7 मई 2025 को भारत ने आतंकवाद के खिलाफ इतिहास रचते हुए पाकिस्तान पर सबसे बड़ा और सबसे गहरा सैन्य प्रहार किया. इस कार्रवाई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया, जो सिर्फ एक जवाबी हमला नहीं, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की रणनीतिक क्षमता, राजनीतिक संकल्प और सैन्य तालमेल का प्रतीक बन गया है. यह ऑपरेशन न केवल सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारत के सैन्य इतिहास में मील का पत्थर साबित हुआ.
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारत ने जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे समूहों से जुड़ी आतंकी गतिविधियों पर कार्रवाई की गई. ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान के आतंकी ढांचे को करारा झटका दिया. बता दें कि 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी जबकि 17 घायल हुए थे. यह हमला पहलगाम की बैसरन घाटी में किया गया था, जिसमें आतंकियों ने चुन-चुनकर लोगों को निशाना बनाया था.
पहली बार तीनों सेनाओं का संयुक्त प्रहार
1971 के बाद यह पहली बार हुआ जब थलसेना, वायुसेना और नौसेना ने एक साथ साझा कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के अंदर गहराई तक हमला बोला. भारत ने आतंकवादी संगठनों जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के ठिकानों को निशाना बनाते हुए आतंकवाद के नेटवर्क की रीढ़ तोड़ दी.
बहावलपुर और मुरिदके जैसे गढ़ तबाह
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेनाओं ने पहली बार पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के भीतर जाकर मुरिदके, बहावलपुर, सियालकोट जैसे प्रमुख स्थानों पर मिसाइल और हवाई हमले किए. यह वही क्षेत्र हैं जहां आतंकी संगठनों के मुख्यालय और ट्रेनिंग सेंटर मौजूद थे और जो वर्षों से भारत पर हमलों की साजिशें रचते आए हैं.
सबसे गहरा और सबसे बड़ा प्रहार
यह भारत की ओर से पाकिस्तान की धरती पर पिछले पांच दशकों का सबसे बड़ा और सबसे गहरा सैन्य अभियान था. इससे पहले 2016 के सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 के बालाकोट एयरस्ट्राइक ने पाकिस्तान को चेतावनी दी थी, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर ने स्पष्ट कर दिया कि भारत अब केवल चेतावनी नहीं देगा सीधे कार्रवाई करेगा.
इस ऑपरेशन में भारत ने पहली बार अपने अत्याधुनिक हथियारों का खुलकर प्रदर्शन किया, जिसमें SCALP क्रूज मिसाइल, HAMMER स्मार्ट बम और लॉइटरिंग म्यूनिशन (घूमकर निशाना साधने वाले ड्रोन) शामिल है. इन हथियारों ने पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणाली को अप्रभावी साबित कर दिया.
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने 9 बड़े आतंकवादी हब को पूरी तरह ध्वस्त किया. इन ठिकानों से संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकी हाफिज सईद, मसूद अजहर और अल-कायदा जैसे संगठनों से जुड़े आतंकी गतिविधियों को संचालित किया जा रहा था. इन हमलों में दर्जनों आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है.
आतंकियों की लीडरशिप को खत्म करने की रणनीति
पहली बार भारत ने केवल आतंकी ठिकानों को नहीं, बल्कि नेतृत्व स्तर के आतंकियों को भी निशाना बनाया. 2001 संसद हमले, 26/11 मुंबई हमले और हालिया पहलगाम आतंकी हमले के मास्टरमाइंडों को खत्म करने पर केंद्रित यह हमला रणनीतिक दृष्टि से बेहद निर्णायक रहा. ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारत ने पूरी दुनिया को यह स्पष्ट संदेश दे दिया कि आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने में वह किसी भी हद तक जा सकता है. चाहे वह दुश्मन की धरती पर कितनी भी गहराई में क्यों न हो. यह पहली बार हुआ जब किसी देश ने खुले तौर पर एक परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र के भीतर इतने अंदर तक सैन्य कार्रवाई की और सफल रहा.
पीएम मोदी का वादा हुआ पूरा
पहलगाम हमले में मारे गए 25 भारतीयों और 1 नेपाली नागरिक की शहादत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र से वादा किया था कि आतंकियों और उनके संरक्षकों को दंड मिलेगा. ऑपरेशन सिंदूर उस वादे को पूरा करने का ऐतिहासिक उदाहरण बन गया. ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि एक नई रणनीति, नया आत्मविश्वास और भारत की नई सैन्य नीति की घोषणा है. अब भारत सिर्फ रक्षात्मक नहीं, बल्कि आक्रामक रणनीति के साथ आतंक के ठिकानों पर सर्जिकल प्रहार कर रहा है. यह ऑपरेशन हमेशा याद किया जाएगा.