Prajjwal Revanna Sex Scandal: कर्नाटक की राजनीति में उस वक्त भूचाल आया, जब एक पेन ड्राइव ने एक पूर्व सांसद की करतूत को उजागर कर दिया था. पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा के पोते और जेडीएस नेता प्रज्वल रेवन्ना पर रेप के आरोप लगे. ये इल्जाम कई महिलाओं ने लगाए. उसके वीडियो क्लिप्स लीक हुए, सोशल मीडिया पर सनसनी फैली और फिर दर्ज हुए एक बाद एक तीन मामले. एक ओर SIT ने जांच शुरू की, दूसरी ओर आरोपी जर्मनी भाग गया. लेकिन कानून का शिकंजा कसने पर उसे वापस आना पड़ा. और अब आखिरकार कोर्ट ने उसे दोषी करार दे दिया. आईए सिलसिलेवार जानते हैं इस केस की पूरी टाइमलाइन.
21 अप्रैल 2024
हासन में लोगों को कुछ पेन ड्राइव वितरित की गईं जिनमें कथित रूप से अश्लील वीडियो क्लिप्स थीं. ये वीडियो प्रज्वल रेवन्ना से जुड़े होने की बात कही गई और यहीं से मामले ने तूल पकड़ना शुरू किया.
22 अप्रैल 2024
इन पेन ड्राइव से कुछ चुनिंदा वीडियो मोबाइल और व्हाट्सएप पर शेयर होने लगे. वीडियो में प्रज्वल रेवन्ना कई महिलाओं के साथ आपत्तिजनक हालत में नजर आ रहे थे.
23 अप्रैल 2024
दिन भर में और वीडियो वायरल हो गए, जिससे पूरे हासन जिले में तनाव का माहौल बन गया. राजनैतिक गलियारों में हलचल बढ़ गई.
23 अप्रैल 2024, शाम का वक्त
हासन सेंट्रल ईएन पुलिस स्टेशन में एक महिला ने प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. यह इस मामले की पहली आधिकारिक शिकायत थी.
26 अप्रैल 2024
इस दिन प्रज्वल रेवन्ना ने लोकसभा चुनाव में मतदान किया, मीडिया से बातचीत की और एक पारिवारिक अंतिम संस्कार में शामिल भी हुए. वह तब भी जनता के बीच बेफिक्र नजर आया.
27 अप्रैल 2024, सुबह का वक्त
आरोपी नेता प्रज्वल रेवन्ना देश छोड़कर भाग गया. वह बेंगलुरु से फ्लाइट पकड़कर जर्मनी चला गया, जबकि पुलिस को उसके खिलाफ शिकायत की जानकारी मिल चुकी थी.
27 अप्रैल 2024, शाम के समय
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने एक विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया, जो इस मामले की गहराई से जांच करने जा रही थी.
28 अप्रैल 2024
होलेनरसीपुरा में पहली एफआईआर दर्ज की गई, जिसमें प्रज्वल को आरोपी नंबर 2 और उसके पिता एचडी रेवन्ना को मुख्य आरोपी बनाया गया. मामला तुरंत SIT को सौंप दिया गया.
29 अप्रैल 2024
पीड़िता ने अदालत में मजिस्ट्रेट के सामने धारा 164 के तहत अपना बयान दर्ज कराया. उसने बलात्कार, धमकी और वीडियो वायरल करने की जानकारी दी.
30 अप्रैल 2024
SIT ने प्रज्वल को नोटिस भेजा और 24 घंटे के भीतर पेश होने का निर्देश दिया. ये नोटिस सीधे उनके घर भेजा गया.
1 मई 2024
प्रज्वल के वकील ने एक हफ्ते की मोहलत मांगी लेकिन SIT ने मना कर दिया. इसी दिन सीआईडी साइबर क्राइम थाना में दूसरी एफआईआर दर्ज हुई.
2 मई 2024
SIT ने लुकआउट सर्कुलर जारी किया ताकि प्रज्वल रेवन्ना देश छोड़कर न भाग सके, हालांकि वो पहले ही जर्मनी जा चुका था.
4 मई 2024
इंटरपोल से संपर्क करके प्रज्वल के खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी कराया गया, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसकी जानकारी ट्रैक हो सके.
7 मई 2024
सीआईडी साइबर थाने में एक और महिला ने बलात्कार का केस दर्ज कराया. इस बार पीड़िता एक 44 वर्षीय जेडीएस कार्यकर्ता थी.
18 मई 2024
स्थानीय अदालत ने प्रज्वल के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया, ताकि SIT उसे विदेशी जमीन से लाने की प्रक्रिया शुरू कर सके.
24–25 मई 2024
SIT ने विदेश मंत्रालय को पत्र भेजा कि प्रज्वल का राजनयिक पासपोर्ट रद्द किया जाए. मंत्रालय ने पासपोर्ट रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की और नोटिस भेजा.
27 मई 2024
प्रज्वल ने जर्मनी से एक वीडियो मैसेज जारी किया और कहा कि वह निर्दोष है और जल्द भारत लौटेगा.
31 मई 2024
वह भारत लौटा और बेंगलुरु एयरपोर्ट पर उतरते ही SIT ने उसे गिरफ्तार कर लिया. खास बात यह रही कि गिरफ्तारी करने वाली टीम में सभी महिला अफसर थीं.
जून 2024
तीसरी महिला, जिसकी उम्र 60 साल के आसपास थी, ने भी SIT के सामने बलात्कार की शिकायत दर्ज कराई. इस केस में भी IPC की धारा 376, 354C और 506 लगाई गईं.
SIT की जांच और आरोप पत्र
तीनों केसों में SIT ने इलेक्ट्रॉनिक और फॉरेंसिक सबूतों के आधार पर जांच पूरी की और अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी.
31 दिसंबर 2024
प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ मुकदमे की औपचारिक शुरुआत हुई. अदालत ने वीडियो, पीड़िता के बयान और DNA साक्ष्य के आधार पर सुनवाई शुरू की.
1 अगस्त 2025
लगभग 7 महीने लंबी सुनवाई के बाद कोर्ट ने प्रज्वल रेवन्ना को एक बलात्कार के मामले में दोषी करार दिया. अब 2 अगस्त को उसकी सजा सुनाई जाएगी.
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