More
    HomeHomeट्रंप टैरिफ से जनता नहीं, अमेरिकी कंपनियों का फायदा... संसद में केले...

    ट्रंप टैरिफ से जनता नहीं, अमेरिकी कंपनियों का फायदा… संसद में केले पर हुआ हंगामा है प्रमाण

    Published on

    spot_img


    जब पूरी दुनिया में टैरिफ को लेकर टकराव बढ़ रहा है, तब वैश्विक राजनीति के समीकरण भी तेज़ी से बदलने शुरू हो गए हैं. इसे जियो-पॉलिटिक्स का चेस गेम भी कहा जा सकता है, जिसमें हर देश बहुत सोच समझकर अपनी चालें चल रहा है और पल-पल वैश्विक राजनीति का केंद्र बिन्दु बदलता जा रहा है.

    सबसे बड़ा बदलाव तो यही है कि जिस रूस से कच्चा तेल खरीदने के लिए राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत पर पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया, अब उसी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की मुलाकात हो सकती है. इस मुलाकात की तारीख और समय अभी तय नहीं हुआ है. लेकिन अंतरराष्ट्रीय मीडिया में दावा है कि ये मुलाकात अगले हफ्ते UAE में हो सकती है.

    इस मुलाकात के लिए एक शिखर सम्मेलन का आयोजन होगा, जिसमें दोनों देशों के बीच अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा होगी और ऐसा दावा है कि इस सम्मेलन के आउटरीच प्रोग्राम में राष्ट्रपति पुतिन, यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से भी मिल सकते हैं. यूक्रेन वही देश है, जो फरवरी 2022 से रूस के खिलाफ युद्ध लड़ रहा है और ये युद्ध अब भी जारी है.

    आखिरी बार 2018 में फिनलैंड में हुई थी मुलाकात

    राष्ट्रपति ट्रंप और राष्ट्रपति पुतिन के बीच आखिरी बार मुलाकात जुलाई 2018 में फिनलैंड में हुई थी, लेकिन अब यूक्रेन युद्ध के बाद पहली बार ऐसा होगा, जब दोनों देशों के बीच इस तरह का समिट होगा. और हो सकता है कि इस समिट में भारत पर जो 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया गया है, वो मुद्दा भी उठाया जाए. कारण, रूस ने इस टैरिफ का विरोध किया है. और ये कहा है कि भारत को इसकी पूरी आजादी है कि वो किसी के साथ भी व्यापार करे. ये मुलाकात इसलिए भी महत्वपूर्ण होगी क्योंकि इसी महीने के आखिर में 31 अगस्त और 1 सितंबर को भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 7 साल बाद चीन में होंगे.

    चीन में SCO यानी शंघाई सहयोग संगठन का वार्षिक सम्मेलन होना है, जिसमें चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी होंगे, भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी होंगे और रूस के राष्ट्रपति पुतिन भी इस समिट में शामिल होने के लिए चीन की यात्रा पर आ सकते हैं. यानी जियो-पॉलिटिक्स का ये चेस गेम काफी गंभीर होने वाला है.

    चीन के साथ सुधर रहे भारत के रिश्ते?

    जब तक अमेरिका ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ नहीं लगाया था, तब तक दुनिया के वर्ल्ड ऑर्डर में ज्यादा बदलाव नहीं आए थे. उस वक्त अमेरिका के साथ भारत के संबंध अच्छे थे. चीन के साथ संबंधों में तनाव था और रूस को लेकर हमारे रिश्ते पहले जैसे ही थे. उस परिस्थिति में अमेरिका हमारे करीब था और चीन हमसे दूर था. लेकिन अब परिस्थितियां बदली हुई दिख रही हैं. अब टैरिफ के कारण भारत और अमेरिका के रिश्तों में तनाव है. चीन के साथ रिश्तों में सुधार हुआ है और प्रधानमंत्री मोदी 7 साल बाद एससीओ समिट के लिए चीन जाने वाले हैं और रूस से भी हमारे संबंध मजबूत हुए हैं क्योंकि हमने अमेरिका के दबाव के बावजूद रूस के साथ अपने व्यापार को बंद नहीं किया.

