बिहार के पूर्व मंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ा ऐलान किया है. तेज प्रताप ने साफ किया है कि वह इस बार महुआ विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ेंगे.
‘टीम तेज प्रताप यादव‘ बनाया
लंबे समय से राजनीति में सक्रिय तेज प्रताप ने कहा, ‘हमने ‘टीम तेज प्रताप यादव’ बनाया है. यह कोई राजनीतिक पार्टी नहीं है बल्कि एक ओपन प्लेटफॉर्म है, जहां हर किसी को जुड़ने और काम करने का मौका मिलेगा.’
तेज प्रताप ने आगे कहा कि ‘टीम तेज प्रताप’ में लगातार लोग जुड़ रहे हैं, और उन्होंने स्पष्ट किया कि ‘हमारा दरवाजा सबके लिए खुला है.’ हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि फिलहाल पार्टी लॉन्च करने की कोई योजना नहीं है.
तेज प्रताप का यह ऐलान ऐसे समय में आया है जब बिहार की राजनीति में बदलाव के संकेत मिल रहे हैं. उन्होंने यह भी बताया कि उनका उद्देश्य समाज के सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व देना और युवाओं को एक मंच देना है.
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, तेज प्रताप का यह कदम ना सिर्फ RJD के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है, बल्कि महुआ सीट पर एक दिलचस्प मुकाबले की भी भूमिका तैयार कर रहा है.
पहले भी महुआ से लड़ने की जताई थी इच्छा
गौरतलब है कि तेज प्रताप यादव ने पहले भी कहा था कि अगर राजद उन्हें टिकट नहीं देती है, तो वह महुआ से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ेंगे. तेज प्रताप ने स्पष्ट कहा था, ‘हम महुआ के लिए काम किए हैं, तो चुनाव भी महुआ से ही लड़ेंगे.’
तेज प्रताप ने महुआ को लेकर अपने भावनात्मक लगाव का जिक्र करते हुए कहा, ‘महुआ को हम जिला बनाएंगे, यह हमारी कर्मभूमि है. वहां की जनता कह रही है कि अगर राजद ने किसी और को टिकट दिया, तो हम उसे हरवा देंगे.’
कब है चुनाव?
बिहार विधानसभा चुनाव अक्टूबर से नवंबर 2025 के बीच आयोजित होने की उम्मीद है, क्योंकि 243 सदस्यों वाली बिहार विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को समाप्त हो रहा है. चुनाव आयोग ने 25 जून 2025 से मतदान सूची में सुधार के लिए “Special Intensive Revision” (SIR) प्रक्रिया शुरू की है और इसमें घर-घर जाकर नामों की पुष्टि की जा रही है . 1 अगस्त 2025 को प्रारूप मतदाता सूची जारी होगी, और 30 सितंबर 2025 तक अंतिम सूची प्रकाशित कर दी जाएगी. चुनाव संभवतः दो या तीन चरणों में होंगे, जिसमें त्योहार जैसे दिवाली (20 अक्टूबर) और छठ पूजा (28 अक्टूबर) को ध्यान में रखा जाएगा.
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