More
    HomeHomeभारत-पाक‍िस्तान के बीच सीजफायर, बच्चों के मन से हमेशा के लिए युद्ध...

    भारत-पाक‍िस्तान के बीच सीजफायर, बच्चों के मन से हमेशा के लिए युद्ध का भय कैसे न‍िकालें, एक्सपर्ट से जानें

    Published on

    spot_img


    आज की दुनिया में युद्ध, तनाव और हिंसा की खबरें बच्चों के कोमल मन तक पहुंच रही हैं. चाहे भारत-पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव हो, ऑपरेशन सिंदूर जैसी सैन्य कार्रवाइयां हों या वैश्विक स्तर पर चल रहे संघर्ष, बच्चे इन खबरों से अछूते नहीं रहते.  अब जब दोनों देशों के बीच युद्धविराम हो गया है, ऐसे माहौल में पेरेंट्स के लिए सही समय है कि वो बच्चों से युद्ध की बात करके उनके मन से इसका भय न‍िकाल सकते हैं. जानिए- क्या कहते हैं एक्सपर्ट. 

    टीवी पर बमबारी की तस्वीरें, मोबाइल पर आते फ्लैश या स्कूल में दोस्तों की बातें हो, हरहाल में बच्चों में डर और भ्रम पैदा कर सकती हैं. ऐसे में माता-पिता के सामने सवाल है कि वे अपने बच्चों को इन जटिल और डरावने हालातों के बारे में कैसे समझाएं ताकि उनका मानसिक स्वास्थ्य सुरक्षित रहे. बाल मनोवैज्ञान‍िक और पैरेंटिंग विशेषज्ञ इस संवेदनशील मुद्दे पर कुछ खास सलाह दे रहे हैं, जो हर माता-पिता को समझना बहुत जरूरी है. 

    बच्चे क्या सोचते हैं?

    युद्ध की खबरें बच्चों में अलग-अलग तरह की भावनाएं जगा सकती हैं.  छोटे बच्चे, जो शायद वार यानी जंग या युद्ध शब्द का मतलब भी नहीं समझते. वो बमों की तस्वीरें या बड़ों की चिंतित बातचीत सुनकर डर सकते हैं. वहीं टीनेजर्स जो सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं, वहां गलत सूचनाओं या डरावने वीडियो के संपर्क में आ सकते हैं.

    बाल मनोवैज्ञानिक डॉ. व‍िध‍ि एम प‍िलन‍िया कहती हैं कि  बच्चे अपने आसपास की दुनिया को माता-पिता के व्यवहार से समझते हैं. अगर माता-पिता तनाव में हैं तो बच्चे भी असुरक्षित महसूस करेंगे. उदाहरण के लिए अगर कोई बच्चा सुनता है कि पाकिस्तान ने परमाणु बम की धमकी दी है या भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया तो वह यह सोच सकता है कि उसका घर या स्कूल खतरे में है. ऐसे में माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों की भावनाओं को समझें और उनकी उम्र के हिसाब से बात करें. 

    बातचीत की शुरुआत करें

    यूनिसेफ की पैरेंटिंग गाइड सुझाती है कि बच्चों से बात शुरू करने का सबसे अच्छा तरीका है, उनसे पूछना कि वे क्या जानते हैं. जैसे, ‘बेटा, तुमने न्यूज़ में क्या सुना है?’ या ‘स्कूल में दोस्तों ने कुछ बताया?’ यह सवाल बच्चों को अपनी चिंताओं को व्यक्त करने का मौका देता है. अगर बच्चा कहे कि पाकिस्तान और भारत में लड़ाई हो रही है तो उसकी बात को बिना खारिज किए आगे बढ़ाएं. 

    बाल मनोवैज्ञानिक सलाह देते हैं कि बच्चों को जरूरत से ज्यादा जानकारी न दें. उन्हें उनकी उम्र के हिसाब से साधारण और सटीक जवाब दें. अगर 5-7 साल का बच्चा पूछता है कि युद्ध क्या होता है? तो आप कह सकते हैं कि कभी-कभी देशों के बीच कुछ बातों पर झगड़ा हो जाता है लेकिन बहुत सारे लोग मिलकर इसे रोकने की कोशिश कर रहे हैं. हम यहां सुरक्षित हैं. वहीं, 10-12 साल के बच्चों को थोड़ा और संदर्भ दे सकते हैं, जैसे भारत ने आतंकवादियों के ठिकानों पर कार्रवाई की ताकि हमारे देश के लोग सुरक्षित रहें. 

    उम्र के हिसाब से समझाएं

    बाल मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि युद्ध जैसे जटिल विषय को समझाने का तरीका बच्चे की उम्र पर निर्भर करता है- 
    3-7 साल: इन बच्चों को साधारण और आश्वस्त करने वाले जवाब चाहिए. जैसे कुछ देशों में लोग आपस में लड़ रहे हैं लेकिन हमारी सेना हमें सुरक्षित रखेगी, तुम चिंता मत करो. 

    8-12 साल: ये बच्चे न्यूज़ और दोस्तों की बातों से ज्यादा प्रभावित होते हैं. उनके साथ तथ्यों पर बात करें लेकिन डरावने विवरण से बचें. जैसे- ऑपरेशन सिंदूर आतंकवाद को रोकने के लिए था. भारत ने सिर्फ आतंकियों को निशाना बनाया, आम लोगों को नहीं. 