    हालांकि अभी कुछ लोग ये कह रहे हैं कि भारत को अमेरिका का सामना करने के लिए चीन का समर्थन लेना चाहिए, लेकिन यहां आपको ये भी समझना होगा कि चीन कभी भी भारत का दोस्त नहीं हो सकता. इन हालात में चीन हमारे लिए एक रणनीतिक साझेदार तो बन सकता है लेकिन जब हम चीन के साथ बातचीत करेंगे तो ये बात भी हमारे ज़हन में रहेगी कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने चीन में बने हथियारों का इस्तेमाल किया था और लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में चीन का भारत के साथ जो सीमा विवाद है, वो अब भी सुलझा नहीं है. ये जियो-पॉलिटिक्स का चेस गेम है, जिसमें हर देश अपने हितों की रक्षा करते हुए आगे बढ़ रहा है.

    सिर्फ भारत पर नहीं लग रहा ट्रंप टैरिफ

    यहां जरूरी बात ये है कि रूस, चीन और भारत में पिछले एक दशक से राजनीतिक स्थिरता रही है जबकि अमेरिका में 6 महीने पहले ही डॉनल्ड ट्रंप नए राष्ट्रपति बने हैं. पुतिन लगातार साल 2012 से रूस के राष्ट्रपति हैं, शी जिनपिंग साल 2013 से चीन के राष्ट्रपति हैं और नरेन्द्र मोदी साल 2014 से भारत के प्रधानमंत्री हैं. जबकि डॉनल्ड ट्रंप इसी साल जनवरी में अमेरिका के राष्ट्रपति बने हैं. ऐसे में जब ये नेता चर्चा के लिए टेबल पर बैठेंगे तो इनके देशों की ये राजनीतिक स्थिरता भी मायने रखेगी.

    ऐसा नहीं है कि राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप सिर्फ भारत पर टैरिफ लगा रहे हैं. ये टैरिफ पूरी दुनिया पर लगाया जा रहा है. जिन देशों के साथ अमेरिका ने ट्रेड डील की है, उन पर भी ये टैरिफ लगाया गया है.

    राष्ट्रपति ट्रंप कह रहे हैं कि ऐसा करके वो अमेरिका की उत्पादन क्षमता को बढ़ाना चाहते है. दुनिया की सभी कंपनियों को ये संदेश देना चाहते हैं कि अगर उन्हें अमेरिका में अपना सामान बेचना है तो उन्हें वो सारा सामान अमेरिका में ही बनाना भी होगा. वर्ना उन पर भारी टैरिफ लगाया जाएगा. ये देखकर ऐसा लगता है कि राष्ट्रपति ट्रंप अमेरिका के लोगों का भला चाहते हैं. लेकिन इसकी कड़वी सच्चाई कुछ और ही है.

    ट्रंप की टैरिफ घोषणा पर अमेरिकी संसद में हुआ था हंगामा

    अप्रैल में जब पहली बार राष्ट्रपति ट्रंप ने दुनिया पर रेसिपरोकल टैरिफ लगाने का ऐलान किया, तब अमेरिकी संसद की House Appropriations Committee में इस पर ज़बरदस्त हंगामा हुआ. इस बैठक में डेमोक्रेटिक पार्टी की एक नेता ने केला दिखाते हुए ये पूछा कि इस पर कितना टैरिफ लगता है. जवाब में अमेरिका के Commerce Secretary ने कहा कि इस पर लगभग 10 प्रतिशत टैरिफ लगता है और यहीं से अमेरिका के लोगों को एक नई बात पता चली.

    वो बात ये थी कि इन केलों से वॉलमार्ट कंपनी ने 8 प्रतिशत मुनाफा कमाया और जो सस्ती कीमतों पर केले दूसरे देशों से खरीदे गए, उनसे अमेरिका के लोगों को कोई फायदा नहीं मिला. इस घटना से अमेरिका में ये बहस भी शुरू हुई कि टैरिफ के नाम पर राष्ट्रपति ट्रंप अमेरिकी लोगों को फायदा पहुंचाने की जो बड़ी बड़ी बातें कह रहे हैं, उनमें दम नहीं है. हकीकत ये है कि टैरिफ को लेकर जितनी भी ट्रेड डील हो रही हैं, उनमें अमेरिकी लोगों से ज्यादा अमेरिकी कंपनियों का हित देखा जा रहा है.

