पुरी जिले की 15 वर्षीय लड़की की दिल्ली एम्स में मौत के कुछ घंटों बाद, ओडिशा पुलिस ने शनिवार को दावा किया कि इस मामले में किसी और शख्स की संलिप्तता नहीं पाई गई है. यह बयान तब आया जब पीड़िता की मां ने 19 जुलाई को बालांगा पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराते हुए तीन अज्ञात लोगों पर उनकी बेटी को जलाने का आरोप लगाया था.
पुलिस ने इस संवेदनशील मामले की जांच को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर एक पोस्ट में कहा, “बालांगा घटना में पीड़ित लड़की की मौत की खबर सुनकर हम गहरे दुख में हैं. पुलिस ने इस मामले की जांच पूरी ईमानदारी के साथ की है.
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जांच अंतिम चरण में है. अब तक की जांच के अनुसार यह स्पष्ट है कि इस घटना में कोई अन्य व्यक्ति शामिल नहीं है. इसलिए हम सभी से अनुरोध करते हैं कि इस दुखद समय में कोई भी संवेदनशील टिप्पणी न करें.”
पुरी मामले में लड़की को आग कैसे लगी, पुलिस ने नहीं किया स्पष्ट
पुलिस ने हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया कि आखिर लड़की को आग कैसे लगी. एफआईआर में लड़की की मां ने आरोप लगाया था कि तीन अज्ञात लोगों ने उसकी बेटी का अपहरण किया और उस पर ज्वलनशील पदार्थ डालकर आग लगा दी. इस शिकायत के बाद पुलिस ने सीनियर अधिकारियों को मौके पर भेजा. घटना स्थल पर वैज्ञानिक टीम और डॉग स्क्वाड की मदद से सबूत इकट्ठा किए गए.
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एसआईटी ने की लड़की को आग लगने के मामले की जांच
पुलिस के मुताबिक, इस केस की जांच के लिए एक Special Investigation Team (SIT) बनाई गई, जो कि मामले की हर एंगल से जांच कर रही है. पुलिस ने बताया कि जांच लगभग पूरी हो चुकी है और शुरुआती निष्कर्ष के अनुसार इसमें किसी और व्यक्ति की भूमिका नहीं पाई गई है. इस बीच, सुरक्षा कारणों से मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्रियों और अन्य मंत्रियों के आवास के पास सुरक्षा कड़ी कर दी गई है.
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