अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25% एक्स्ट्रा टैरिफ लगाने का ऐलान किया है. अब भारत से अमेरिका को होने वाले कुल निर्यात पर 50% टैरिफ लगेगा. ये एक्स्ट्रा टैरिफ 21 दिन बाद यानी 27 अगस्त से लागू होगा. इससे पहले ट्रंप ने भारत पर 25% टैरिफ लगाया गया था, लेकिन अब इसे 25 फीसदी और बढ़ाकर 50 फीसदी कर दिया है. ट्रंप ने भारत पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने का कार्यकारी आदेश साइन कर दिया है. अमेरिका ने ये फैसला इसलिए लिया है, क्योंकि भारत रूस से तेल खरीदता है.
भारत पर ट्रेड डील करने का दबाव डालने तक तो ठीक था, लेकिन ट्रंप की भारत को लेकर जुबान और हरकतें, 21वीं सदी के सबसे अहम रिश्तों को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं.
रूस से तेल उत्पाद खरीदने के मामले में भी तुर्किए और चीन भारत से आगे हैं. सिंगापुर सऊदी अरब UAE का भी नाम इस फेहरिस्त में है, लेकिन ट्रंप का सारा जोर भारत पर है. जुलाई महीने का ही आंकड़ा है कि यूरोप को रूसी पाइपलाइन गैस निर्यात महीने दर महीने 37% बढ़ी है, लेकिन ट्रंप EU को आंख नहीं दिखा रहे.
भारत को निशाना क्यों बना रहे ट्रंप?
ट्रंप भारत को इसलिए निशाना बना रहे हैं, क्योंकि उसने पाकिस्तान के साथ सीजफायर करवाने के उनके दावे को खारिज कर दिया. उनके अहंकार को चोट लगी है, जो उनके लिए हानिकारक हो सकती है. क्योंकि भारत में ट्रंप का कारोबार बहुत तेजी से फल फूल रहा है. अकेले भारत से ट्रंप को 15 हजार करोड़ रुपये का फायदा होने की उम्मीद है. देश के सभी बड़े शहरों में ट्रंप टावर लॉन्च होते ही बिक जा रहे हैं. जबकि इन फ्लैट की कीमत 125 करोड़ रुपये तक है.
ट्रंप टावर के जरिए भारत से मोटी कमाई कर रहे डोनाल्ड
रूस के साथ भारत की दोस्ती से परेशान डोनाल्ड ट्रंप ने भारत की इकोनॉमी को डेड यानी मरा हुआ तो कह दिया, लेकिन उसके बाद उनकी खूब खिंचाई हुई. भारत की जिस इकोनॉमी को डोनाल्ड ट्रंप मरा बताते हैं, उसी इकोनॉमी से उन्हें 15000 करोड़ रुपये की कमाई होने की संभावना है, 175 करोड़ रुपये तो उनकी जेब में भी पहुंच गए हैं, वो भी बिना कुछ किए. हकीकत ये है कि भारत में फूटी कौड़ी लगाए बिना या खुद से कोई कारोबार किए बिना डोनाल्ड ट्रंप यहां से हजारों करोड़ों रुपये कमा रहे हैं. सबसे बड़ी बात ट्रंप ऑर्गेनाइजेशन को इतनी ज्यादा आमदनी दुनिया में कहीं नहीं हो रही है.
भारत में फल-फूल रहा ट्रंप का कारोबार
डोनाल्ड ट्रंप का पहला प्यार उनका कारोबार है, वो भले ही अमेरिकी राष्ट्रपति हों. लेकिन वो दिल से कारोबारी हैं. 2-2 बार राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप के पद और प्रतिष्ठा का फायदा उनके कारोबार को भी हुआ. ट्रंप ने भारत में भी इसका विस्तार किया और फूटी कौड़ी खर्च किए करोड़ों अपनी जेब में डाल लिए. डोनाल्ड ट्रंप को ये कमाई भारत के रियल एस्टेट कारोबार से हो रही है.
दिल्ली से सटे गुरुग्राम में ट्रंप टावर बन रहे हैं, इस इमारत को बनाने के लिए भले ही डोनाल्ड ट्रंप को फूटी कौड़ी भी खर्च नहीं करनी पड़ी हो, फिर भी उन्हें इसके बदले में बैठे-बिठाए आमदनी हो रही है. गुरुग्राम के ट्रंप टावर की नींव डोनाल्ड ट्रंप के बेटे डोनाल्ड जॉन ट्रंप ने रखी थी. गुरुग्राम में ट्रंप प्रोजेक्ट की लॉन्चिंग 13 मई 2025 को हुई. पहले ही दिन 3,250 करोड़ रुपये की बुकिंग दर्ज होने के साथ सभी 298 यूनिट्स बिक गईं. इन फ्लैट्स की कीमत 8 करोड़ रुपये से 15 करोड़ रुपये के बीच है. इतना ही नहीं, इस प्रोजेक्ट में 125 करोड़ रुपये की कीमत के 4 अल्ट्रा प्रीमियम पेंटहाउस भी हैं, जो बिक चुके हैं. जो ये दिखाता है कि भारत के लग्जरी रियल स्टेट मार्केट की डिमांड बढ़ रही है. लोग प्रीमियम प्रॉपर्टी को खरीदना ज्यादा पसंद कर रहे हैं.
भारत के 7 शहरों में 13 प्रोजेक्ट से कमाई कर रहे ट्रंप
ट्रंप ऑर्गेनाइजेशन भारतीय डेवलपर्स को ‘ट्रंप’ नाम का इस्तेमाल करने पर फीस और बिक्री में से हिस्सेदारी लेता है, जिससे उसे बिना एक पैसा लगाए बहुत मोटी कमाई हो रही है. ट्रंप अपना नाम बेचकर भारत के 7 शहरों के 13 प्रोजेक्ट से मोटी कमाई कर रहे हैं. ये शहर हैं- मुंबई, पुणे, गुरुग्राम, कोलकाता, हैदराबाद, नोएडा और बेंगलुरु. यही वजह है कि 2023 तक उनका ब्रांड नेम जो लगभग 3 मिलियन वर्ग फीट रियल एस्टेट प्रोजेक्ट से ही जुड़ा था, वह प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद बढ़कर 11 मिलियन वर्ग फीट तक पहुंच जाएगा.
‘भारत से पंगा लेना घाटे का सौदा’
एक्सपर्ट कह रहे हैं कि डोनाल्ड ट्रंप को भारत से पंगा लेना घाटे का सौदा हो सकता है, क्योंकि भारत एक उभरती महाशक्ति है, जो बहुत जल्द तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाली है. भारत में महंगे और लग्जरी फ्लैट की मांग दुनिया में किसी भी देश से ज्यादा रफ्तार से बढ़ने वाली है. इसका सीधा फायदा डोनाल्ड ट्रंप की कंपनी को हो सकता है, लेकिन वो भारत को नाराज करके इतने बड़े बाजार से हाथ धो सकते हैं.
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