    रातोरात मैन्युफैक्चरिंग हब नहीं बन सकता अमेरिका

    इसके अलावा ये आइडिया भी पूरी तरह से गलत है कि अमेरिका ज्यादा टैरिफ लगाकर रातों-रात एक मैन्युफैक्चरिंग हब बन जाएगा और वहां दूसरे देशों से कंपनियां आकर अपनी फैक्ट्रियां लगा लेंगी. इसे आप केलों के उदाहरण से भी समझ सकते हैं. पूरी दुनिया में अमेरिका केलों का सबसे ज्यादा आयात करता है. 2024 में उसने लगभग 28 हज़ार करोड़ रुपये के केले खरीदे थे. अब अमेरिका चाहे भी, तो भी वो इस आयात को कम नहीं कर सकता.

    इसका कारण ये है कि अमेरिका की मिट्टी ऐसी है कि वहां केले नहीं उगाए जा सकते. और अगर इसके बाद भी वहां केलों को उगाया जाता है तो ये केले दूसरे देशों से खरीदे गए केलों से भी ज्यादा महंगे होंगे. और यही बात सोचकर अमेरिका को इन केलों का आयात दूसरे देशों से करना पड़ता है. और यहां बात सिर्फ केलों की नहीं है.

    फैक्ट्रियों और कारखानों में काम करने के लिए कहां से आएंगे लोग?

    इलेक्ट्रॉनिक्स सामान, स्मार्टफोन, दवाइयां, सेमिकंडक्टर चिप्स, ऑटो पार्ट्स, फल और सब्जियों के लिए भी अमेरिका काफी हद तक दूसरे देशों पर निर्भर है और इनकी ग्लोबल स्पलाई चेन ऐसी है कि अमेरिका चाहकर भी इनका उत्पादन अपने देश में नहीं कर सकता लेकिन इसके बावजूद टैरिफ के मुद्दे पर पूरी दुनिया को गुमराह किया जा रहा है, जिसके बारे में अमेरिका के नेता भी अच्छी तरह से जानते हैं.

    राष्ट्रपति ट्रंप का कहना है कि वो टैरिफ की मदद से अमेरिका में बड़ी बड़ी फैक्ट्रियां और कारखाने लगाना चाहते हैं लेकिन बड़ा सवाल ये है कि इन फैक्ट्रियों और कारखानों में काम करने के लिए लोग कहां से आएंगे. अमेरिका में तो मोटापा एक बड़ी समस्या है. वहां हर तीन में से एक व्यक्ति को मोटापे की समस्या है और ऐसे में बड़ा सवाल यही है कि क्या राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने देश के इन लोगों से पूछा भी है कि वो इन फैक्ट्रियों और कारखानों में काम करना चाहते भी हैं या नहीं?

    —- समाप्त —-



    Source link

    Latest articles

    Mamata has turned Bengal into a safe haven for rapists: BJP | India News – The Times of India

    BJP on Saturday upped the ante against Mamata Banerjeeled Bengal govt...

    Diane Keaton, Oscar-Winning Star of ‘Annie Hall’ and ‘The Godfather,’ Dies at 79

    Diane Keaton, the Oscar-winning star of Annie Hall, The Godfather films and Father...

    Diane Keaton passes away at 79: Oscar-winner known for ‘Annie Hall’ & ‘Godfather’ – The Times of India

    Diane Keaton, the Oscar-winning actor best known for her roles in...

    12 Photos of a Young Diane Keaton, the Original Poster Girl for Vintage Fashion

    Said outfit, of course, echoed her on-screen style as Annie, whose “rueful, Chaplinesque,...

    More like this

    Mamata has turned Bengal into a safe haven for rapists: BJP | India News – The Times of India

    BJP on Saturday upped the ante against Mamata Banerjeeled Bengal govt...

    Diane Keaton, Oscar-Winning Star of ‘Annie Hall’ and ‘The Godfather,’ Dies at 79

    Diane Keaton, the Oscar-winning star of Annie Hall, The Godfather films and Father...

    Diane Keaton passes away at 79: Oscar-winner known for ‘Annie Hall’ & ‘Godfather’ – The Times of India

    Diane Keaton, the Oscar-winning actor best known for her roles in...