उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में बलात्कार की एक सनसनीखेज वारदात सामने आई है. यहां एक निजी अस्पताल में इलाज कराने पहुंची महिला को पहले बेहोशी का इंजेक्शन दिया गया और फिर उसके साथ दरिंदगी की गई. आरोपी अस्पताल कर्मचारी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पीड़िता की शिकायत पर उसके खिलाफ बलात्कार समेत कई गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया गया है.
पुलिस अधीक्षक विकास कुमार ने बताया कि यह वारदात 25 जुलाई को बलरामपुर के पचपेड़वा थाना क्षेत्र स्थित विमला विक्रम अस्पताल में घटी. गैसड़ी क्षेत्र की रहने वाली करीब 28 वर्षीय महिला किसी बीमारी के इलाज के लिए अस्पताल पहुंची थी. इलाज के बहाने अस्पताल के कर्मचारी योगेश पांडे ने उसे बेहोशी का इंजेक्शन लगाया. वो जब अचेत हो गई, तो उसके साथ बलात्कार किया.
होश में आने के बाद जब पीड़िता को अपनी स्थिति का अहसास हुआ, तो उसने हिम्मत जुटाकर पुलिस से संपर्क किया. इसके बाद पूरी घटना की जानकारी दी. पीड़ित महिला की तहरीर के आधार पर पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं में केस दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. आरोपी से पूछताछ जारी है. उसे बहुत जल्द ही अदालत में पेश कर रिमांड मांगा जाएगा.
इस घटना के बाद अस्पताल प्रबंधन की भूमिका पर भी गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं. पुलिस यह भी जांच कर रही है कि आरोपी को मरीजों को इंजेक्शन लगाने की इजाजत किस आधार पर दी गई थी. क्या अस्पताल प्रशासन ने उसके व्यवहार और कार्यशैली पर कभी नजर रखी थी? इस पूरे मामले की पड़ताल कई कोणों से की जा रही है. फिलहाल पुलिस हिरासत में आरोपी से पूछताछ जारी है.
बताते चलें कि बलरामपुर जिला हाल ही में देशभर में चर्चित ‘धर्मांतरण सिंडिकेट’ के खुलासे को लेकर भी सुर्खियों में रहा है. छांगुर बाबा गैंग पर हिंदू लड़कियों को प्रेमजाल में फंसाकर उनके साथ बलात्कार करने और बाद में उनका जबरन धर्म परिवर्तन कराने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं. इस सिंडिकेट को विदेश से आने वाली करोड़ों की संदिग्ध फंडिंग भी जांच एजेंसियों के रडार पर लाई है.
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