More
    HomeHomeतब 7 गोलियां खाकर भी नहीं डिगे, अब कान पकड़कर उठक-बैठक... दिलेरी...

    तब 7 गोलियां खाकर भी नहीं डिगे, अब कान पकड़कर उठक-बैठक… दिलेरी भरी है शाहजहांपुर वाले IAS रिंकू सिंह की कहानी

    Published on

    spot_img


    IAS Rinku Singh : शाहजहांपुर में वकीलों की भीड़ के बीच एक IAS असफर कान पकड़े हुए उठक-बैठक कर रहा हो. न कोई रौब, न गुस्सा, न अहंकार. यह वीडियो जिसने भी देखा, उसकी आंखें ठिठक गईं. ये वही IAS रिंकू सिंह राही हैं, जिन्होंने 2009 में 83 करोड़ के घोटाले का भंडाफोड़ किया, और उसके बाद बदमाशों ने उन्हें सात गोलियां मार दी थीं. वह जिंदा तो बच गए, लेकिन उनका चेहरा बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया. लेकिन ईमानदारी और साहस की चमक नहीं गई.

    क्यों लगाई कान पकड़कर उठक-बैठक 

    आईएएस रिंकू सिंह राही अभी हाल में ही शाहजहांपुर के पुवाया में एसडीएम का चार्ज मिला. जिसके बाद वह निरीक्षण के लिए निकले थे इसी दौरान एक वकील टॉयलेट के बाहर गंदगी कर रहा था. नाराज आईएएस अफसर ने उससे उठक बैठक लगवा दी थी. जिसके बाद वकीलों ने हंगामा किया और सभी धरने पर बैठ गए. वकीलों के बीच पहुंचकर उन्होंने माफी मांगते हुए कान पकड़े और खुद उठक बैठक लगा दी. देखते ही देखते इसका वीडियो वायरल हो गया.

    गलती करना पर सजा जरूरी 

    दरअसल, मथुरा से ट्रांसफर होकर शाहजहांपुर आए रिंकू सिंह राही का कहना है कि अगर कोई गलती करता है तो उसको दंड मिलना चाहिए, ताकि वह दोबारा से ऐसी गलती ना करे. इस बात को समझाने के लिए मैंने स्वयं भी उठक बैठक लगाई.

    ईमानदारी का वह दिन जब चल गईं गोलियां

    यह वही रिंकू राही हैं, जिन्होंने 2009 में मुजफ्फरनगर में समाज कल्याण अधिकारी रहते हुए 83 करोड़ के घोटाले का पर्दाफाश किया था. उस वक्त विभाग में बैठे कई रसूखदार लोग इस सच्चाई से बौखला गए थे. रिंकू ने जैसे ही घोटाले का खुलासा किया, उन पर हमला हो गया. उन्हें सात गोलियां मारी गईं. वह जिंदा तो बच गए. उनका कहना है कि जब आप ईमानदारी से काम करते हैं तो भगवान भी आपके साथ होता है. हमले के बाद उन्हें एक के बाद एक जिलों में ट्रांसफर किया गया. भदोही, श्रावस्ती, ललितपुर, हापुड़… लेकिन कहीं भी उन्होंने अपनी नीयत नहीं बदली और ईमानदारी से काम करते रहे.

    पिता चलाते थे आटा चक्की 

    अलीगढ़ के डोरी नगर के रहने वाले रिंकू सिंह राही के पिता शिवदान सिंह एक सामान्य आटा चक्की चलाते थे. घर की स्थिति ऐसी नहीं थी कि किसी कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ा सकें, इसलिए रिंकू ने सरकारी स्कूल से शिक्षा पाई. स्कॉलरशिप मिली, मेहनत रंग लाई और उन्होंने इंजीनियरिंग के लिए टाटा इंस्टीट्यूट का रुख किया. फिर 2008 में पीसीएस परीक्षा पास की और अधिकारी बने.

    छात्रों की प्रेरणा से बनी एक नई उड़ान

    जब वे हापुड़ में तैनात थे, तब उन्हें राज्य सरकार द्वारा संचालित IAS/PCS कोचिंग सेंटर का निदेशक बनाया गया. वहां वे छात्रों को खुद पढ़ाते और मार्गदर्शन देते थे. छात्र अक्सर कहते थे कि सर, आपने अगर इतने संघर्ष के बाद ये मुकाम पाया है, तो आपको फिर UPSC देना चाहिए. आप मिसाल बनेंगे. यह बात रिंकू सिंह के मन में बैठ गई. और 2021 में उन्होंने दोबारा UPSC परीक्षा दी. देशभर में 683वीं रैंक हासिल की.

    —- समाप्त —-



    Source link

    Latest articles

    Pamela Anderson’s Recent Shoe Lineup for ‘The Naked Gun’ Promo Tour Read Like a Trend Report

    Pamela Anderson is back on the promo circuit, and this time, she’s trading...

    7 Quotes to Read When You Feel Lost

    Quotes to Read When You Feel Lost Source link

    The Deals: SourceAudio Signs AI Training Pact With ElevenLabs; Concerts.com Parent Company Acquired

    Synch and AI music dataset licensing platform SourceAudio teamed with AI audio research...

    Justin Timberlake reveals ‘debilitating’ Lyme disease diagnosis after lackluster performance got ‘misinterpreted’

    Justin Timberlake has been diagnosed with “debilitating” Lyme disease. The singer made the health...

    More like this

    Pamela Anderson’s Recent Shoe Lineup for ‘The Naked Gun’ Promo Tour Read Like a Trend Report

    Pamela Anderson is back on the promo circuit, and this time, she’s trading...

    7 Quotes to Read When You Feel Lost

    Quotes to Read When You Feel Lost Source link

    The Deals: SourceAudio Signs AI Training Pact With ElevenLabs; Concerts.com Parent Company Acquired

    Synch and AI music dataset licensing platform SourceAudio teamed with AI audio research...