टीम इंडिया के मुख्य कोच गौतम गंभीर की लंदन के द ओवल में पिच क्यूरेटर से जुबानी झड़प का मामला बढ़ता ही जा रहा है. यह घटना मंगलवार को भारत के ट्रेनिंग सेशन के दौरान घटी. लेकिन अब टीम इंडिया के बल्लेबाजी कोच सितांशु कोटक ने पूरा वाकया बताया है कि आखिर ये घटना कैसे घटी और क्यों बहस हुई…
भारत के बल्लेबाजी कोच सितांशु कोटक ने कहा, ‘जब हम पिच को देखने गए थे तो उन्होंने एक व्यक्ति को भेजा यह संदेश देने के लिए कि हमें पिच से 2.5 मीटर की दूरी पर रहना चाहिए. यह थोड़ा हैरान करने वाला था. हम केवल जॉगर्स (रबर वाले जूते) पहने हुए थे. स्थिति थोड़ी अजीब हो गई थी. हमें पता है कि क्यूरेटर अपने स्क्वायर और मैदान को लेकर थोड़े ज्यादा संवेदनशील और स्वामित्वभाव रखने वाले होते हैं.’
कोटक ने कहा, ‘उन्होंने मुख्य कोच के बारे में जो कहा, वह उनकी राय है, और मैं उस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता. रबर स्पाइक्स लगे विकेट को देखने में कोई बुराई नहीं है. क्यूरेटर को यह समझना होगा कि वे जिन लोगों से बात कर रहे हैं वे बेहद कुशल और बुद्धिमान लोग हैं… जब आप बेहद कुशल और बुद्धिमान लोगों के साथ काम कर रहे हों, अगर आप थोड़े घमंडी लग रहे हैं… तो आप रक्षात्मक हो सकते हैं, लेकिन आखिरकार, यह एक क्रिकेट पिच है, यह कोई पुरानी चीज नहीं है जिसे आप छू नहीं सकते क्योंकि यह 200 साल पुरानी है और टूट जाएगी…’
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गंभीर बनाम पिच क्यूरेटर: बहस में क्या-क्या कहा गया
क्यूरेटर: “गाली मत दो, दोबारा गाली दोगे तो मैं मैच रेफरी से शिकायत कर दूंगा.
गंभीर: जा रिपोर्ट कर, जो करना है कर, अभी निकल जा.
कोटक और क्यूरेटर आपस में बातचीत करते हैं (बातें स्पष्ट नहीं).
गंभीर (कोटक से): “इसको बोलो, इसको कहो कि निकल जाए, रिपोर्ट कर दे रेफरी से. इससे बात मत करो.
क्यूरेटर: (कुछ सुनाई नहीं दे रहा)
गंभीर: “तुम बंद करो. हमें मत बताओ क्या करना है. हमें क्या करना है, ये तुम तय नहीं करोगे.
क्यूरेटर: (कुछ सुनाई नहीं दे रहा)
गंभीर: “तुम हमें कुछ मत बताओ. तुम्हें कोई अधिकार नहीं है हमें बताने का. तुम सिर्फ एक ग्राउंड्समैन हो. अपनी हैसियत में रहो.”
क्यूरेटर: (कुछ सुनाई नहीं दे रहा)
गंभीर: “तुम सिर्फ एक ग्राउंड्समैन हो. कुछ नहीं, सिर्फ ग्राउंड्समैन. अपनी सीमा में रहो.”
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