    13-18 साल: किशोरों के साथ खुलकर बात करें. उनके सवालों को प्रोत्साहित करें और गलत सूचनाओं को ठीक करें. अगर वे पूछें कि क्या परमाणु युद्ध होगा? तो कहें कि दोनों देशों के नेता जानते हैं कि युद्ध कितना नुकसान पहुंचा सकता है. अमेर‍िका ने मध्यस्थता की है तो सीज फायर भी हो गया है. आगे युद्ध होने की गुंजाइश नहीं है. 

    न्यूज़ और स्क्रीन टाइम पर ध्यान दें

    आज के डिजिटल युग में बच्चे टीवी, यूट्यूब, या इंस्टा पर युद्ध से जुड़े वीडियो देख सकते हैं. ऑस्ट्रेलिया की एक स्टडी के अनुसार 10-19 साल के बच्चे सोशल मीडिया से न्यूज़ लेते हैं, लेकिन वहां गलत सूचनाएं भी खूब फैलती हैं. माता-पिता को चाहिए कि छोटे बच्चों के सामने न्यूज़ चैनल बंद रखें और बड़े बच्चों की स्क्रीन टाइम पर नजर रखें. डॉ. प‍िलन‍िया सुझाव देती हैं कि बड़े बच्चों को विश्वसनीय स्रोतों से जानकारी चेक करना सिखाएं. अगर वे भारत-पाकिस्तान तनाव की खबर देख रहे हैं, तो उनके साथ बैठकर सही तथ्य समझाएं. 

    सकारात्मकता का संदेश दें

    बच्चों को यह बताना जरूरी है कि युद्ध के बीच भी लोग शांति और एकता के लिए काम करते हैं. सावे द चिल्ड्रन के विशेषज्ञ सुझाते हैं कि सकारात्मक कहानियां बच्चों में उम्मीद जगाती हैं. जैसे कि देखो, भारत ने आतंकवाद के खिलाफ सटीक कार्रवाई की और दुनिया के कई देशों ने शांति की बात की. अब उनके मन से युद्ध का डर निकालने की कोश‍िश करें. बच्चों को छोटे-छोटे कामों में शामिल करें, जैसे शांति के लिए पोस्टर बनाना या स्कूल में डिबेट में हिस्सा लेना. इससे उन्हें लगेगा कि वे भी बदलाव का हिस्सा हैं. 

    भावनाओं को जगह दें

    बच्चों की भावनाओं को कभी खारिज न करें. बच्चों के व्यवहार पर नजर रखें. अगर वे चिड़चिड़े हो रहे हैं, नींद में दिक्कत हो रही है या पढ़ाई में ध्यान नहीं दे रहे तो यह तनाव का संकेत हो सकता है. ऐसे में उन्हें अतिरिक्त प्यार और समय दें. 

    भारतीय संदर्भ में समझाएं

    भारत में जहां आतंकवाद और सीमा तनाव समय-समय पर चर्चा में रहते हैं, बच्चों को देशभक्ति और शांति का संदेश देना जरूरी है.  ऑपरेशन सिंदूर जैसे कदमों को समझाते वक्त बताएं कि भारत अपनी सुरक्षा के लिए कदम उठा रहा है, लेकिन वह शांति चाहता है. जे. रॉबर्ट ओपनहाइमर की कहानी, जिन्होंने परमाणु बम बनाया और बाद में पछताए, बच्चों को यह समझाने में मदद कर सकती है कि युद्ध और हथियार कितने खतरनाक हो सकते हैं. सकारात्मक कहानियां और छोटे-छोटे कदम बच्चों में उम्मीद जगाते हैं जैसा कि यूनिसेफ की विशेषज्ञ लिनेट हॉल कहती हैं कि बच्चों को बताएं कि यह उनकी समस्या नहीं है. बड़े लोग इसे हल करते हैं. माता-पिता के प्यार और समझदारी से बच्चे न सिर्फ युद्ध की खबरों से निपट सकते हैं, बल्कि एक संवेदनशील और जिम्मेदार नागरिक भी बन सकते हैं.



    Source link

    Latest articles

    Cinq à Sept Spring 2026 Ready-to-Wear Collection

    Cinq à Sept Spring 2026 Ready-to-Wear Source link

    ट्रंप के करीबी चार्ली किर्क की गोली मारकर हत्या, यूनिवर्सिटी डिबेट के दौरान हुई फायरिंग

    कंजर्वेटिव यूथ ग्रुप 'टर्निंग पॉइंट यूएसए' के सीईओ और को-फाउंडर चार्ली किर्क की...

    What Happened to Jesse Palmer’s ’Bachelor’ Pick Jessica Bowlin?

    Nearly 20 years before Jesse Palmer became the host of The Bachelor franchise, he was the lead...

    India slams Swiss govt’s remarks on minorities | India News – The Times of India

    GENEVA: India slammed Switzerland's remarks on minorities at the 5th Meeting...

    More like this

    Cinq à Sept Spring 2026 Ready-to-Wear Collection

    Cinq à Sept Spring 2026 Ready-to-Wear Source link

    ट्रंप के करीबी चार्ली किर्क की गोली मारकर हत्या, यूनिवर्सिटी डिबेट के दौरान हुई फायरिंग

    कंजर्वेटिव यूथ ग्रुप 'टर्निंग पॉइंट यूएसए' के सीईओ और को-फाउंडर चार्ली किर्क की...

    What Happened to Jesse Palmer’s ’Bachelor’ Pick Jessica Bowlin?

    Nearly 20 years before Jesse Palmer became the host of The Bachelor franchise, he was the lead...