भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच हाल ही में एक टेलीफोनिक बातचीत हुई, जिसमें दोनों पक्षों ने क्षेत्रीय स्थिरता और शांति को बनाए रखने के लिए सहयोग की भूमिका पर चर्चा की. इस बातचीत के दौरान एनएसए डोभाल ने चीन के सामने स्पष्ट किया, “युद्ध भारत का विकल्प नहीं है और इससे किसी भी पक्ष का हित नहीं है.”
बयान के मुताबिक, वांग यी ने आतंकवाद की निंदा की. उन्होंने विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर के पालाग़ाम में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की, जिसमें भारतीय सुरक्षा बलों को भारी क्षति पहुंचाई गई थी. अजीत डोवाल ने इस वार्ता में कहा कि इस हमले ने भारतीय सुरक्षा बलों को गहरा आघात पहुंचाया है, जिसके जवाब में भारत को आवश्यक सुरक्षा कार्रवाई करनी होगी.
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क्षेत्र में जल्द से जल्द शांति की उम्मीद!
NSA डोभाल ने वार्ता में स्पष्ट किया कि भारत युद्ध की दिशा में नहीं बढ़ना चाहता क्योंकि यह किसी की भी भलाई में नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि भारत और पाकिस्तान दोनों ही अपने बीच संघर्षविराम बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं और क्षेत्र में जल्द से जल्द शांति और स्थिरता की स्थापना की उम्मीद करते हैं.
भारत-पाकिस्तान चीन के भी पड़ोसी!
चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने इस बात पर बल दिया कि वर्तमान अस्थिर वैश्विक परिदृश्य में एशिया में शांति और स्थिरता को बनाए रखना बहुत जरूरी है. उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान न केवल पड़ोसी हैं, बल्कि दोनों ही चीन के भी पड़ोसी हैं, इसलिए तीनों देशों के बीच संवाद और सहयोग से ही क्षेत्रीय शांति संभव है. वांग यी ने डोभाल के उस बयान की सराहना की जिसमें उन्होंने कहा कि युद्ध भारत का विकल्प नहीं है.
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वांग यी ने भारत और पाकिस्तान दोनों को संघर्षविराम को बातचीत के माध्यम से स्थायी रूप से सुनिश्चित करने के लिए प्रोत्साहित किया. उन्होंने यह भी कहा कि यह न केवल दोनों देशों हित में है बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भी साझा उम्मीद भी है.