इनका उद्देश्य निगरानी और नागरिकों को डराना था.

    7- ‘जो 3 दिन तक चला वो युद्ध से कम नहीं, हमारे 5 जवान शहीद हुए’

    DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने पाकिस्तान सेना द्वारा हुए नुकसानों पर अपनी स्थिति स्पष्ट की. उन्होंने कहा कि मैंने पहले ही लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) पर पाकिस्तान के 35-40 सैनिकों के हताहत होने की बात की थी. जब ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया गया, तो पाकिस्तान सेना ने भारतीय सेना और भारतीय सशस्त्र बलों के बुनियादी ढांचे को भी टारगेट किया. उन्होंने कहा कि हमारे सभी पायलट सुरक्षित लौटे हैं.साथ ही कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में हमारे 5 जवान शहीद हुए हैं.

    8 -‘हमने वहां हमला किया जहां PAK को सबसे ज्यादा चोट पहुंचे’

    भारतीय वायुसेना के डायरेक्टर जनरल एयर ऑपरेशंस एयर मार्शल एके भारती ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान पर वहां हमला किया जहां उसे सबसे ज्यादा चोट पहुंचे. उन्होंने बताया कि एक तेज़, समन्वित और संतुलित जवाबी हमले में हमने पाकिस्तान के वायुसेना अड्डों, कमांड सेंटर्स, सैन्य ढांचों और एयर डिफेंस सिस्टम्स को पूरे पश्चिमी मोर्चे पर निशाना बनाया. भारतीय हमलों में चकलाला, रफीक और रहीम यार खान जैसे अहम एयरबेस शामिल थे. इसके बाद सरगोधा, भुलारी और जैकबाबाद जैसे अन्य प्रमुख सैन्य ठिकानों पर भी हमले किए गए.

    9- ‘कराची हमारे टारगेट पर था’

    भारतीय नौसेना के डायरेक्टर जनरल नेवल ऑपरेशन्स (DGNO) वाइस एडमिरल ए.एन. प्रमोद ने बताया कि पहलगाम हमले के बाद भारतीय नौसेना की कैरियर बैटल ग्रुप, सतह से लड़ने वाली यूनिट्स, पनडुब्बियां और नौसैनिक विमानन संसाधन युद्ध की पूरी तैयारी के साथ समुद्र में तैनात कर दिए गए. उन्होंने बताया कि आतंकी हमले के 96 घंटों के भीतर अरब सागर में कई हथियार परीक्षणों के दौरान हमने अपनी रणनीति और संचालन प्रक्रियाओं को परखा और बेहतर किया. भारतीय नौसेना की ताकतवर मौजूदगी ने पाकिस्तान को उसकी नौसेना और वायुसेना को बंदरगाहों और तटीय इलाकों तक सीमित रहने को मजबूर कर दिया, जिन्हें लगातार मॉनिटर किया गया. वाइस एडमिरल प्रमोद ने कहा कि हमारी जवाबी कार्रवाई संयमित, संतुलित, गैर-उत्तेजक और जिम्मेदार रही है. हमने ऐसे ठिकानों को लक्ष्य बनाने की तैयारी कर रखी थी, जिन पर ज़रूरत पड़ने पर हमला किया जा सके. जिनमें कराची भी शामिल था.

    10- ‘हमारा टारगेट दुश्मन के ठिकानों पर वार करना था, लाशें गिनना नहीं’

    एयर मार्शल एके भारती ने कहा कि भारत का उद्देश्य दुश्मन को करारा जवाब देना था, न कि बॉडी बैग्स गिनना. उन्होंने कहा कि हमने जो भी तरीके और साधन चुने, उनका दुश्मन पर अपेक्षित प्रभाव पड़ा. कितने मारे गए? कितने घायल हुए? ये गिनती करना हमारा काम नहीं है. हमारा लक्ष्य था दुश्मन के ठिकानों को निशाना बनाना, बॉडी बैग गिनना नहीं.



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