कर्नाटक के मंगलुरु में हिंदू नेता सुहास शेट्टी हत्याकांड के सिलसिले में आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान अब्दुल सफवान (29), नियाज (28), मोहम्मद मुजम्मिल (32), कलंदर शफी (31), मोहम्मद रिजवान (28), आदिल मेहरूफ, रंजीत (19) और नागराज (20) के रूप में हुई है. आरोपी मंगलुरु के बाजपे और चिकमंगलुरु के कलासा शहर के निवासी हैं. पुलिस इस मामले की जांच कर रही है.
कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने शनिवार को कहा कि सांप्रदायिक घृणा की घटनाओं से निपटने के लिए एक सांप्रदायिक विरोधी टास्क फोर्स का स्थायी रूप से गठन किया जाएगा. शहर के पुलिस आयुक्त अनुपम अग्रवाल ने कहा कि सुहास शेट्टी की हत्या के सिलसिले में आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है. दो और संदिग्धों को जल्द ही गिरफ्तार किए जाने की संभावना है. छह आरोपी सीधे तौर पर हत्या को अंजाम देने में शामिल थे.
इसमें अब्दुल सफवान को मुख्य आरोपी बताया गया है. उसके खिलाफ साल 2023 में हत्या के प्रयास का एक मामला दर्ज किया गया था. सफवान पर जानलेवा हमला हुआ था, जिसे कथित तौर पर सुहास शेट्टी ने अपने साथियों प्रशांत और धनराज के साथ मिलकर अंजाम दिया था. अपनी जान को खतरा होने और आगे के हमलों की आशंका के चलते सफवान ने शेट्टी की हत्या की योजना बनाई थी. वो इससे पहले दो बार कोशिश कर चुका है.
सीपी ने हत्या की साजिश का खुलासा करते हुए बताया कि सुहास शेट्टी के कत्ल के लिए मुख्य आरोपी अब्दुल सफवान ने फाजिल के भाई आदिल मेहरूफ से संपर्क किया, जिसकी पहले मंगलुरु में हत्या कर दी गई थी. आदिल ने हत्या को अंजाम देने के लिए सफवान को 5 लाख रुपए का भुगतान करने का आश्वासन दिया. 3 लाख रुपए की अग्रिम राशि मिलने के बाद सफवान ने हमले को अंजाम देने के लिए टीम तैयार किया.
पुलिस का कहना है कि यह वित्तीय व्यवस्था और व्यक्तिगत दुश्मनी की पृष्ठभूमि हत्या की साजिश के लिए केंद्रीय थी. अपराध से जुड़े सभी लेन-देन और संचार को ट्रैक करने के लिए जांच जारी है. मंगलुरु शहर के बाजपे पुलिस स्टेशन की सीमा के भीतर गुरुवार देर रात एक अज्ञात समूह ने सुहास शेट्टी की हत्या कर दी. इसके बाद आरोपी स्विफ्ट कार में भाग गए. बाजपे और उडुपी के बीच एक अलग स्थान पर छिप गए थे.
गृहमंत्री जी परमेश्वर ने कहा कि नक्सल विरोधी बल की तर्ज पर उडुपी और दक्षिण कन्नड़ जिलों के लिए विशेष रूप से सांप्रदायिक विरोधी टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा. उन्होंने कहा, “इसका नेतृत्व पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) करेंगे. उडुपी और दक्षिण कन्नड़ जिलों में यह बल स्थायी रूप से काम करेगा.” गृह मंत्री ने कहा कि पहले लोग इन जिलों में शांतिपूर्ण माहौल, साधन संपन्न लोगों और आतिथ्य के लिए आना पसंद करते थे.
उन्होंने कहा, “सरकार में हम सांप्रदायिक ताकतों, उनके उग्र और हिंसक कार्रवाइयों के कारण इन दोनों जिलों की छवि को खराब होते देखकर दुखी हैं. हम देखेंगे कि सांप्रदायिक विरोधी टास्क फोर्स से शुरू होने वाले कई उपायों के माध्यम से दोनों जिले अपनी छवि और शांति वापस पा लेंगे.” राज्य के इन भागों में अब कोई नक्सली आंदोलन नहीं होने का उल्लेख करते हुए परमेश्वर ने कहा, “नक्सल विरोधी बल का आकार और कार्यभार कम किया जाएगा.”