7 मई 2025 को भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक हवाई हमले किए. यह कार्रवाई 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में थी. इस हमले में 26 लोग मारे गए थे.
भारतीय वायुसेना के राफेल लड़ाकू विमानों ने इस अभियान में मुख्य भूमिका निभाई, जिन्होंने बिना पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र में प्रवेश किए SCALP क्रूज मिसाइलों और HAMMER प्रेसिजन-गाइडेड मुनिशन्स का उपयोग कर जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-ताइबा के ठिकानों को नष्ट किया.
ऑपरेशन सिंदूर: आतंकवाद के खिलाफ भारत की निर्णायक कार्रवाई
ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना का एक संयुक्त अभियान था, जिसका उद्देश्य आतंकी संगठनों के बुनियादी ढांचे को नष्ट करना था. यह अभियान 1:05 बजे शुरू हुआ और 1:30 बजे तक चला, जिसमें 23 मिनट में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया. इनमें बहावलपुर, मुरिदके, सियालकोट, मुजफ्फराबाद, गुलपुर, भिंबर, चक अमरू, बाग और कोटली जैसे क्षेत्र शामिल थे.
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भारतीय रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि यह कार्रवाई “केंद्रित, मापा हुआ और गैर-वृद्धिकारी” थी, जिसमें किसी भी पाकिस्तानी सैन्य सुविधा को निशाना नहीं बनाया गया. हमले में 80 से अधिक आतंकवादी मारे गए, जिनमें जैश-ए-मोहम्मद के नेता मसूद अजहर के 10 परिवारजन और चार सहयोगी शामिल थे.
भारतीय सेना ने दावा किया कि कोई भी भारतीय विमान खोया नहीं गया, जबकि पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने तीन राफेल, एक सुखोई-30 और एक मिग-29 विमानों को मार गिराया. हालांकि, भारत ने इन दावों को खारिज करते हुए इसे पाकिस्तानी प्रचार बताया. PIB फैक्ट चेक ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान द्वारा प्रसारित तस्वीरें पुरानी थीं, जो 2021 और 2024 में मिग-21 और मिग-29 के दुर्घटनाओं से संबंधित थीं.
राफेल की ताकत: पाकिस्तान में मचाया तांडव
ऑपरेशन सिंदूर में राफेल लड़ाकू विमानों ने अपनी तकनीकी श्रेष्ठता और सटीकता का प्रदर्शन किया. भारतीय वायुसेना ने राफेल को SCALP और HAMMER मिसाइलों से लैस किया, जिन्होंने भारतीय हवाई क्षेत्र से ही गहरे हमले किए. राफेल की यह क्षमता कि वह बिना शत्रु क्षेत्र में प्रवेश किए लंबी दूरी के हमले कर सकता है. इस हमले ने पाकिस्तान को हैरान कर दिया.
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राफेल लड़ाकू विमान की विशेषताएं
राफेल, फ्रांस की डैसो एविएशन द्वारा निर्मित एक 4.5 पीढ़ी का मल्टीरोल लड़ाकू विमान है, जो वायु श्रेष्ठता, जमीनी हमले, टोही और परमाणु हमने जैसे विविध मिशनों में सक्षम है. भारत ने 2016 में 36 राफेल विमानों का सौदा 58,000 करोड़ रुपये में किया.
राफेल की खासियत
प्रकार: ट्विन-इंजन, डेल्टा-विंग, मल्टीरोल फाइटर.
इंजन: दो Snecma M88-2 टर्बोफैन इंजन, जो 50 kN (सूखा) और 75 kN (आफ्टरबर्नर के साथ) थ्रस्ट प्रदान करते हैं.
अधिकतम गति: मैक 1.8 (लगभग 1,912 किमी/घंटा).
उड़ान ऊंचाई: 50,000 फीट तक.
रेंज: 3,700 किमी (कॉम्बैट रेंज: 1,850 किमी).
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रडार: थेल्स RBE2 AESA (एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे) रडार, जो बेहतर लक्ष्य ट्रैकिंग और स्थिति जागरूकता प्रदान करता है.
इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर: SPECTRA EW सुइट, जो सक्रिय जैमिंग, खतरे की पहचान, रडार डिकॉय और मिसाइल चेतावनी प्रणाली प्रदान करता है.
अन्य सेंसर: इन्फ्रारेड सर्च एंड ट्रैक (IRST) सिस्टम और ऑप्टिकल सेंसर.
हथियारों का पूरा जखीरा
मिसाइलें: SCALP क्रूज मिसाइल: 300-560 किमी की रेंज, स्टील्थ डिज़ाइन, उच्च-मूल्य वाले लक्ष्यों जैसे कमांड सेंटर और बंकरों के लिए उपयुक्त.
मिटियोर BVR मिसाइल: 150+ किमी की रेंज, हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल, जो राफेल को BVR युद्ध में श्रेष्ठता प्रदान करती है.
HAMMER प्रेसिजन-गाइडेड मुनिशन्स: मध्यम दूरी की सटीक हथियार, जो कठोर संरचनाओं और गतिशील लक्ष्यों को नष्ट करने में सक्षम.
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अन्य: ब्रह्मोस-NG सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, माइका मिसाइल और विभिन्न लेजर-गाइडेड बम.
हार्डपॉइंट्स: 14 हार्डपॉइंट्स, जो 9500 किलोग्राम तक हथियार ले जा सकते हैं.
इज़राइली हेलमेट-माउंटेड डिस्प्ले. भारतीय उपग्रहों और AWACS के साथ एकीकृत संचार प्रणाली. ठंडे मौसम में उच्च-ऊंचाई वाले हवाई अड्डों (जैसे लेह) से त्वरित उड़ान भरने की क्षमता. उन्नत इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली और फ्रंटल स्टील्थ क्षमताएं.
अन्य विशेषताएं
स्टील्थ: सेमी-स्टील्थ डिज़ाइन, जो रडार क्रॉस-सेक्शन को कम करता है.
नेटवर्क-सेंट्रिक युद्ध: डेटा लिंक के माध्यम से अन्य विमानों और ग्राउंड स्टेशनों के साथ रीयल-टाइम समन्वय.
रखरखाव: लंबी अवधि के लिए कम रखरखाव लागत और उच्च परिचालन उपलब्धता.
राफेल बनाम पाकिस्तान के F-16 और JF-17
ऑपरेशन सिंदूर ने राफेल की तकनीकी और परिचालन श्रेष्ठता को पाकिस्तान के F-16 और JF-17 थंडर के सामने उजागर किया.
रडार और स्टील्थ: राफेल का RBE2 AESA रडार और सेमी-स्टील्थ डिज़ाइन इसे F-16 और JF-17 की तुलना में बेहतर स्थिति प्रदान करता है.
हथियार: SCALP और मिटियोर मिसाइलें राफेल को लंबी दूरी और BVR युद्ध में बढ़त देती हैं, जबकि F-16 की AIM-120C5 AMRAAM मिसाइल और JF-17 की PL-15 मिसाइल की रेंज और क्षमता सीमित हैं.
इलेक्ट्रॉनिक युद्ध: राफेल का SPECTRA सुइट F-16 और JF-17 के इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियों से कहीं अधिक उन्नत है.
परिचालन सीमाएं: पाकिस्तान के F-16 को अमेरिकी समझौतों के तहत आक्रामक अभियानों में उपयोग की सीमाएं हैं. JF-17 की हल्की डिज़ाइन और सिंगल-इंजन इसे राफेल के मुकाबले कम प्रभावी बनाता है.
ऑपरेशन सिंदूर का प्रभाव
ऑपरेशन सिंदूर ने न केवल आतंकी ठिकानों को नष्ट किया, बल्कि भारत की सैन्य ताकत और आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को भी दुनिया के सामने प्रदर्शित किया. राफेल की सटीकता और लंबी दूरी की हथियार प्रणालियों ने पाकिस्तान को यह एहसास दिलाया कि भारत अब बिना सीमा पार किए भी गहरे हमले कर सकता है. भारतीय नौसेना ने समुद्र से समर्थन प्रदान किया, जिसने इस अभियान को एक दुर्लभ समुद्र-हवाई संयुक्त ऑपरेशन बनाया.