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    आर्मी-एयरफोर्स और नेवी का जॉइंट एक्शन रहा ‘ऑपरेशन सिंदूर’… PAK को फिर घर में घुसकर ठोका

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    भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई को एक नया मोड़ देते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ लॉन्च किया है. ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ सेना, वायुसेना और नौसेना का संयुक्त अभियान था, जिसमें आतंकी शिविरों पर हमला करने के लिए सटीक हथियारों का इस्तेमाल किया गया है. इस ऑपरेशन में भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान और PoK में स्थित 9 आतंकी ठिकानों पर टारगेटेड स्ट्राइक की है. यह कार्रवाई रात डेढ़ बजे के आसपास अंजाम दी गई. ये एयरस्ट्राइक बहावलपुर, कोटली और मुजफ्फराबाद में किया गया है.

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    भारत की स्ट्राइक के बाद पाक PM का जवाब

    भारत की एयरस्ट्राइक पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का बयान सामने आया है. शहबाज शरीफ ने सोशल मीडिया पर जारी एक बयान में कहा कि पाकिस्तान की धरती पर पांच स्थानों पर “कायराना हमले” किए गए हैं. प्रधानमंत्री शरीफ ने लिखा, ‘पाकिस्तान को इस युद्ध थोपने वाले कृत्य का शक्तिशाली जवाब देने का पूरा अधिकार है और वह जवाब दिया जा रहा है.’ उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान की सेना और जनता पूरी तरह एकजुट हैं और देश का मनोबल ऊंचा है.

    शहबाज शरीफ ने कहा, ‘पाकिस्तानी सेना और राष्ट्र दुश्मन से निपटना अच्छी तरह जानते हैं. हम कभी भी उनके नापाक इरादों को सफल नहीं होने देंगे.’

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    पाकिस्तान ने की एयरस्ट्राइक की निंदा

    पाकिस्तान ने भारत के द्वारा की गई एयरस्ट्राइक की निंदा करते हुए कहा कि हमलों में तीन लोग मारे गए. इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (DG ISPR) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने कहा, “अब से कुछ वक्त पहले, ‘कायर दुश्मन’ ने बहवलपुर के अहमद ईस्ट इलाके में सुभानउल्लाह मस्जिद, कोटली और मुजफ्फराबाद में तीन जगहों पर हवाई हमले किए.” 

    पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच फिर से तनाव शुरू हो गया था, जिसमें 25 पर्यटक और स्थानीय लोग मारे गए थे. इसके बाद भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया, जो विश्व बैंक द्वारा मध्यस्थता की गई और 1960 में पाकिस्तान के साथ हस्ताक्षरित एक ऐतिहासिक जल-साझाकरण समझौता था. उसके बाद कई मौकों पर गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित कई नेताओं ने पहलगाम हमले का कड़ा जवाब देने की कसम खाई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी जवाबी कार्रवाई पर फैसला करने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों को पूरी आजादी दी थी.





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