पाकिस्तान ने साल 2019 में हुए पुलवामा हमले में अपनी संलिप्तता को लेकर वर्षों तक इनकार किया, उसका कबूलनामा अब खुद उसकी वायुसेना के शीर्ष अधिकारी ने किया है. पाकिस्तान एयर फोर्स के एयर वाइस मार्शल और जनसंपर्क निदेशक (DGPR) औरंगजेब अहमद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुलवामा हमले को ‘टैक्टिकल ब्रिलियंस’ यानी सैन्य चालाकी की मिसाल बताया.
यह बयान सिर्फ पुलवामा ही नहीं, बल्कि हालिया पहलगाम हमले में भी पाकिस्तान की भूमिका पर शक गहरा कर रहा है. औरंगजेब अहमद के इस बयान ने पाकिस्तान की वर्षों पुरानी कहानी को खारिज कर दिया है, जिसमें वह बार-बार कहता रहा कि उसका पुलवामा या किसी आतंकी गतिविधि से कोई लेना-देना नहीं है.
पुलवामा आतंकी हमले को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस में एयर वाइस मार्शल औरंगजेब अहमद ने कहा कि हमने अपनी टैक्टिकल ब्रिलियंस के ज़रिए उन्हें (भारत को) यह बताने की कोशिश की. इस दौरान औरंगजेब अहमद के साथ पाकिस्तान आर्मी के DG ISPR लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी और नेवी प्रवक्ता भी मौजूद थे. प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बयान न सिर्फ पाकिस्तान की छवि पर बड़ा धब्बा है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने पाकिस्तान के आतंकवाद को शह देने की नीति को भी सामने लाता है.
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बीते 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान गई थी, जिनमें सेना, एयरफोर्स और नेवी के तीन सर्विंग अधिकारी भी शामिल थे. इसके बाद भारत ने सीमित दायरे में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत आतंक के लॉन्चपैड्स पर एयर स्ट्राइक की थी. पाकिस्तान सरकार ने हमेशा की तरह इस पर नकारात्मक रुख अपनाया और सबूत मांगे. लेकिन अब पाकिस्तान वायुसेना के सीनियर ऑफिसर की इस स्वीकारोक्ति ने न केवल पुलवामा, बल्कि पहलगाम हमले में भी उसकी भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
Air Vice Marshal औरंगज़ेब अहमद के साथ मौजूद DG ISPR लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी कोई सामान्य व्यक्ति नहीं हैं. वे परमाणु वैज्ञानिक सुल्तान बशीरुद्दीन महमूद के बेटे हैं, जिनके बारे में जानकारी है कि वे ओसामा बिन लादेन से मिले थे और अल-कायदा को परमाणु तकनीक देने की कोशिश में शामिल थे. उन्हें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अल-कायदा प्रतिबंध समिति द्वारा चिह्नित किया गया है.
भारत का पुराना दावा – और अब पाकिस्तान के अफसर की पुष्टि
14 फरवरी 2019 को पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले में 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे. इस हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद (JeM) ने ली थी. भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को दोषी ठहराया था और कई बार पुख्ता सबूत भी सौंपे.
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पाकिस्तान ने हमेशा इनकार किया, लेकिन अब खुद उसके सैन्य अधिकारी ने स्वीकार कर लिया है कि पुलवामा हमले के पीछे उसकी सेना का दिमाग था. भारत ने इस हमले के बाद 26 फरवरी को ‘ऑपरेशन बालाकोट’ के तहत पाकिस्तान के बालाकोट में स्थित जैश के सबसे बड़े आतंकी ट्रेनिंग कैंप पर एयरस्ट्राइक की थी. इसमें 12 मिराज 2000 फाइटर जेट्स शामिल थे.
बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने भारत के सैन्य ठिकानों पर जवाबी हमला करने की कोशिश की थी. इसी बीच भारतीय वायुसेना के पायलट विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान को पाकिस्तान ने पकड़ लिया था. हालांकि, अंतरराष्ट्रीय दबाव में पाकिस्तान ने कुछ ही दिनों में अभिनंदन को रिहा कर दिया था.