भारत और इंग्लैंड के बीच मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान पर खेला गया टेस्ट मैच ड्रॉ रहा. इस मुकाबले के पांचवें दिन (27 जुलाई) रवींद्र जडेजा और वॉशिंगटन सुंदर ने यादगार बैटिंग करके इंग्लैंड को जीत से वंचित कर दिया. जडेजा 107 और सुंदर 101 रन पर नॉटआउट लौटे. दोनों के बीच पांचवें विकेट के लिए 203 रनों की पार्टनरशिप हुई.
आखिरी दिने के खेल में बवाल भी देखने को मिला. जब भारत का स्कोर चार विकेट पर 386 रन था और उसकी लीड 75 रनों की हो चुकी थी, तो इंग्लिश कप्तान बेन स्टोक्स दोनों बल्लेबाजों (रवींद्र जडेजा और वॉशिंगटन सुंदर) के पास जाते हैं और ड्रॉ के लिए उनसे हाथ मिलाना चाहते हैं. हालांकि जडेजा और सुंदर ने हाथ मिलाने से इनकार कर दिया. हो भी क्यों ना… दोनों बैटर तब शतक के करीब थे. तब जडेजा 89 और सुंदर 80 रन पर खेल रहे थे.
इस फैसले से बेन स्टोक्स गुस्से में आ गए. उन्होंने जडेजा पर तंज कसते हुए कहा, ‘आप हैरी ब्रूक के खिलाफ टेस्ट शतक बनाएंगे.’ इंग्लिश टीम ने इसके बाद अपने पार्ट टाइम गेंदबाजों जो रूट और हैरी ब्रूक से गेंदबाजी करवाई, ताकि बल्लेबाज जल्दी-जल्दी रन बनाएं और मैच खत्म हो. फिर रवींद्र जडेजा और वॉशिंगटन सुंदर ने अपने-अपने शतक पूरे किए, जिसके बाद मैच ड्रॉ पर समाप्त हुआ.
क्या स्टोक्स ने जडेजा से मैच के बाद नहीं मिलाया हाथ?
अब सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें ऐसा रहा है कि बेन स्टोक्स ने रवींद्र जडेजा से हाथ नहीं मिलाया. मैदान पर जैसा माहौल था, ऐसे में कुछ लोगों को यकीन भी हो गया. टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर संजय संजय मांजरेकर ने भी इस मामले पर अपने विचार साझा किए.
संजय मांजरेकर ने कहा, ‘मैच खत्म होने के बाद जडेजा खुद बेन स्टोक्स से हाथ मिलाने गए. बेन अभी भी गुस्से में थे. जब मैदान पर बातचीत हो रही थी, तो जडेजा इसे बहुत अच्छे से संभाल रहे थे. वह मुस्कुरा रहे थे. अंत में, बेन स्टोक्स ने उनसे हाथ नहीं मिलाया. वहीं मुझे लगा कि जडेजा का भी सब्र टूट चुका है. उन्होंने काफी देर तक खुद को संयमित रखा था.’
हालांकि सच्चाई कुछ और थी. मैच खत्म होते ही इंग्लिश कप्तान बेन स्टोक्स खुद सबसे पहले आगे आए और भारतीय बल्लेबाज रवींद्र जडेजा से हाथ मिलाया. इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) ने बेन स्टोक्स और रवींद्र जडेजा की हाथ मिलाते हुए तस्वीर अपने X अकाउंट पर पोस्ट की.
बेन स्टोक्स ने कहा कि उनके मन में भारतीय टीम के लिए काफी इज्जत है, स्टोक्स कहते हैं, ‘जब मुझे यकीन हो गया कि मुकाबला ड्रॉ ही होगा, तब मैंने मुख्य गेंदबाजों को चोट से बचाने के लिए उन्हें बॉलिंग मोर्चे से हटाया. सुंदर और जडेजा जैसे खिलाड़ी अगर शतकीय पारियां खेलकर अपनी टीम को बचाते हैं, तो यह किसी जीत से कम नहीं.’
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